हिमाचल प्रदेश के प्रीमियम स्वास्थ्य संस्थान IGMC में करीब 132 मरीजों को सैलरी न मिलने के मामले में IGMC प्रशासन का पक्ष सामने आया है। IGMC प्रबंधन ने कर्मचारियों को सैलरी न मिलने के लिए ऑउटसोर्स कंपनी के कोर्ट में जाने का हवाला दिया है।
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हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट राहुल राव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हॉस्पिटल में नई इमरजेंसी और नए ट्रॉमा सेंटर्स संचालन के लिए कर्मचारी भर्ती की गए थे, उन्होंने कहा कि इस मामले पर प्रशासन ने कंपनी से बातचीत की है। 10 महीने का वेतन कर्मचारियों को दिया गया है लेकिन 2 महीने का वेतन कर्मचारियों को नहीं मिला।
राहुल राव ने कहा कि जिस कंपनी के थ्रू यह कर्मचारी रखे गए है, वह उच्च न्यायालय में चली गई है। इस मामले पर कल हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। ऐसे में उच्च न्यायालय के जो भी आदेश आएंगे उसके मुताबिक प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा।
23 तारीख से दी है आंदोलन तेज करने की चेतावनी
बता दें कि IGMC में बीते दो माह से 132 ऑउटसोर्स कर्मचारी सैलरी से वंचित हैं। इन्हें 2 महीने से सैलरी नही मिली है तीसरा महीना भी आधे से ज्यादा हो गया है। जिसके चलते कर्मचारियों में काफी नाराजगी है। बीते दिनों काली पट्टी में प्रदर्शन के बाद इन कर्मचारियों ने आगामी 23 दिसंबर से आंदोलन को तेज करने का अल्टीमेटम दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि यदि उन्हें सैलरी नहीं मिली तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इसमें वार्ड अटेंडेंट, सफाई कर्मचारी, कई अन्य कर्मचारी भी शामिल है।