हरियाणा के सिरसा जिले में नाथूसरी चौपटा थाना क्षेत्र के चार युवकों को वर्क वीजा के आधार पर जर्मनी भेजने के नाम पर 29 लाख 73 हजार रुपए की ठगी करने के मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी देते हुए जिला के पुलिस अध
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कोर्ट से रिमांड पर लेगी पुलिस
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पकड़े गए युवक सुदेश को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड हासिल किया जाएगा तथा तथा रिमांड अवधि के दौरान आरोपी की निशानदेही पर ठगी की राशि बरामद की जाएगी तथा उसके अन्य साथियों के पते ठिकाने मालूम किए जाएंगे। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि इस संबंध में पवन कुमार पुत्र जय नारायण निवासी दड़बा कलां की शिकायत पर नाथूसरी चौपटा थाना में ठगी का अभियोग दर्ज कर जांच शुरू की गई थी।
थाना नाथूसरी चौपटा, सिरसा।
पुलिस की जांच जारी
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान नाथूसरी चौपटा थाना की पुलिस टीम ने एक आरोपी सुदेश को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने पीड़ित युवकों को जर्मनी ना भेज कर आर्मेनिया तथा दुबई भेज कर उनके साथ ठगी की। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अभियोग की जांच जारी है तथा जो भी व्यक्ति घटना में संलिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक ने आमजन से भी आह्वान किया है कि स्टडी व वर्क वीजा का पत्राचार करते समय सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इमिग्रेशन सेंटर संचालकों से ही संपर्क करें तथा इस दिशा में पूरी सावधानी बरतने के निर्देश दिए।
यह था मामला
पवन स्वामी पुत्र जय नारायण स्वामी, देवी लाल पुत्र रघुबीर, गोबिन्द पुत्र शीशपाल स्वामी, निवासीगण गांव दड़बा कलां. तहसील नाथूसरी चौपटा जिला सिरसा। अनिल कुमार स्वामी पुत्र भागीरथ स्वामी, निवासी गाव खरवारा, जिला बिकानेर (राजस्थान) ने शिकायत दी।
गैर-कानूनी रूप वर्क वीजा के नाम पर ठगा
जिसमें आरोप लगाया कि प्रवीन लाखलान पुत्र राजेन्द्र लाखलान, निवासी गांव पीरखेड़ा, जिला सिरसा, सुदेश बामल पुत्र राजा बामल गावं फरवाईकलां, जिला सिरसा, प्रमोद बैनीवाल पुत्र रूप राम, निवासी गांव बीडभादरा, विनोद पुत्र सतपाल लाखलान, निवासी पीरखेड़ा व अन्य के द्वारा प्रार्थी के साथ किए जाने धोखाधडी, जालसाजी, अमानत में ख्यानत, पैसे ऐंठने तथा गैर-कानूनी रूप वर्क वीजा के नाम पर उन्हें ठगा।
सिरसा कोर्ट।
अरमेनिया में खुद उठाना पड़ा खर्च
आरोपियों ने भरोसे में लेकर यह वादा किया कि वे उन्हें कानूनी तरीके से जर्मनी भेजेंगे। शुरुआत में 18 लाख रुपए प्रति व्यक्ति खर्च का हवाला देते हुए पीड़ितों से दस्तावेज और पैसे मांगे गए। पीड़ितों का कहना है कि सुदेश बामल का पिता पहले से पवन स्वामी के पिता को जानता था, जिससे भरोसा कायम हुआ। सुदेश ने कहा कि उसका बेटा जर्मनी में रहता है और वह जर्मनी जाने में मदद कर सकता है।
इस वादे पर विश्वास करके चारों पीड़ितों ने अपने दस्तावेज और रकम दोषियों को सौंप दी। दोषियों ने पीड़ितों को जर्मनी भेजने के लिए कहा कि पहले उन्हें अरमेनिया जाना होगा। पीड़ितों ने भरोसा करके 7 नवंबर 2023 को दिल्ली से अरमेनिया के लिए उड़ान भरी। अरमेनिया पहुंचने पर दोषी वहां मौजूद थे और उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ दिन वहीं रुकना होगा। इस दौरान पीड़ितों के रहने और खाने-पीने का खर्चा भी खुद उन्हें उठाना पड़ा।
जर्मनी ले जाने के लिए और पैसों की डिमांड
तीन-चार महीने तक अरमेनिया में रुकने के बाद दोषियों ने कहा कि जर्मनी वीजा के लिए उन्हें दुबई जाना होगा। पीड़ितों ने फिर अपने खर्च पर टिकट खरीदी और दुबई के लिए रवाना हुए। दुबई पहुंचने के बाद दोषियों ने कहा कि जर्मनी का वीजा हासिल करने के लिए 20 लाख रुपए प्रति व्यक्ति और देने होंगे। जब पीड़ितों ने विरोध किया और कहा कि उन्होंने पहले ही पूरी रकम अदा कर दी है, तो दोषियों ने उन्हें फिर अरमेनिया भेज दिया।
लगातार बढ़ता गया पीड़ितों का खर्च
दुबई और अरमेनिया में रहने के दौरान, पीड़ितों का खर्चा लगातार बढ़ता गया। दोषियों के झांसे में आने के कारण उनका प्रति व्यक्ति करीब 3 लाख रुपए और खर्च हो गया। दोषियों का यह भी दावा था कि वे पहले कई लोगों को विदेश भेज चुके हैं, जिससे पीड़ितों का भरोसा बढ़ा। शिकायत के अनुसार दोषी विनोद, जो कि स्थानीय निवासी है, पूरे गिरोह का काम संभालता है और विदेश जाने वाले व्यक्तियों को सारे फर्जी आश्वासन देता है।
पंचायत में मानी गलती, पैसे लौटाने से इनकार
जब पीड़ितों ने भारत वापस आने के बाद दोषियों से पैसे लौटाने की मांग की, तो उन्होंने पैसे देने से इनकार कर दिया। इसके बाद पीड़ितों और गांव के अन्य व्यक्तियों ने 4 अगस्त 2024 को एक पंचायत का आयोजन किया। पंचायत में दोषियों ने अपनी गलती मानी और अक्टूबर 2024 तक पैसे लौटाने का वादा किया। हालांकि बाद में उन्होंने पैसे लौटाने से इनकार कर दिया।
पैसे वापस मांगने पर मिली धमकी
पीड़ितों ने दोषियों के खातों में आरटीजीएस और यूपीआई के माध्यम से कई बार पैसे भेजे, कुछ रकम नकद भी दी गई। पुलिस को सौंपी गई लेन-देन की सूची के अनुसार विभिन्न तारीखों पर 50,000 रुपए से लेकर 4 लाख रुपए तक की राशि ट्रांसफर की गई। 5 फरवरी 2024 को 1 लाख रुपए उमेद लाखलान को दिए। इसी प्रकार करीब 29.73 लाख रुपए दिए गए।
पीड़ितों के अनुसार जब उनसे पैसे वापस मांगे गए, तो आरोपियों ने धमकी दी और कहा कि वे जो करना चाहे कर सकते हैं। आरोपियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनका उद्देश्य केवल पैसे ऐंठना था।