Sheikh Hasina, who fled from Bangladesh, will stay in India for now | मो. यूनुस बने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख: राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने देर रात ऐलान किया; शेख हसीना फिलहाल भारत में ही रहेंगी


05:37 PM6 अगस्त 2024

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हिंसा की जड़ आरक्षण विवाद

बांग्लादेश 1971 में आजाद हुआ और इसी साल से वहां पर 80 फीसदी कोटा सिस्टम लागू हो गया था। बाद में इसमें कई बार बदलाव हुए। 2012 में इसमें आखिरी बार बदलाव हुआ तब 56% कोटा था। इसमें स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को नौकरी में 30%, पिछड़े जिलों के लिए 10%, महिलाओं के लिए 10%, अल्पसंख्यकों के लिए 5% और 1% विकलांगों को दिया गया।

साल 2018 में 4 महीने तक छात्रों के प्रदर्शन के बाद हसीना सरकार ने कोटा सिस्टम खत्म कर दिया था, लेकिन बीते महीने 5 जून को हाईकोर्ट ने सरकार को फिर से आरक्षण देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि 2018 से पहले जैसे आरक्षण मिलता था, उसे फिर से उसी तरह लागू किया जाए।

इसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। सरकार ने इसे सख्ती से कुचलने की कोशिश की लेकिन ये और तेज होता चला गया। इसके बाद बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में 56% आरक्षण देने के ढाका हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया।

आरक्षण को 56% से घटाकर 7% कर दिया। इसमें से स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों को 5% कोटा और एथनिक माइनॉरिटी, ट्रांसजेंडर और दिव्यांग को 2% कोटा दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 93% नौकरियां मेरिट के आधार पर मिलेंगी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी छात्रों का गुस्सा कम नहीं हुआ। वो शेख हसीना के पद छोड़ने की मांग करने लगे।

आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों में 11 हजार से अधिक छात्रों को गिरफ्तार किया गया था।

आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों में 11 हजार से अधिक छात्रों को गिरफ्तार किया गया था।



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