महासभा में अपनी बात रखते हुए बागवान महिला।
हिमाचल प्रदेश के शिमला में किसान सभा और सेब उत्पादक संघ ने जमीन के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान कर दिया है। शिमला के हाट कोटी में मंगलवार को हुई किसान बागवानों की आपात महासभा में 29 जुलाई को सचिवालय घेराव का निर्णय लिया गया। बागवानों ने बै
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संकट की घड़ी में सरकार साथ नहीं
बागवानों ने मांग की कि सरकार हस्तक्षेप कर सेब के पेड़ों के कटान पर रोक लगाने की मांग की है। एक स्थानीय महिला बागवान ने कहा कि सरकार जनता की माई बाप होती है और उसे जनता का साथ देना चाहिए, लेकिन संकट की इस घड़ी में सरकार बागवानों का साथ नही है। महिला ने कहा कि एक किसान बागवान अपनी जीवन भर की पूंजी से घर बनाते हैं और बगीचों में बच्चे की तरह पौधों की देखभाल करते हैं।
10 से 15 साल में उसे तैयार करते है।
आमसभा में आए बागवानों से अपील
महिला ने कहा कि बागवानों ने हमेशा कांग्रेस और भाजपा का साथ दिया, लेकिन जब पेड़ कट रहे है, तो कोई साथ नहीं है। उन्होंने आमसभा में आए बागवानों से अपील करते हुए कहा कि बागवानों को सचिवालय घेराव में अपनी ताकत दिखानी चाहिए। वही संयुक्त किसान मंच के सहसंयोजक संजय चौहान ने कहा कि जमीन के मुद्दे पर किसान बागवान अब आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
जमीन की मांग को लेकर होगा आंदोलन
उन्होंने बताया कि भूमिहीन लोगों के लिए पांच बीघा जमीन की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। चौहान ने कहा कि हाईकोर्ट से आए फैसले में सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और पेड़ों के कटान पर रोक लगानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बागवानों को खुद ही अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा। सभी बागवानों से 29 जुलाई को होने वाले सचिवालय घेराव में बड़ी संख्या में शामिल होने का आह्वान किया।