नई दिल्ली13 घंटे पहले
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चांदी के दाम 4 जून को 1,01,000 रुपए किलो के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार इस साल अब तक चांदी के दाम 14,983 रुपए बढ़ चुके हैं। यानी चांदी इस साल अब तक 17% का रिटर्न दे चुकी है।
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि अभी जो जियो पॉलिटिकल टेंशन चल रहे हैं, आगे जाकर इनके कम होने के आसार हैं। इससे चांदी की इंडस्ट्रियल डिमांड बढ़ेगी। जिससे चांदी इस साल 1 लाख 30 हजार रुपए तक जा सकती है।
ऐसे में अगर आप चांदी में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो सिल्वर ETF सही ऑप्शन हो सकता है। सिल्वर ETF के जरिए आप शेयर की ही तरह चांदी में भी निवेश कर सकते हैं। इसमें आप बहुत कम यानी 100 रुपए के शुरुआत कर सकते हैं।
यहां हम आज आपको सिल्वर ETF के बारे में बता रहे हैं…
सिल्वर ETF क्या है? सिल्वर ETF यानी सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड। इसे समझने के लिए बस इतना जान लो कि ये एक ऐसा फंड है, जो चांदी की कीमतों पर आधारित है। तुम इसमें पैसा लगाते हो, और ये पैसा चांदी की कीमत के हिसाब से बढ़ता-घटता है।
लेकिन इसमें तुम्हें असली चांदी खरीदने की जरूरत नहीं। ना तिजोरी चाहिए, ना लॉकर। ये सब काम फंड हाउस करता है, और तुम बस स्टॉक एक्सचेंज (जैसे NSE या BSE) पर इसे डीमेट अकाउंट के जरिए खरीद-बेच सकते हो, जैसे कोई शेयर।
ये काम कैसे करता है? सिल्वर ETF का फंड हाउस असली चांदी को खरीदता है, जो 99.9% शुद्ध होती है। अब तुम जो ETF खरीदते हो, उसकी कीमत चांदी के बाजार भाव पर चलती है। अगर चांदी की कीमत बढ़ी, तो तुम्हारा ETF भी चमक उठता है। और इसे बेचना भी आसान, बस स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग टाइम में बेच दो।
सिल्वर ETF में निवेश करने के हैं कई फायदे
- कम मात्रा में भी खरीद सकते हैं चांदी: ETF के जरिए सिल्वर यूनिट्स में खरीदते हैं। इससे कम मात्रा में चांदी खरीदना आसान हो जाता है। सिल्वर ETF की 1 यूनिट की कीमत अभी 100 रुपए के करीब है। यानी आप 100 रुपए में इसमें निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।
- चांदी रहती है सुरक्षित: इलेक्ट्रॉनिक चांदी डीमैट अकाउंट में होती है जिसमें सिर्फ सालाना डीमैट चार्ज देना होता है। साथ ही चोरी होने का डर नहीं होता। वहीं फिजिकल चांदी में चोरी के खतरे के अलावा उसकी सुरक्षा पर भी खर्च करना होता है।
- व्यापार की आसानी: सिल्वर ETF को बिना किसी परेशानी के तुरंत खरीदा और बेचा जा सकता है। यानी पैसों की जरूरत पड़ने पर आप जब चाहे इसे बेच सकते हैं।
इसमें कुछ जोखिम भी हैं
- कीमत का उतार-चढ़ाव: चांदी की कीमतें कभी-कभी बहुत तेजी से बदलती हैं। अगर बाजार में गिरावट आई, तो ETF का मूल्य भी गिरेगा।
- औद्योगिक मांग पर निर्भर: चांदी का इस्तेमाल गहनों के अलावा सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स, और मेडिकल उपकरणों में होता है। अगर इन इंडस्ट्रीज में मांग घटी, तो चांदी की कीमत भी प्रभावित हो सकती है।

सिल्वर ETF चुनते वक्त ध्यान रखने वाली बातें
- फंड हाउस : हमेशा ऐसे फंड हाउस का ETF चुनें, जिसका रिकॉर्ड अच्छा हो और मैनेजमेंट फी कम हो।
- ट्रैकिंग एरर: कुछ ETF चांदी की कीमतों को पूरी तरह फॉलो नहीं कर पाते। ऐसे में ट्रैकिंग एरर कम वाले ETF को प्राथमिकता दें।
- लंबा निवेश: चांदी की कीमतें छोटी अवधि में उतार-चढ़ाव करती हैं, इसलिए 3-5 साल का नजरिया रखो।

डिस्क्लेमर: यह स्टोरी केवल जानकारी के लिए है। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले एक्सपर्ट्स से सलाह लें।