मुंबई18 मिनट पहले
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इस हफ्ते RBI की पॉलिसी, ट्रेड डील से लेकर विदेशी निवेशकों की खरीद-बिक्री और टेक्निकल फैक्टर्स बाजार की चाल तय करेंगे।
शेयर बाजार के लिए कल से शुरू होने वाले हफ्ते में 8 अगस्त की तारीख अहम है। वेल्थव्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हर्षुभ शाह के मुताबिक इस दिन रिवर्सल पैटर्न या स्ट्रॉन्ग मोमेंटम दिख सकता है। इसलिए इस दिन पर खास ध्यान रखना चाहिए।
इसके अलावा RBI की पॉलिसी, अमेरिका के भारत पर लगाए टैरिफ से लेकर विदेशी निवेशकों की खरीद-बिक्री और टेक्निकल फैक्टर्स बाजार की चाल तय करेंगे।
चलिए समझते हैं कि इस हफ्ते बाजार में क्या हो सकता है…
सपोर्ट जोन: 24,535 / 24,482 / 24,458 / 24,382 / 24,331 / 24,143 / 23,875
सपोर्ट यानी, वह स्तर जहां शेयर या इंडेक्स को नीचे गिरने से सहारा मिलता है। यहां खरीदारी बढ़ने से कीमत आसानी से नीचे नहीं जाती। इन स्तरों पर खरीदारी का मौका मिल सकता है।
रेजिस्टेंस जोन: 24,648 / 24,677 / 24,806 / 24,856 / 24,978 / 25,083 / 25,145
रेजिस्टेंस यानी, वह स्तर जहां शेयर या इंडेक्स को ऊपर जाने में रुकावट आती है। ऐसा बिकवाली बढ़ने से होता है। अगर निफ्टी रजिस्टेंस जोन को पार करता है, तो नई तेजी आ सकती है।

शेयर बाजार के लिए अहम तारीखें
- 8 अगस्त पोजीशनल ट्रेडर्स के लिए अहम है। बाजार में स्ट्रॉन्ग मोमेंटम या रिवर्सल पैटर्न दिख सकता है। इस दिन का हाई और लो ब्रेकआउट सेटअप का काम कर सकता है।
- 6 और 7 अगस्त इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए खास हैं। वेल्थ व्यू एनालिटिक्स के अनुसार इन तारीखों पर बताए गए टाइम क्लस्टर्स में तेज मूवमेंट्स हो सकते हैं।
29 जुलाई की बताई तारीख पर दिखा था ट्रेंड रिवर्सल
वेल्थव्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हर्षुभ शाह ने पिछली रिपोर्ट में 29 जुलाई ट्रेंड रिवर्सल की संभावना जताई गई थी। निफ्टी ने उस दिन 24,600 के आसपास कमजोर शुरुआत की, लेकिन उसी दिन रिवर्सल आया। इसके बाद लगातार दो सेशन तक बाजार चढ़कर 24,950 के करीब पहुंच गया। यानी रिवर्सल के दिन से 250+ पॉइंट्स की बढ़त।
सपोर्ट और रेजिस्टेंस ने भी सटीकता से काम किया
- 28 जुलाई: दिन का हाई और लो बताए जोन 24,850-24,676 के बीच रहा।
- 29 जुलाई: हाई 24,847.15 पर बना जो बताए गए 24,850 के लेवल के बिल्कुल करीब था।
- 31 जुलाई: निफ्टी ने 24,805 पर सपोर्ट लिया और 24,956.50 तक उछला।
- 1 अगस्त: दिन का लो 24,535 रहा, जो बताए गए 24,538 के लेवल के करीब था।
अब 5 फैक्टर्स जो बाजार की दिशा तय कर सकते हैं…
1. आरबीआई की पॉलिसी: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी 4 से 6 अगस्त तक मीटिंग करने वाली है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार ब्याज दर में 0.25% की कटौती हो सकती है।
इस कटौती से बैंक, एनबीएफसी, रियल एस्टेट और ऑटो जैसे सेक्टर्स में तेजी आ सकती है। जून में हुई RBI की मीटिंग में मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने रेपो रेट को 0.50% घटाकर 5.50% कर दिया था।

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा 6 अगस्त को मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के फैसलों की जानकारी देंगे।
2. ट्रम्प का भारत पर टैरिफ: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया है। ये टैरिफ 7 अगस्त से लागू होगा। दोनों देशों के बीच ट्रेड डील को लेकर भी बातचीत चल रही है, लेकिन ये अभी तक फाइनल नहीं हो पाई है। ऐसे में निवेशकों की नजर कंपनियों पर टैरिफ से होने वाले असर और ट्रेड डील पर रहेगी।
3. विदेशी निवेशक (FIIs): विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) लगातार बिकवाली कर रहे हैं। पिछले नौ ट्रेडिंग सेशन में उन्होंने 27,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की बिकवाली की है। सिर्फ गुरुवार को ही FIIs ने 5,588.91 करोड़ रुपए की इक्विटी बेची।
जियोजित इनवेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, “बाजार एक दायरे के बीच झूलता रहा, लेकिन FII की लगातार बिकवाली की वजह से अंत में नीचे बंद हुआ।”
4. कंपनियों के नतीजे: अब तक 900 से ज्यादा कंपनियों ने अपनी पहली तिमाही के वित्तीय नतीजे घोषित कर दिए हैं। अगले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में करीब 120 कंपनियां अपनी जून तिमाही के नतीजे घोषित करेंगी।
भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स, एलआईसी, एसबीआई, बीएसई, ट्रेंट, डीएलएफ, और टाइटन जैसी बड़ी कंपनियां अगले हफ्ते अपनी पहली तिमाही की कमाई के नतीजे पेश करेंगी।
5. टेक्निकल फैक्टर्स: रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अजित मिश्रा के अनुसार, निफ्टी का 24,600 के नीचे बंद होना मंदी की स्थिति को दर्शाता है। शॉर्ट टर्म स्ट्रक्चर बताता है कि अगर कोई मजबूत रिकवरी नहीं हुई, तो बाजार में और गिरावट आ सकती है।
मिश्रा ने कहा, “अब निफ्टी को 24,450 के आसपास इमिडिएट सपोर्ट मिल सकता है। अगर यह लेवल टूटता है, तो गिरावट तेज हो सकती है और निफ्टी 24,180 तक जा सकता है। वहीं अगर बाजार में उछाल आता है, तो 24,800 पहला रेजिस्टेंस होगा और इसके बाद 25,000–25,250 का जोन एक बड़ी रुकावट बन सकता है।”
एलकेपी सिक्योरिटीज के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट रूपक डे ने कहा, “डेली चार्ट पर निफ्टी हाल ही के 24,600 के कंसोलिडेशन सपोर्ट को तोड़ चुका है। बाजार का मूड कमजोर है और इसमें 24,400–24,450 तक और करेक्शन की संभावना है।
अगर यह 24,400 से नीचे फिसलता है, तो और गिरावट हो सकती है; वरना रिकवरी की उम्मीद की जा सकती है। ऊपरी तरफ 24,600–24,650 और 24,850 पर रेजिस्टेंस दिख रहा है।”
शुक्रवार को सेंसेक्स 586 गिरकर बंद हुआ था
हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन 1 अगस्त को सेंसेक्स 586 अंक गिरकर 80,600 के स्तर पर बंद हुआ था। निफ्टी में भी 203 अंक की गिरावट रही, ये 24,565 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 6 शेयरों में तेजी और 24 में गिरावट रही।

डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी और सीखने के लिए है। ऊपर दी गई राय और सलाह व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं, न कि दैनिक भास्कर की। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि कोई भी निवेश फैसला लेने से पहले सर्टिफाइड विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें।