Shaktimaan Actress Nupur Alankar Story; Bank Scam | Sadhvi Husband | भिक्षा मांगकर गुजारा करती हैं एक्ट्रेस नूपुर: बैंक घोटाले में करोड़ों डूबे, कंगाल हुईं, बहन की हत्या हुई- मां को खोया; पति को छोड़कर बनीं साध्वी

17 मिनट पहलेलेखक: हिमांशी पाण्डेय और वर्षा राय

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ये कहानी है एक ऐसी एक्ट्रेस की, जिसे आपने कभी न कभी अपने टीवी पर जरूर देखा होगा, जिसकी मुस्कान, अदाएं और निभाए गए हर किरदार लोगों के दिलों में बस जाते थे।

27 साल तक वो हर घर की पहचान बनी रहीं। कभी बहू बनकर, कभी बहन, तो कभी किसी की कहानी का अहम हिस्सा बनकर। लेकिन उनकी चमकती मुस्कान के पीछे एक ऐसी सच्चाई छिपी थी, जिसे बहुत कम लोग जानते थे। जिंदगी ने उन्हें इतने झटके और इतने दर्द दिए कि एक दिन उनका मन इस ग्लैमर की दुनिया से पूरी तरह उठ गया। और फिर 2022 में उन्होंने ऐसा फैसला लिया जिसने सभी को चौंका दिया।

हम बात कर रहे हैं टीवी की जानी-मानी एक्ट्रेस नूपुर अलंकार की, जिन्होंने अपने करियर में तकरीबन 157 टीवी शोज में काम किया। हालांकि, फिर एक दिन उन्होंने सिर्फ एक्टिंग ही नहीं छोड़ी, बल्कि शोहरत, पैसा और यहां तक कि अपना सुखी घर भी त्याग दिया। और निकल पड़ीं उस राह पर, जहां न कैमरों की रोशनी थी, न ताली की गूंज सिर्फ शांति और भगवान का नाम।

जब हमारी रिपोर्टर ने नूपुर से उनकी असल कहानी और लग्जरी लाइफ छोड़कर साध्वी बनने की वजह पूछी, तो उन्होंने बस इतना कहा- मां और बहन के मर्डर ने मुझे तोड़ दिया था। जिंदगी से थक चुकी थी। बचपन से लड़ाई-झगड़े, संपत्ति को लेकर विवाद और दर्द ही देखा। बस आगे के जीवन में सुकून चाहिए था।

लेकिन सवाल ये है क्या यही अकेली वजह थी? या इसके पीछे कोई और गहरी कहानी छिपी है?

आज अनसुनी दास्तानें के तीन चैप्टर्स में पढ़िए नूपुर अलंकार की वो असल कहानी, जिन्होंने शोहरत छोड़कर साध्वी का जीवन चुना…

नूपुर अलंकार का जन्म 25 नवंबर 1972 को जयपुर में हुआ था। बचपन से ही उन्हें कला और एक्टिंग का शौक था। उन्होंने थिएटर और छोटे मंचों से शुरुआत की और धीरे-धीरे टीवी की दुनिया में कदम रखा। 1990 में मशहूर टीवी शो शक्तिमान से एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था। इसके बाद वह रेत, घर की लक्ष्मी बेटियां, अगले जनम मोहे बिटिया ही किजो और भागे रे मन जैसे शो में नजर आईं।

सिर्फ टीवी शो ही नहीं, नूपुर ने अपने 27 साल लंबे करियर में हिंदी फिल्मों में भी काम किया है। वह सांवरिया, राजा जी और सोनाली केबल जैसी फिल्मों में नजर आई थीं। भले ही उनके किरदार छोटे थे, लेकिन उन्होंने हर भूमिका में अपनी छाप छोड़ी। इसके बाद 2002 में नूपुर ने अपने को-एक्टर अलंकार श्रीवास्तव से शादी की थी।

नूपुर अलंकार की जिंदगी में सब कुछ बहुत खुशनुमा था। प्यार करने वाला पति, शानदार घर और टीवी की दुनिया में उनकी अपनी पहचान। जिंदगी मानो एक खूबसूरत सपने की तरह चल रही थी। फिर आया साल 2019, यह वही साल था जब नूपुर की जिंदगी मुश्किलों से घिर गई।

साल 2019 में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (PMC) बैंक घोटाले की खबर आई और उसी बैंक में नूपुर के पैसे भी थे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया, जिस कारण सभी खाते फ्रीज हो गए और निकासी पर सख्त पाबंदियां लग गईं। इस वजह से नूपुर की जिंदगी भर की कमाई लगभग एक करोड़ रुपए उस बैंक में फंस गए।

इसके बाद नूपुर की जिंदगी में आर्थिक कठिनाइयों का दौर शुरू हो गया। उन्हें अपनी ज्वेलरी तक बेचनी पड़ी और लंबे समय तक पैसों की तंगी का सामना करना पड़ा।

नूपुर ने कहा, मैं बेहद आर्थिक तंगी से गुजर रही थी। दूसरे बैंकों में मेरे अकाउंट्स थे, जिन्हें मैंने कुछ साल पहले ही PMC में ट्रांसफर करा लिया था। मुझे जरा भी अंदाजा नहीं था कि मेरे फैमिली मेंबर्स मां, बहन, पति, ननद, ससुरजी और मेरी पूरी जमापूंजी इस तरह फ्रीज हो जाएगी। आरबीआई ने पहले हर अकाउंट होल्डर को धन निकासी की सीमा 1000 रुपए की, फिर 10 हजार रुपए और फिर 25 हजार रुपए कर दी। लेकिन यह अमाउंट 6 महीने में एक बार ही निकाला जा सकता है।

घर में पैसे न होने और बैंक अकाउंट्स फ्रीज होने की वजह से मेरे पास ज्वैलरी बेचने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। यहां तक कि मैंने अपने एक साथी एक्टर से 3000 हजार रुपए लिए। एक दोस्त ने मेरे आने जाने के लिए 500 रुपए ट्रांसफर किए। मैंने दोस्तों से 50 हजार रुपए उधार लिए थे।

सिर्फ 2019 ही नहीं, बल्कि 2020 भी नूपुर की जिंदगी के लिए बहुत मुश्किलों से भरा था। जून 2020 में उनकी मां गंभीर रूप से बीमार हो गई थीं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन आर्थिक तंगी के कारण नूपुर मां का इलाज नहीं करवा पाईं और इसी वजह से उनकी मां का निधन हो गया। इसी दुख के बीच उनकी बहन जिज्ञासा की भी मौत हो गई। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि बहन की हत्या संपत्ति के विवाद के कारण हुई थी। बस यहीं से नूपुर की जिंदगी पूरी तरह बदल गई, या कहें कि उनका जीवन ही मुश्किलों और दुखों से भर गया।

नूपुर ने कहा, बहन के मर्डर ने सब बदल दिया। मैंने दुनिया से नाता तोड़ना शुरू कर दिया। सांसारिक जीवन में कोई रुचि न रही। मां-बहन के जाने के बाद तीन महीने तक मौन साधना की और उसी दौरान उन्हें जीवन का अर्थ समझ आने लगा।

धीरे-धीरे नूपुर ने महसूस किया कि उन्हें प्रसिद्धि, पैसा और ग्लैमर से दूर जाकर आध्यात्मिक शांति की तलाश करनी है। फिर आया साल 2022, जब नूपुर ने अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा फैसला लिया। उन्होंने न केवल एक्टिंग छोड़ दी, बल्कि अपने पति अलंकार श्रीवास्तव से अलग होने का फैसला लिया और साध्वी जीवन अपनाया।

नूपुर ने अपने सारे कपड़े और सामान दान कर दिए, बाल छोटे कर लिए और सिर्फ एक सादे वस्त्र में रहने लगीं। इसके बाद वे हिमालय की ओर चली गईं, जहां आश्रमों और गुफाओं में रहकर ध्यान करती हैं और जरूरत पड़ने पर भिक्षा मांगकर अपने जीवन को पूरी तरह साधु-साध्वी की तरह जी रही हैं। गुफाओं में साधना के दौरान उन्हें चूहों तक ने काटा। यहां तक हिमालय में तपस्या करते वक्त उन्हें फ्रॉस्टबाइट भी हो गया था।

वृंदावन के गोवर्धन पर्वत पर साधना करतीं नूपुर।

वृंदावन के गोवर्धन पर्वत पर साधना करतीं नूपुर।

जब नूपुर से पूछा गया कि क्या मां का निधन, बहन की हत्या और पैसों-प्रॉपर्टी के विवादों के अलावा भी संन्यास लेने का कोई बड़ा कारण था? इस पर उन्होंने कहा, मेरे जीवन में एक समय ऐसा आया जब मैं कहती थीं सब कुछ ले लो मुझसे, बस मुझे शांति दे दो। जीवन की कड़वाहट, रिश्तों में जलन और बचपन से चली आ रही परेशानियों से थक चुकी थी। मेरा बचपन कभी फूलों जैसा नहीं रहा। छोटी उम्र से ही मारकाट, संपत्ति के झगड़े और यहां तक कि हत्याओं जैसी भयावह घटनाओं को देखा। शादी के बाद भी कई परेशानियां रहीं।

फिर मैंने साधना शुरू की और लगभग 6–7 महीनों में ही उन्हें सच्ची शांति का अनुभव किया। कहते हैं ना बंदर को अदरक मिल गया, वैसे ही जब किसी को भगवान का साक्षात्कार होता है, तो फिर उसे उनके अलावा कुछ और नहीं चाहिए।

एक्ट्रेस रेणुका शहाणे ने सोशल मीडिया के जरिए नूपुर की मुश्किल हालात की जानकारी दी और मदद की अपील की। इस पोस्ट के बाद बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने उनकी मदद के लिए 10 लाख रुपए भेजे। नूपुर ने उन्हें भगवान के रूप में देखा और उनकी मदद को हमेशा याद रखा।

दानघाटी मंदिर के गेट पर ने नूपुर के कटोरे में 21 रुपए भिक्षा देता युवक।

दानघाटी मंदिर के गेट पर ने नूपुर के कटोरे में 21 रुपए भिक्षा देता युवक।

27 सालों के लंबे एक्टिंग करियर के बाद अचानक जब नूपुर ने संन्यास लिया, तो उन्होंने अपने दोस्तों को इसके बारे में कब और कैसे बताया, इस सवाल के जबाव में नूपुर ने कहा, मुझे किसी को बताने का मौका ही नहीं मिला। मैंने बस एक व्हाट्सएप मैसेज भेजा था जिसमें लिखा था, I took sanyas (मैंने संन्यास ले लिया) उसके बाद कॉल और मैसेज लगातार आने लगे। किसी ने पूछा, कब? कैसे? तो किसी ने कहा, आ गई तू अपनी औकात पर। कुछ ने फोन पर कहा, ये क्या कर लिया नूपुर, अच्छा कर दिया एक और कांड कर।’

मेरी दीक्षा हो जाने के बाद ही मैंने सबको सूचित किया। इसके बाद मैंने खुद को व्हाट्सएप से डिसकनेक्ट कर लिया। शुरू में कुछ फैंस को लगा कि मैं किसी रोल के लिए साध्वी का गेटअप ले रही हूं, लेकिन अब धीरे-धीरे सबको यकीन हो रहा है कि मैंने सुर्खियों में आने के लिए नहीं बल्कि सच में संन्यास ले लिया है।

दैनिक भास्कर से नूपुर ने बताया है कि वो जल्द ही लंबी हिमालय की यात्रा पर जाने वाली हैं।

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