किसान विरेंद्र साहू को सम्मानित करते हुए मंत्री श्याम सिंह राणा।
हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने 40 किसानों सम्मानित किया गया है। इन्हीं में नाथूसरी कलां के गांव गिगोरानी के किसान विरेंद्र साहू भी शामिल हैं। विरेंद्र नर्सरी में पौधे तैयार क
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वीरेंद्र साहू द्वारा वर्णिका फ्रूट नर्सरी में तैयार पौधे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र और दिल्ली के किसान लेने के लिए आते हैं। वीरेंद्र साहू वर्तमान में पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए समृद्धि नामक मुहिम चला रखी है। जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में बच्चों को मुफ्त फलदार व छायादार पौधे देकर पर्यावरण को बचाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने 40 किसानों को किया सम्मानित।
23 साल पहले शुरू की बागवानी
एमए हिंदी पास किसान वीरेंद्र सहु ने बताया एमए हिन्दी तक पढ़ने के बाद खेती पर ध्यान देना शुरू किया तो परंपरागत खेती के साथ आधुनिक खेती करने के इरादे से साल 2003-04 में अपने 22 एकड़ भूमि में किन्नू का व 8 एकड़ में आग्रेनिक अमरूद लगाए। जिसमें अपने माता पिता का पूरा सहयोग मिला।
इसी के साथ साथ कृषि विभाग से डॉ लक्ष्यवीर बैनीवाल व डीएचओ सतवीर शर्मा की पे्ररणा से परंरागत खेती के साथ साथ अतिरिक्त कमाई का जरिया शुरू होने के बाद पिछले तीन वर्षों से किन्नू, मोसमी व नींबू की पौधे तैयार कर बेचने से कमाई और बढ़ गई है। उसने बताया कि वह हर रोज सुबह 5 बजे से तीन या चार घंटे बाग में पौधों की देखभाल अवश्य करता है।
राज्यपाल बंगारू दतात्रेय ने नर्सरी में तैयार पौधों की सराहना की
किसान वीरेंद्र सहू को राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा वर्णिका सहू फ्रूट नर्सरी गिगोरानी को थ्री स्टार रैकिंग दी गई है. इससे अब नर्सरी में तैयार पौधों को खरीदने पर किसानों को पूरा अनुदान मिलेगा। पिछले दिनों सिरसा दौरे के दौरान हरियाणा के महामहिम राज्यपाल बंगारू दतात्रेय ने नर्सरी में तैयार पौधों की सराहना की।
मंडी दूर होने के कारण ज्यादा हो जाता है यातायात खर्च
विरेंद्र सहू ने बताया कि उसके गांव से सिरसा मण्डी दूर पड़ती है। जिससे फलों को वहां ले जाकर बेचने में यातायात खर्च ज्यादा आता है। तथा बचत कम होती है। उसका कहना है कि अगर फलों की मण्डी या फ्रूट प्रोसैसिंग प्लांट नाथूसरी चौपटा में विकसित हो जाए तो यातायात खर्च कम होने से बचत ज्यादा हो जाएगी।