हिमाचल प्रदेश की शिमला लोकसभा सीट पर कांग्रेस लगातार तीन चुनाव हारी है। इस बार सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इसे जीतने के लिए कसौली से विधायक विनोद सुल्तानपुरी पर दांव खेला है। विनोद सुल्तानपुरी शिमला सीट से छह बार के सांसद रहे केडी सुल्तानपुरी के बेटे हैं। उ
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भास्कर से बातचीत में उन्होंने जीत के लिए क्या रणनीति है, इसको लेकर बातचीत की। इसके साथ शिमला से BJP कैंडिडेट व मौजूदा सांसद सुरेश कश्यप पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा- पांच साल तक हमारे सांसद जनता के बीच नजर नहीं आए। यहां तक की कश्यप आपदा में भी नदारद रहे। आपदा में केंद्र ने भी मदद नहीं की। हिमाचल की आर्थिकी में 5500 करोड़ रुपए का योगदान देने वाले सेब का मुद्दा भी केंद्र के समक्ष नहीं उठाया।
भास्कर: प्रचार कैसा चल रहा है। जीत को लेकर कितने आश्वस्त है?
जवाब: मेहनत की जा रही है। पूरी 17 विधानसभा क्षेत्रों में जाने का मौका मिला है। मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ कि पार्टी हाईकमान ने प्रत्याशी बनाया है। पार्टी के भरोसे पर खरा उतरने की कोशिश कर रहा हूं।

भास्कर: पिछले 3 चुनाव में कांग्रेस की हार हुई है। आप किस-किस काम और मुद्दे के बूते भाजपा को जीत का चौका लगाने से रोकने का दावा कर रहे हैं?
जवाब: आज जिस परिस्थिति में सत्ता के भूखे लोगों जिन्होंने सरकार गिराने को षड्यंत्र रचा, इसका नाम ऑपरेशन लोटस रखा। इससे हिमाचल की अस्मिता पर सवाल उठा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने फ्रंट-फुट में आकर उन्हें सबक सिखाने के लिए 2 विधायकों को चुनाव मैदान में उतारा है। इसका जवाब देने के लिए हमें जमीनी स्तर पर चुनाव लड़ाया जा रहा है। ये बताना है कि हम बिकाऊ नहीं है।
भास्कर: आप सियासी घटनाक्रम की बात कर रहे हैं। हिमाचल सरकार जब अपने विधायकों को ही खुश नहीं रख पाई तो जनता कांग्रेस को वोट क्यों करेंगी?
जवाब: इसे स्वीकार करना दुखद है। मैं समझता हूं जब हम हिमाचल की बात कर रहे हैं तो बिकाऊ शब्द शर्मनाक है। जिस तरह ऑपरेशन लोटस चलाया गया। हिमाचल की जनता इसका जवाब देने को तैयार है।
भास्कर: 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP प्रत्याशी सुरेश कश्यप को 66% वोट मिले थे। कांग्रेस उम्मीदवार को मात्र 30% वोट मिले। आपको क्या लगता है कि इतना वोट आपके पक्ष में स्विंग हो पाएगा?
जवाब: जो जनादेश जनता ने सुरेश कश्यप को दिया था। 66% वोट बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी। जनता को उनसे बहुत ज्यादा अपेक्षा थी। मगर कश्यप ने जनता से धोखा किया है। वह अपने काम में सीरियस नहीं थे।

भास्कर: कसौली के लोगों ने आपको 5 साल के लिए अपना विधायक चुना। अब आप लोकसभा चुनाव में उतर गए। क्या विधायक बनाने वाले लोगों के जनादेश का ये निरादर नहीं है?
जवाब: चुनावी मैदान में है। बाहर थोड़े न जा रहे है। कसौली भी शिमला लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। हमें तो प्रदेश व देश की सेवा करनी है। शुरुआत कसौली से हुई है। मेरी जिम्मेदारी कसौली के लिए है। बहुत अच्छा काम करके देंगे।
सवाल: शिमला संसदीय हलके में रहने वाले बागबानों के लिए सेब से जुड़ी इंपोर्ट-ड्यूटी बड़ा इश्यू है। PM मोदी द्वारा किया गया आयात शुल्क बढ़ाने का वादा भी पूरा नहीं किया गया। इसके लिए आपका क्या विजन है?
जवाब: वॉशिंगटन एप्पल की तादाद देश में बहुत ज्यादा हो गई है। चीन का सेब भी दूसरे रास्ते नेपाल-अफगानिस्तान के जरिए भारत आ रहा है। इसकी मार सेब बागवानों पर पड़ी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सेब का मुद्दा नहीं उठाया गया। ये मुद्दा भी हमारे सांसद सुरेश कश्यप ने नहीं उठाया।
भास्कर: WTO के साथ संधि तो पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने की थी, जिसकी वजह से यह इंपोर्ट ड्यूटी घटाई जा रही है। BJP इसके लिए कांग्रेस को दोषी मानती है?
जवाब: ये कहना बहुत आसान है। 10 साल से सत्ता में आप हैं। ये लोगों को भ्रमित करने वाली बात है। कोई भी पॉलिसी होती है तो उसे कंटेस्ट करना होता है। अगर वो पूर्व सरकार ने साइन कर भी दिया था तो उसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए था। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद स्वीकार था इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाएंगे। शिमला से 15 वर्षों से सांसद भाजपा के रहे हैं। क्यों यह मुद्दा नहीं उठाया गया। PM को याद क्यों नहीं दिलाया गया।
भास्कर: आपके पिता केडी सुल्तानपुरी 6 बार शिमला के सांसद रहे। BJP आपके खिलाफ परिवारवाद का नारा दे रही है?
जवाब: 6 दफा मेरे पिता सांसद बने, मुझे इस पर गर्व है। शिमला लोकसभा के लोगों ने ही उन्हें चुना है। जब तक अपने दायरे तक सीमित रहा, तब तक पिता को राजनीतिक तौर पर जानने का मौका नहीं मिला। आज जब जमीनी स्तर पर चला हूं तो उनके किए हुए काम देखने को मिल रहे हैं। मैं अपने आपको सौभाग्यशाली मानता हूं कि उन्हें भी पिता की तरह सेवा करने का मौका मिला है। उनकी तरह ईमानदारी से सेवा करने का प्रण लिया है।

भास्कर: प्रियंका गांधी ने जब सोलन में 2022 के विधानसभा चुनाव का शंखनाद किया था तो उन्होंने हर साल एक लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था। हिमाचल में सरकार बने डेढ़ साल हो गया। युवाओं को रोजगार नहीं मिला। युवा कांग्रेस को क्यों वोट करेगा?
जवाब: जिस तरह की त्रासदी और जिस तरह के आर्थिक हालात में सरकार को चलाया है, मैं समझता हूं कि बहुत अच्छे तरीके से सरकार को चलाया है। केंद्र ने हर समय कैसे न कैसे कमजोर करने का प्रयास किया। हर औजार से स्टेट को रोकने की कोशिश की गई। हमारी परफॉर्मेंस अच्छी रही। फिर भी हमारी सरकार ने युवाओं को रोजगार दिया। हम त्रासदी से निकलकर आए। एक लाख नौकरी की बात फ्रॉड नहीं है। ई-टैक्सी से रोजगार दे रहे हैं।
भास्कर: कांग्रेस सरकार ने आपदा प्रभावितों की मदद को 4500 करोड़ का स्पेशल पैकेज लाया। विपक्ष कांग्रेस सरकार पर राहत राशि में बंदरबांट के आरोप लगा रहा है।
जवाब: हर चीज का विरोध सही नहीं। जब हमने विधानसभा में जो राहत पैकेज का प्रस्ताव मूव किया था, उसका ये समर्थन कर देते तो अच्छा रहता। दिल्ली हमारे साथ चलते, ताकि दिल्ली वाली सरकार हमें भी मदद करती। इन्हें सेपू बड़ी पसंद है। ये इसी तक सीमित रह गए। जब हमने एक्साइज पॉलिसी से कमाई की तो हमने महिलाओं को 1500 रुपए दिए। उसे रोकने के लिए ये लोग निर्वाचन आयोग गए। सुखाश्रय जैसी अच्छी योजनाएं लाई गईं। जिनकी दुनियाभर में प्रशंसा की गई। हर चीज में विरोध सही नहीं है।
भास्कर: अगर आप शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए तो आपकी क्या प्राथमिकताएं रहेंगी?
जवाब: मैं अपने लोगों की बात रखने के लिए आया हूं। मैं बेबाकी से, निडरता से अपनी बात रखता हूं। हमें लोगों के बिना बोले उनके मन की बात समझनी है। चाहे वो राष्ट्रीय राजमार्ग, सेब उत्पादन छोटी-छोटी चीजें जो जहन में हैं। युवाओं को किस तरह की पॉलिसी चाहिए, इस पर विचार करेंगे।
