लाल सूट पहनकर शीबा कोर्ट पहुंची पूरे वक्त उसने अपना चेहरा दुपट्टे से छिपाए रखा
मेरठ के चर्चित गुदड़ी बाजार ट्रिपल मर्डर केस में 24 जुलाई को फैसला आना था। कोर्ट पहुंचे हर इंसान को बुधवार को बस 2 चीजों का इंतजार था। पहला अदालत क्या फैसला सुनाएगी और दूसरा इंतजार शीबा सिरोही का था। जी हां वही शीबा सिरोही जिसके उकसाने पर आज से 16 साल
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दुपट्टे के नकाब में छिपाया चेहरा

अदालत में बाहर मुंह छिपाकर बैठी रही शीबा की मां
शीबा अपनी मां के साथ अदालत पहुंची। लेकिन खूबसूरत चेहरे को दुपट्टे के नकाब से छिपा लिया। काफी देर शीबा अपनी मां के साथ कोर्टरूम के बाहर बेंच पर बैठी रही। इस दौरान उसने दुपट्टे को चेहरे से एक पल भी खिसकने नहीं दिया। पूरा फेस कवर किया था। शीबा उसकी मां ने वहां मौजूद किसी शख्स से कोई बात नहीं की, केवल वकीलों से उनकी चंद बातें हुईं। मां-बेटी आपस में बेहद धीमी आवाज़ में बात करती रही। जैसे ही पता चला कि फैसला नहीं आएगा। फौरन शीबा अपनी मां के साथ कोर्ट से वापस चली गई। पूरे वक्त उसका चेहरा नकाब में छिपा रहा।
शीबा -सुनील की दोस्ती बर्दाश्त न कर सका इजलाल

अन्य आरोपी भी मुंह छिपाकर पहुंचे अदालत, पीडित परिवार भी पहुंचे
बता दें कि शीबा सिरोही इस पूरे हत्याकांड का केंद्रबिंदु है। शीबा के कारण ही तीनों युवकों का बेरहमी से कत्ल हुआ है। क्योंकि इजलाल और सुनील ढाका के बीच दुश्मनी का मुख्य कारण शीबा सिरोही थी। सुनील ढाका, शीबा से बेपनाह मोहब्बत करता था। उधर शीबा इजलाल के इश्क में पागल थी। शीबा मोहब्बत का दोतरफा गेम खेल रही थी। जब इजलाल को सुनील ढाका का अपनी गर्लफ्रैंड शीबा से दोस्ती का पता चला तो उसका खून खौल गया। वो ये बर्दाश्त न कर सका। उसने धोखे से सुनील ढाका उसके दोनों दोस्तों पुनीत ओर सुधीर को बुलाकर अपने दोस्तों, भाइयों के साथ मिलकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया।
शीबा-इजलाल ने एकदूसरे को तिरछी नजरों से देखा पर खामोश रहे

शीबा सिरोही को मामले में इजलाल को घटना के लिए उकसाने का आरोपी बनाया गया। इस पर शीबा कोर्ट से स्टे ले आई। वहीं इजलाल कुरैशी के भाई और दूसरे आरोपी भी मुंह पर मास्क लगाकर पहुंचे। इजलाल कुरैशी सबसे बाद में कोर्ट पहुंचा। जिस शीबा के खातिर इजलाल ने ये सब किया वो दोनों लोग बुधवार को एकदूसरे से बात करते नहीं दिखे।
अब 31 जुलाई को सुनाया जाएगा फैसला
ट्रिपल मर्डर केस में अब 31 जुलाई को फैसला सुनाया जाएगा। इस मुकदमे में बहस पूरी हो चुकी है। बस फैसला होना बाकी है। बुधवार 24 जुलाई को फैसला आना था। लेकिन हाईकोर्ट ने मुकदमे की स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है। 30 जुलाई को हाईकोर्ट में इसके लिए तारीख लगी है। बुधवार को फैसला टल गया। बता दें कि 22 मई 2008 की रात को कोतवाली के गुदड़ी बाजार में नृशंस हत्याकांड हुआ था।
केस ट्रांसफर कराने की कोशिश
न्यायालय अपर जिला जज स्पेशल कोर्ट एंटी करप्शन-2 की अदालत में अभियुक्त अब्दुल रहमान उर्फ कलुआ के अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार शर्मा ने प्रार्थना पत्र दिया कि इस मामले में उच्च न्यायालय इलाहाबाद में ट्रांसफर प्रार्थना पत्र 128 सन 2024 विचाराधीन है। इसमें 30 जुलाई की तिथि निर्णय के लिए नियत है। इसमें मुकदमे की सुनवाई के लिए मेरठ से किसी अन्य जिले में कराने के लिए प्रार्थना पत्र हाईकोर्ट में दिया गया है। इस मामले में प्रार्थना पत्र की सुनवाई करते हुए तथा उच्च न्यायालय इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन ट्रांसफर प्रार्थना पत्र में नियत तिथि 30 जुलाई 2024 की होने की चलते न्यायालय ने जजमेंट के लिए 31 जुलाई की तिथि नियत की है।
कार्रवाई रोकने का कोई स्थगन आदेश नहीं है
वहीं पूरे मामले में वादी पक्ष के अधिवक्ता प्रमोद कुमार त्यागी ने बताया कि मुकदमे में माननीय उच्च न्यायालय से कार्रवाई रोकने का कोई स्थगन आदेश नहीं है। सिर्फ केस का स्टेटस मांगा गया है। मेरठ न्यायालय द्वारा निर्णय के लिए 31 जुलाई की डेट डिसाइड हुई है।
14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट
पुलिस ने इस मामले में हाजी इजलाल, उसके भाई अफजाल व परवेज सहित 10 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। कुल 14 आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल हुई है। इनमें हाजी
इजलाल कुरैशी, परवेज और अफजाल पुत्रगण स्वर्गीय इकबाल, मेहराज पुत्र मेहताब, इसरार पुत्र रशीद, कल्लू उर्फ कलुआ पुत्र हाजी अमानत, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा पुत्र विजय, वसीम पुत्र नसरुद्दीन,रिजवान पुत्र स्वर्गीय उस्मान और बदरुद्दीन पुत्र इलाहीबख्श, शम्मी और माजिद के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते हुए हत्याकांड को साबित करने के लिए कुल 37 गवाहों के नाम दिए। शीबा सिरोही को मामले में इजलाल को घटना के लिए उकसाने का आरोपी बनाया गया। इस पर शीबा कोर्ट से स्टे ले आई।
गंभीर धाराओं में है रिपोर्ट दर्ज
आरोपियों के खिलाफ (अपराध संख्या 190/08) के तहत धारा 147, 148, 149, 364, 302, 201, 404, 411 और 3/2 गैंगस्टर एक्ट के तहत थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज है। अब इस मामले में सिर्फ एक आरोपी शम्मी जेल में है। बाकी सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं।