झारखंड शराब व्यापारी संघ ने उत्पाद विभाग में अनियमितता का गंभीर आरोप लगाया है। संघ के महासचिव सुबोध कुमार जायसवाल ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि पिछले तीन महीनों से राज्य के सभी जिलों में खुलेआम शराब की खुदरा दुकानों में ओवर प्राइसिंग की जा रही ह
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आरोप लगाया कि पिछले 5 वर्षों में झारखंड में जब्त की गई विदेशी और देसी शराब का कोई लेखा-जोखा विभाग के पास नहीं है। यह शराब ट्रक के ट्रक भरकर जब्त की जाती है, लेकिन न तो विभाग के पास इसका मालखाना है और न ही इसे आज तक नष्ट किया गया। जायसवाल ने आरोप लगाया कि इन महंगी ब्रांडों को विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध तरीके से बेच दिया जाता है। संघ ने मांग की है कि जब्त की गई शराब का पूरा रिकॉर्ड सार्वजनिक किया जाए और इसकी जांच होनी चाहिए।
जायसवाल ने विभिन्न प्लेसमेंट एजंेसियों के बारे में बताया कि उन्हें विभाग से कई बार नोटिस दिया गया। लेकिन अब तक 40 से 50 करोड़ रुपए जेएसबीसीएल के खाते में नहीं आया है। इसके लिए एजेंसियों पर अफसरों का कोई दबाव नहीं है। विभाग इसलिए एफआईआर दर्ज कराने से बच रहा है कि कहीं ईडी की जांच शुरू न हो सके। संघ का आरोप है कि जिन प्लेसमेंट एजेंसियों पर करोड़ों रुपए की हेराफेरी का आरोप लगा है। उन्हें केवल ब्लैकलिस्ट करने की धमकी देकर अवैध तरीके से पैसे वसूले जा रहे हैं।