‘ स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिल ज्यादा आने लगा है। पहले एक हजार रुपए बिल आता था, अब तीन हजार तक आता है। रिचार्ज कब खत्म हो जाता है, पता ही नहीं चलता। बिजली काट दी जाती है।’
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मनीषा, जमुई
‘सरकार ने स्मार्ट मीटर लगा दिए लेकिन बिजली कटौती अब भी हो रही है।। बिजली के ट्रांसफार्मर और तार जर्जर हैं। इन्हें भी स्मार्ट करना चाहिए, वरना पैसे देने के बाद भी हम परेशान होंगे।’
सुशीला भारती, पूर्णिया
‘स्मार्ट मीटर में पहले रिचार्ज करना पड़ता है। किसी भी समय लाइट कट जाती है। हर वक्त इंसान के पास पैसा नहीं होता है। इस वजह से परेशान हैं।’
राकेश कुमार, भागलपुर
‘हम रिचार्ज करते हैं। कई बार पैसा फंस जाता है और रिचार्ज नहीं हो पाता है।’
मोहम्मद आकिब शेख, दरभंगा
ये प्रदेश के चार अलग-अलग लोगों की स्मार्ट मीटर को लेकर दिक्कतें हैं। बिहार में अब तक 48.87 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग चुके हैं। शहरी इलाके में 17.70 लाख और ग्रामीण इलाकों में 31.15 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। कई जगहों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने गए कर्मचारियों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि लोगों को लगता है स्मार्ट मीटर लगने के बाद उनका बिजली बिल बढ़ गया है।
आखिर स्मार्ट मीटर कैसे काम करता है? क्या सच में इसने बिजली बिल बढ़ा दिया है? ऐसे तमाम सवालों के जवाब के लिए हमने पटना में असिस्टेंट इलेक्ट्रिकल इंजीनियर निखिल कुमार से बात की। पढ़िए ये रिपोर्ट।
स्मार्ट मीटर कैसे काम करता है
स्मार्ट मीटर में मोबाइल की तरह सिम कार्ड : स्मार्ट मीटर डिजिटल मीटर का लेटेस्ट वर्जन है। इसमें मोबाइल की तरह एक सिम कार्ड इन्स्टॉल होती है। यह नेटवर्क से जुड़ी होती है। मोबाइल की तरह आईएमई नंबर भी होता है। जियो, बीएसएनएल, एयरटेल जैसी कंपनियों की सिम लगती होती हैं। सिम नंबर और बिजली अकाउंट नंबर को सिंक्रोनाइज कर डेटा इस्तेमाल किया जाता है।
स्मार्ट मीटर 100 फीसदी सही नहीं है
फिजिक्स के प्रोफेसर पी रंजन सिंह कहते हैं, ‘टेक्निकल तौर पर मीटर एक्यूरेट और प्री साइज होते हैं। इसका मतलब है कि वह सही रीडिंग लेते हैं। छोटे से छोटे कंजप्शन को रीड करता है। हालांकि हर दस में से एक मीटर में एरर हो सकता है। ऐसा होने पर कंज्यूमर को मीटर बदलवाना चाहिए।
स्मार्ट मीटर में रीडिंग कैसे होती है
करीब 2 फीसदी तक मीटर में एरर : ऊर्जा विभाग के मीटर एक्सपर्ट पहचान नहीं बताने की शर्त पर बताते हैं कि ‘कुल मीटर में से करीब एक से दो फीसदी में तकनीकी खामियां निकलती है। इससे उपभोक्ताओं को परेशानी होती है। बिजली कंजप्शन में भी अंतर होता है। हालांकि इसके लिए मीटर चेक पाइंट बनाए गए हैं।’
लोगों के सवालों पर एक्सपर्ट क्या बोले
सवाल: ऐप पर शिकायत करने पर सॉल्यूशन नहीं होता है ? जवाब: सर्वर पर लोड ज्यादा है। इस वजह से तत्काल सॉल्यूशन नहीं होता है।
सवाल: बिना पूर्व सूचना के बिजली गुल हो जाती है, जबकि नियम के मुताबिक पहले दर्ज मोबाइल नंबर पर मैसेज जाना चाहिए ? जवाब: प्रीपेड मीटर में माइनस में राशि होने पर बिजली काटी जाती है। बैलेंस चेक करते रहना चाहिए। शाम 5 बजे से सुबह 5 बजे के बीच बिजली नहीं काटी जाती है। बैलेंस शून्य होने के बाद रिचार्ज के लिए एक दिन का समय दिया जाता है।
सवाल: बिजली बिल में हर महीने उतार-चढ़ाव का अंतर ज्यादा हो रहा है ? जवाब: यह उपभोक्ता के कंजप्शन पर निर्भर करता है। यदि बिजली कंजप्शन 100 यूनिट है तो इसके चार्ज लगेंगे। यदि 500 यूनिट है तो राशि अधिक बढ़ जाएगी। साथ ही आपका लोड एक किलोवाट का है। उपभोग दो किलोवाट का है तो जुर्माने के तौर पर 80 रुपए की राशि जुड़ जाएगी। हर एक किलोवाट पर 80 रुपए बढ़ता जाएगा।
सवाल: कई बार ऐप का सर्वर काम नहीं करता है, ऐप खुलता ही नहीं है ? जवाब: सर्वर और नेटवर्क में दिक्कत की वजह से यह होता है।
सवाल: स्मार्ट मीटर बहुत तेजी से चलता है, इसके पीछे क्या वजह है ? जवाब: स्मार्ट मीटर तेज नहीं चलता। यह डिजिटल मीटर के समान ही चलता है। इसकी एक्यूरेसी अधिक है। बिजली उपभोग की एक छोटी से छोटी यूनिट को यह रीड करता है। नाम ही स्मार्ट है। आपके स्मार्ट मोबाइल और अन्य स्मार्ट डिवाइस की तरह।
सवाल: रिचार्ज करने के बावजूद बिजली आने में काफी समय लगता है ? जवाब: सर्वर पर काम किया जा रहा है। अभी शुरुआती दौर है। आगे ठीक हो जाएगा। रिचार्ज तीन सर्वर से होकर गुजरता है। पहला आपका यूपीआई, मीटर का सर्वर और मीटर के सिम का नेटवर्क। शाम पांच बजे के बाद रात दस बजे तक यह परेशानी ज्यादा है। सुबह सर्वर पर लोड कम रहने पर समस्याएं कम है।
सवाल: पहले रिचार्ज करना क्यों जरूरी है ? जवाब: स्मार्ट प्रीपेड मीटर मोबाइल की तरह काम करता है। इसमें बैलेंस जमा रखना होता है। राशि खत्म होने से पहले उपभोक्ताओं को रिचार्ज करना चाहिए।
सवाल: कैसे होता है रिचार्ज ? जवाब: बिजली स्मार्ट मीटर ऐप के जरिए रिचार्ज किया जाता है। मोबाइल में ऐप डाउनलोड करने के बाद लॉग इन करना होता है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर को बढ़ावा देने के लिए बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं को तीन फीसदी छूट देने का भी फैसला किया है। जमा राशि खत्म होने के बाद एक दिन की मोहलत दी जाती है।
सवाल: बैलेंस राशि पर क्या इंटरेस्ट भी मिलता है ? जवाब: बिजली कंपनियां उपभोक्ता को बैलेंस राशि पर इंटरेस्ट भी देती है। बैंकों से ज्यादा इंटरेस्ट का दावा करती है। 6.75 से 7.25 फीसदी तक इंटरेस्ट दिया जाता है।
सवाल: किस समय रिचार्ज नहीं करना चाहिए ? जवाब: स्मार्ट प्रीपेड मीटर को शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक रिचार्ज नहीं करें। इस दौरान सर्वर पर लोड ज्यादा रहता है। बिजली कंपनियां कस्टमर से पैसे जरूर लेती है। लेकिन इसका सर्वर पावरफुल नहीं है। कंज्यूमर्स को इस टाइमिंग के बीच रिचार्ज के दौरान परेशानी होती है। कई बार रिचार्ज राशि सर्वर में अटक जाती है। फिर सात दिन तक इंतजार करना पड़ता है।
सवाल: बिहार में कितनी कंपनी स्मार्ट मीटर लगा रही है ? जवाब: बिहार में अदानी समेत 7 कंपनी स्मार्ट मीटर लगा रही है। इसमें हाई प्रिंट, एनसीसी, अदानी पावर, सिक्योर मीटर्स लिमिटेड, ईईएसएल, इंस्टेलिस्मार्ट और जीनस पावर है।
स्मार्ट मीटर ने बढ़ाई बिहार सरकार की इनकम
बिहार में 1 सितंबर 2019 को पहला स्मार्ट मीटर लगाया गया था। अरवल और मुजफ्फरपुर के कांटी से इसकी शुरुआत की गई थी। 1 मार्च 2019 को कैबिनेट की बैठक में प्रीपेड मीटर को पूरे प्रदेश में लगाने का फैसला लिया गया था।
बिहार सरकार के अरवल APO विदुर के घर पर पहला स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया गया था। सरकार ने प्रीपेड मीटर लाने से पहले बिजली बोर्ड से हटकर बिजली उत्पादन और वितरण के लिए चार कंपनियां बनाई।
स्मार्ट मीटर से बिहार सरकार की इनकम बढ़ गई है। पिछले वित्तीय साल में ऊर्जा कंपनी ने 1,852 करोड़ रुपए की अधिक वसूली की थी। इससे पहले 15,107 करोड़ आया था। 2019-20 में यह रेवेन्यू कलेक्शन 8,598 करोड़ रूपया था।
पिछले 4 साल में रिवेन्यू कलेक्शन का आंकड़ा 14.3 फ़ीसदी की दर से बढ़ा है। जबकि इस दौरान कंज्यूमर का औसत वृद्धि 6.9 प्रतिशत है। साल 2019-20 में ऊर्जा कंपनियों को 35.12 प्रतिशत का नुकसान था। लेकिन, स्मार्ट प्रीपेड मीटर से 2023-24 में 21.74 प्रतिशत रह गया है।
बिहार में बिजली बिल जमा करने वाले कंज्यूमर की संख्या 85 फीसदी तक है। पिछले साल 2023-24 में रिवेन्यू कलेक्शन में 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। प्रीपेड मीटर लगने से पहले रिवेन्यू कलेक्शन 50% के पास था।
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने निर्देश दिया है कि ‘सभी सरकारी ऑफिस में 30 नवंबर तक प्रीपेड स्मार्ट मीटर लग जाना चाहिए।
बिजली कंपनियों का दावा है कि बैलेंस के मुताबिक इंटरेस्ट भी दिया जाता है। इंटरेस्ट रेट भी बैंक से ज्यादा है।
बिहार सरकार ने पिछले 10 साल में 10 गुना सब्सिडी बढ़ाई
सरकारी कर्मचारी के आवास पर पहला प्रीपेड मीटर लगा था
बिहार में करीब 2 करोड़ कंज्यूमर
बिहार में लगभग दो करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं। इसमें 8 फीसदी, मात्र 16 लाख कॉमर्शियल कंज्यूमर हैं। 92 फीसदी (1 करोड़ 84 लाख) उपभोक्ता घरेलू उपभोक्ता हैं। बिहार के शहरी क्षेत्र में 23.50 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाने का लक्ष्य है। 75 फीसदी टारगेट पूरा हो गया है।
25 फीसदी घरों में अभी भी डिजिटल मीटर लगे हैं। शहरी क्षेत्र के बाद गांव में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू हुआ था। गांव में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। गांवों के घरों में 1.48 करोड़ मीटर लगाए जाने हैं। फिलहाल, ग्रामीण इलाकों में 31.15 लाख मीटर लगाए गए हैं।
घरेलू उपभोक्ता में झारखंड नंबर वन
घरेलू बिजली उपभोक्ता के मामले में देश में झारखंड सबसे नंबर वन पायदान पर खड़ा है। झारखंड में सबसे अधिक 93 फीसदी कंज्यूमर हैं। दूसरे पायदान पर असम है। यहां 92.6 फीसदी उपभोक्ता घरेलू उपभोक्ता हैं। जबकि, बिहार में 92 फीसदी।
उत्तर बिहार में 92.1 फीसदी तो दक्षिण बिहार में 86.8 फीसदी घरेलू बिजली उपभोक्ता हैं। बिहार के उत्तर बिहार में शहरी उपभोक्ता मात्र 16 फीसदी हैं। दक्षिण बिहार में 29 फीसदी उपभोक्ता बिजली कंज्यूम कर रहे हैं।
बिहार सरकार ने स्मॉल इंडस्ट्री के लिए किलोवॉट के आधार पर बिजली कनेक्शन दर तय करने जा रही है