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पूरे झारखंड में पोस्ता की खेती के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान जनवरी-फरवरी महीने में भी जारी रहेगा। वर्ष 2023 में चतरा में पोस्ता की खेती को नष्ट कर वापस लौट रही टीम पर नक्सलियों ने हमला किया था। इस हमले में पुलिस के दो जवान शहीद हुए थे। इसके बाद से पुलिस ने सतर्कता बरतना शुरू किया है। गौरतलब हो कि पलामू और लातेहार में इन दिनों पोस्ता की खेती के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान कोई अनहोनी न हो इसे लेकर स्पेशल ऑपरेशनल प्लान (एसओपी) का पालन किया जा रहा है।
अति नक्सल प्रभावित इलाकों में पोस्ता की खेती को नष्ट करने के लिए बनाई गई टीम में शामिल जवानों को आधुनिक हथियार दिए गए हैं। साथ ही सीनियर अधिकारी अभियान की मॉनिटरिंग करते हैं। जिस रास्ते से पुलिस पोस्ता की खेती नष्ट करने के लिए जा रही है दोबारा उस रास्ते से वापस नहीं लौटती है। पोस्ता की खेती के खिलाफ अभियान में शामिल टीम की मॉनिटरिंग मुख्यालय स्तर पर भी की जा रही है। हाल में ही मुख्य सचिव और डीजीपी ने पोस्ता की खेती के खिलाफ अभियान की समीक्षा की थी। खेती वाली जगहों पर जाने के लिए जवान बाइक का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई इलाकों में 10 से 15 किलोमीटर तक जवान पैदल सफर कर खेतों तक पहुंच रहे हैं। गौरतलब हो कि झारखंड-बिहार सीमा और पलामू-चतरा और पलामू-लातेहार सीमा पर बड़े पैमाने पर पोस्ता की खेती होती है। 2007-2008 में इन इलाकों में पोस्ता की खेती की शुरुआत हुई थी।
उस दौरान प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी और टीएसपीसी का वर्चस्व वाला दौर था। दोनों संगठन अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए खेती को करवाते थे। 2023-24 में पलामू में 177 एकड़ में लगे पोस्ता की फसल को नष्ट किया गया था। पलामू का मनातू, तरहसी, पिपराटांड़, पांकी, नौडीहा बाजार का इलाका पोस्ता की खेती से प्रभावित रहा है। पलामू में पोस्ता (अफीम) की खेती को नष्ट करने के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। बिहार के तस्कर बटाईदारी में पोस्ता की खेती कर रहे हैं। पहली बार यह सामने आया है कि तस्कर बटाईदारी में पोस्ता की खेती कर रहे हैं। पलामू पुलिस को सूचना मिली थी कि हरिहरगंज के पथरा के इलाके में पोस्ता की खेती हो रही है। हरिहरगंज के थाना प्रभारी चंदन कुमार के नेतृत्व में सर्च अभियान चलाया गया और तीन एकड़ में पोस्ता की खेती को नष्ट किया गया है। 2022 के बाद पहली बार रैयती खेती पर पोस्ता की फसल लगाई गई थी। यहां पर पोस्ता की फसल लगाने वाले बिहार के डुमरिया से संबंध रखते हैं जिन्होंने स्थानीय व्यक्तियों से जमीन ली थी। पुलिस ने पूरे मामले में स्थानीय व्यक्ति नीरज एवं बिहार के डुमरिया के रहने वाले संजय पासवान, गिरजा पासवान एवं हरिहरगंज के ढाकचा के रहने वाले शंभू राम के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है।