अयोध्या1 मिनट पहले
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जिले में इस वर्ष स्नेक बाइट का मामला बढ़ा हुआ है। पिछले तीन महीने में सांपों ने 472 लोगों को काटा है। बढ़ती जागरूकता के कारण अधिकांश लोगों की जान बच गई है।
सांप के काटने के बाद लोग झाड़ फूंक के बजाय सीधे अस्पताल पहुंचे। वहां एंटी स्नेक वेनम से उनका इलाज किया गया। आमतौर पर मानसून में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ती हैं, लेकिन इस बार मार्च-अप्रैल से ही मामले चरम पर हैं।
स्वास्थ्य विभाग पहले से ही अलर्ट था। जिला स्तरीय अस्पतालों के साथ-साथ सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी एंटी स्नेक वेनम की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध रखी गई थी।
पिछले वर्ष अप्रैल तक सर्पदंश के केवल 41 मामले सामने आए थे। मई में 22 और जून में 42 मामले दर्ज किए गए थे। इस वर्ष अब तक 472 घटनाएं हो चुकी हैं। जनवरी में 19, फरवरी में 29, मार्च में 45, अप्रैल में 81, मई में 107 और जून में 191 लोगों को सांपों ने काटा है।
कुल 472 मामलों में से 148 लोगों को विषैले सांपों ने काटा था। 189 लोगों को वैक्सीन दी गई। इलाज के दौरान पांच लोगों की मृत्यु हो गई।
सीएमओ बोले, सतर्कता जरूरी
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुशील कुमार ने बताया कि इन दिनों सर्पदंश के मामले बढ़े हैं। आगे स्थिति और गंभीर हो सकती है। उन्होंने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
डॉक्टर की सलाह है कि अंधेरे में बिना टॉर्च के बाहर न जाएं। कम रोशनी वाले घर, शौचालय या पार्किंग में सतर्क रहें। बिना मच्छरदानी के जमीन पर न सोएं। खुले में शौच न करें। नंगे पांव खेतों या बागों में न जाएं। तालाबों और नदियों में नहाते या कपड़े धोते समय सावधान रहें।