नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले
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
गिरावट का इतना लंबा दौर आखिरी बार करीब 30 साल पहले 1996 में देखा गया था।
शेयर बाजार में 20 फरवरी को गिरावट आई। सेंसेक्स 203 अंक गिरकर 75,736 और निफ्टी 20 अंकों की गिरावट के साथ 22,913 पर बंद हुआ। फरवरी में सेंसेक्स अब तक 2.3% और निफ्टी 2.5% गिर चुके हैं।
गिरावट इसी तरह जारी रही तो 30 साल का रिकॉर्ड टूट जाएगा। ऐसा हुआ तो यह लगातार पांचवां महीना होगा, जब शेयर बाजार ने गिरावट दर्ज की होगी। गिरावट का इतना लंबा दौर आखिरी बार करीब 30 साल पहले 1996 में देखा गया था।
यदि फरवरी के बाकी दिनों में शेयर बाजार कुछ रिकवर हो जाए और सेंसेक्स-निफ्टी भी थोड़ी बढ़त बना ले तो भी 24 साल का रिकॉर्ड टूटेगा। हालांकि शेयर बाजार में गिरावट का ढाई दशक का रिकॉर्ड पहले ही टूट चुका है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक अक्तूबर, 2024 से लेकर जनवरी, 2025 के बीच लगातार चार महीने निफ्टी ने गिरावट देखी गई। पिछली बार 24 साल पहले 2001 में ऐसा हुआ था।
सितंबर, 1994 से फरवरी, 1997 के दौरान बाजार ने इससे भी कमजोर दौर देखा था। इस दौरान 30 में से 20 महीने शेयर बाजार में गिरावट आई थी।
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निवेशकों का धैर्य टूट रहा, मजबूत सपोर्ट लेवल भी टूटा कोटक सिक्युरिटीज के रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान ने बताया कि निफ्टी ने 22,950 और सेंसेक्स ने 75,800 का सपोर्ट लेवल तोड़ दिया है। मतलब यह कि अब तक बाजार इस लेवल से नीचे नहीं आ रहा था। इससे संकेत मिलता है कि निवेशकों का धैर्य टूट रहा है।
आने वाले दिनों में सेंटिमेंट नहीं सुधरता तो सेंसेक्स 75,500 तक नीचे आ सकता है। ऐसा होने पर बिकवाली तेज होगी क्योंकि निवेशक और ट्रेडर घबरा जाएंगे। यदि सेंसेक्स किसी तरह 76 हजार के लेवल से ऊपर निकलने में कामयाब होता है, तो बाजार में स्थिरता लौट सकती है।

श्रीकांत चौहान को इक्विटी और डेरिवेटिव्स रिसर्च में 24 साल से ज्यादा का अनुभव है। वे कोटक सिक्योरिटीज में फंडामेंटल और टेक्निकल रिसर्च टीम के मुखिया हैं।
जल्द नहीं टूटती शेयर बाजार की सुस्ती अब तक के आंकड़े दर्शाते हैं कि सितंबर 1994 से लेकर अप्रैल 1995 के बीच शेयर बाजार में 8 महीने गिरावट रही। इसके बाद बाजार संभला, लेकिन एक साल बाद ही बाजार ने लगातार 5 महीने निगेटिव रिटर्न दिया। यानी लंबी गिरावट के बाद निवेशकों का भरोसा लौटने में काफी समय लगता है।
दिसंबर तक निफ्टी 4% रिटर्न दे सकता है: नोमुरा जापान की ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म नोमुरा का अनुमान है कि दिसंबर, 2025 तक भारतीय शेयर बाजार रिकवरी दिखाएगा और निफ्टी 23,784 तक पहुंच जाएगा। यह मौजूदा लेवल से 3.8% ऊपर है।
ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि अभी निफ्टी-50 इंडेक्स का प्राइस-टू-अर्निंग (PE) रेश्यो 19 गुना है। इसके इससे नीचे आने का अंदेशा कम है। सितंबर, 2024 में यह 21.3 गुना था।
इकोनॉमी ने खोई गति हासिल की: रिजर्व बैंक रिजर्व बैंक का मानना है कि देश की इकोनॉमी ने खोई हुई रफ्तार हासिल कर ली है। मजबूत ग्रामीण मांग को कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से मदद मिलेगी। टैक्स राहत के चलते शहरी मांग में सुधार की उम्मीद है।
इस बीच, अमेरिकी इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स ने भी भारत की विकास दर का अनुमान 0.10% बढ़ाकर 6.2% कर दिया है। इससे मार्केट सेंटीमेंट को मजबूती मिलेगी।