चार साल बाद मां-बाप से मिली लड़की।
सिरसा में चार साल पहले लावारिस हालत में मिली 11 वर्षीय लड़की को जिला बाल कल्याण समिति ने उसके मां-बाप से मिलवा दिया। जो अब 15 वर्ष की हो चुकी है। यह पिछले चार वर्षों से भाई कन्हैया आश्रम में रह रही थी।
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लड़की के मां-बाप बीमार थे। भाई कन्हैया आश्रम ने इनका इलाज करवाया और बाद में बाल कल्याण समिति ने लड़की को मां-बाप को सौंप दिया। साल 2011 में अंबाला में 11 वर्षीय नाबालिग लड़की लावारिस हालत में मिली थी। जिसे सिरसा के भाई कन्हैया आश्रम में लाया गया था।
झारखंड का रहने वाला है परिवार
सिरसा बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अनिता वर्मा ने बताया कि समिति व भाई कन्हैया आश्रम ने लड़की के मां-बाप का पता लगाने की जिम्मेदारी संभाली। काफी प्रयासों के बाद पता लगा कि लड़की झारखंड के धनबाद क्षेत्र की है।
सिरसा बाल कल्याण समिति ने धनबाद की बाल कल्याण समिति से संपर्क किया। कुछ दिन पहले किशोरी के घरवालों का पता चल गया। इसके बाद मां-बाप सिरसा पहुंचे। किशोरी के मां-बाप बीमार थे। भाई कन्हैया आश्रम ने दोनों का इलाज करवाया।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अनिता वर्मा ने बताया कि किशोरी के मां-बाप की काफी गरीब हैं। सिरसा बाल कल्याण समिति ने सारी कानूनी कागजी कार्रवाई करने के बाद लड़की को धनबाद की बालकल्याण समिति को सौंप दिया। इसके बाद धनबाद बाल कल्याण समिति ने लड़की को उसके मां-बाप के हवाले कर दिया।
चार साल तक आश्रम में रही लड़की
बाल कल्याण समिति ने चार साल पहले अपनों से बिछड़ी लड़की को उसके मां-बाप से मिलवा दिया है। लड़की चार साल तक भाई कन्हैया आश्रम में रही। किशोरी झारखंड की रहने वाली है। बाल कल्याण समिति व भाई कन्हैया आश्रम ने काफी प्रयास कर उसके मां-बाप का पता लगाया।