हरिद्वार से कांवड़ लेकर आते शिवभक्त सिरसा डिपो के रोडवेज ड्राइवर रघुवीर सिंह।
हरियाणा के हिसार जिले के रहने वाले और सिरसा डिपो में कार्यरत रोडवेज ड्राइवर रघुवीर सिंह इस बार 18वीं कांवड़ लेकर आए हैं। वह 17 जुलाई को अपने करीब 15 साथियों के साथ हरिद्वार गए थे और 23 जुलाई को सिरसा लौटकर बस स्टैंड के शिव मंदिर में कांवड़ चढ़ाई।
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पिछले 4 बार से वह सिरसा बस स्टैंड पर बने शिव मंदिर में ही कांवड़ चढ़ा रहे हैं। इसे लेकर रघुवीर का कहना है कि इस मंदिर में कोई कांवड़ नहीं चढ़ाता, इसलिए उन्होंने यहां पूजा करने की शुरुआत की है।
42 वर्षीय रघुवीर बताते हैं कि उन्होंने रोडवेज में नौकरी की मन्नत मांगकर कांवड़ लाने की शुरुआत की थी। इसके 4 साल बाद ही उनकी रोडवेज में ड्राइवर की नौकरी लग गई, तो वह हर साल कांवड़ लेने जाने लगे। तब से उनका सिलसिला जारी है।

हरिद्वार से शिवभक्तों के साथ कांवड़ लेकर आते रोडवेज बस ड्राइवर रघुवीर सिंह।
सिलसिलेवार पढ़िए, रोडवेज ड्राइवर की शिवभक्ति की कहानी…
- साल 2008 में मन्नत मांगी, 2012 में नौकरी लगी: रघुवीर ने बताया कि हिसार जिले में न्योली खुर्द उनका पैतृक गांव है। गांव में साल 2008 में शिवलिंग के साथ शिव मंदिर का शिलान्यास किया गया था। तब उन्होंने शिवलिंग की पूजा शुरू की और रोडवेज में नौकरी लगने पर कांवड़ लाने की मन्नत मांगी। हालांकि, उसी साल वह पहली कावड़ लेकर आए थे। इसके बाद साल 2012 में उन्हें रोडवेज में ड्राइवर की नौकरी मिल गई।
- 10 से 15 दिन की छुट्टी लेकर कांवड़ लेने जाते हैं: रघुवीर सिंह ने बताया कि जब उनकी रोडवेज विभाग में नौकरी लगी, उनकी पहली पोस्टिंग सिरसा डिपो में हुई थी। इसके बाद श्रावण मास में वह 10 से 15 दिन की छुट्टी लेकर हर बार हरिद्वार से कांवड़ में गंगाजल लेने जाते थे। लौटकर अपने गांव के मंदिर में ही गंगाजल चढ़ाते थे।
- कांवड़ लाने के लिए संघ बनाया: रघुवीर बताते हैं कि शुरू के कुछ साल वह अकेले और फिर गांव के युवकों के साथ कांवड़ लेने गए थे। इसके बाद साल 2018 में शिव शक्ति संघ बना लिया। इस संगठन के बैनर तले उन्होंने लोगों को जोड़ा, जिससे वे लोग भी कांवड़ लेने जाने लगे। इन लोगों के साथ ही रघुवीर ने सिरसा में कांवड़ लाने की शुरुआत की।
- 2019 में पहली बार बस स्टैंड के मंदिर में कांवड़ चढ़ाई: रघुवीर ने कहा कि वह 13 साल से सिरसा में हैं और रोडवेज बस चला रहे हैं। एक बार उनके ध्यान में आया कि सिरसा बस स्टैंड पर भी एक शिव मंदिर है, जिस पर कोई कांवड़ नहीं चढ़ती। इसलिए, उन्होंने 2019 में पहली बार बस स्टैंड के शिव मंदिर में कांवड़ चढ़ाई। रोडवेज कर्मियों ने उनका जोरशोर से स्वागत भी किया था। इसके बाद 2 साल कोरोना काल के कारण वह कांवड़ नहीं ला पाए। हालांकि, कोरोना के उबरने के बाद कांवड़ लाने का सिलसिला जारी है।

सिरसा बस स्टैंड पर बने शिव मंदिर में कांवड़ चढ़ाने के दौरान परिवार के साथ पूजा करते रघुवीर सिंह।
रोडवेज विभाग की तरक्की की कामना के साथ लाते हैं कांवड़ उनका मानना है कि रोडवेज विभाग में नौकरी लगने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति सुधरी। रोडवेज विभाग की बदौलत ही उनका परिवार खुशहाल है। ऐसे में रोडवेज विभाग के लिए भी उनकी कुछ जिम्मेदारी है। रोडवेज विभाग तरक्की करता रहे और बेहतर होता जाए, इसी मनोकामना के साथ इस बार यहां कांवड़ चढ़ाई है।
परिवार की जिम्मेदारी उठा रहे रघुवीर की 2003 में शादी हुई थी। इसके बाद जब नौकरी लगी तो उन्होंने सिरसा की फ्रेंडस कॉलोनी में मकान लिया है, जिसमें वह परिवार के साथ रहते हैं। रघुवीर के पिता चौधरी चतरपाल का कुछ साल पहले देहांत हो गया था। उनकी मां भतेरी देवी और पत्नी शर्मिला देवी गृहिणी हैं। एक बेटा समीर है, जो बीटेक कर रहा है। वहीं, बेटी डिंपल भी पढ़ाई कर रही है। ऐसे में परिवार की जिम्मेदार उन्हीं पर है।
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