चंडीगढ़ के भाजपा नेता संजय टंडन।
चंडीगढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेता और हिमाचल सह प्रभारी संजय टंडन ने सांप्रदायिक संकट से जूझ रहे शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को लेकर बड़ी बात कही है। उनका कहना है कि अकाली दल चंडीगढ़ में अपना पूरा ढांचा खो चुका है। जब तक अकाली दल भाजपा के साथ काम करता था, तब त
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जिसके चलते वे यहां टिके रहे। लेकिन उसके बाद आज आप देखेंगे कि लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार ने पार्टी का टिकट छोड़ दिया। उसके बाद वह व्यक्ति अकाली दल छोड़कर आम आदमी पार्टी (आप) में चला गया और आज चंडीगढ़ में उनका अस्तित्व पूरी तरह से खत्म हो चुका है। पंजाब में जो कुछ भी हो रहा है, वह लोगों के सामने है। वहीं पंजाब के बारे में तो हमारी पार्टी के प्रवक्ता ही बता पाएंगे।
2020 में दोनों पार्टियों की राहें अलग हो गईं
पंजाब में बीजेपी और अकाली दल का गठबंधन 1997 से रहा जो, 2020 तक टूटा। जब किसानों ने तीन कृषि कानूनों को लेकर संघर्ष शुरू किया। इसके बाद 2022 में पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों को नुकसान उठाना पड़ा। इस दौरान शिरोमणि अकाली दल को तीन और बीजेपी को दो सीटें मिलीं।
2024 में चंडीगढ़ और पंजाब में भाजपा को मिली हार
इसके बाद जब 2024 में लोकसभा चुनाव हुए तो भाजपा को पंजाब व चंडीगढ़ में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। पार्टी को पंजाब में एक भी सीट नहीं मिली। जबकि चंडीगढ़ की सीट पर पहले बीजेपी के पास थी। लेकिन वह भी इस बार इंडिया गठबंधन के खाते में चली गई।
यहां से मनीष तिवारी चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। वहीं, इसके बाद पंजाब के जालंधर में हुए उपचुनाव में दोनों को पार्टियों को नुकसान हुआ। वहीं, चार सीटों पर विधानसभा उपचुनाव में अकाली दल मैदान में नहीं उतरा है।