Seeking accountability from India: US official on Pannun murder plot case | पन्नू की हत्या की साजिश केस: अमेरिका ने भारत से जांच समिति की रिपोर्ट मांगी, कहा- वॉशिंगटन मामले में जवाबदेही चाहता है


वॉशिंगटन56 मिनट पहले

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भारत सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया था। पन्नू के पास कनाडा और अमेरिका की नागरिकता है। (फाइल) - Dainik Bhaskar

भारत सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया था। पन्नू के पास कनाडा और अमेरिका की नागरिकता है। (फाइल)

अमेरिका ने बुधवार को खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ कथित हत्या की साजिश को लेकर भारत से जवाबदेही मांगी है। अमेरिकी सरकार के उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल ने कहा कि भारत सरकार के सामने इस मुद्दे को सीधे उठाया गया है। साथ ही जांच समिति की रिपोर्ट मांगी गई है। वॉशिंगटन इस मामले में जवाबदेही चाहता है।

दरअसल, पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को 30 जून 2023 को चेक रिपब्लिक पुलिस ने गिरफ्तार किया था। 14 जून 2024 को निखिल को अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया था।

पिछले साल अमेरिका ने आरोप लगाया था कि न्यूयॉर्क में पन्नू पर जानलेवा हमले की साजिश रची गई थी। इसमें भारत का हाथ था। इस साजिश को नाकाम कर दिया गया। अमेरिकी एजेंसियों के मुताबिक, यह प्लानिंग PM मोदी के अमेरिका दौरे के वक्त की गई थी। हालांकि, इसकी जानकारी 22 नवंबर को दी गई थी। पन्नू की हत्या की साजिश रचने के मामले में 29 नवंबर 2023 को न्यूयॉर्क पुलिस की चार्जशीट सामने आई थी।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने निखिल के कोर्टरूम का यह स्केच जारी किया था।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने निखिल के कोर्टरूम का यह स्केच जारी किया था।

पन्नू को मारने के लिए दिए गए थे 83 लाख रुपए
चार्जशीट में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप है। इसमें लिखा है- भारत के एक पूर्व CRPF अफसर ने उसे पन्नू की हत्या की प्लानिंग करने को कहा था। निखिल ने एक व्यक्ति के साथ काम के बदले 83 लाख रुपए देने की डील की थी।

इसके बाद इस साल अप्रैल में अमेरिकी मीडिया वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि पन्नू की हत्या की साजिश के पीछे RAW का हाथ था। रिपोर्ट के मुताबिक, पन्नू की हत्या की पूरी प्लानिंग RAW के एक सीनियर अधिकारी विक्रम यादव ने की थी। उसने एक हिट टीम को काम पर रखा था।

यादव ने पन्नू के बारे में भारतीय एजेंट निखिल गुप्ता को जानकारी भेजी, जिसमें उसके न्यूयॉर्क में होने के बारे में पता चला था। इसके बाद निखिल गुप्ता ने पन्नू को मारने के लिए एक एजेंट से संपर्क किया। हालांकि प्लानिंग सफल होने से पहले ही निखिल गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्य टारगेट भारतीय मूल का अमेरिकी-कैनेडियन नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू था। ये अलग खालिस्तान की मांग करता है और भारत में आतंकी घोषित है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्य टारगेट भारतीय मूल का अमेरिकी-कैनेडियन नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू था। ये अलग खालिस्तान की मांग करता है और भारत में आतंकी घोषित है।

पन्नू मामले में कब, क्या हुआ, चार्जशीट के मुताबिक पूरी टाइमलाइन…

  • मई 2023: अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर के मुताबिक एक भारतीय अधिकारी (विक्रम यादव) ने निखिल गुप्ता को हायर किया।
  • 29 मई: निखिल गुप्ता ने किसी ऐसे शख्स की तलाश शुरू की जो पन्नू को मार सके। हालांकि, जिसे पन्नू को मारने के लिए हायर किया गया वो अमेरिका का अंडर कवर एजेंट निकला। कुछ हफ्तों तक निखिल गुप्ता ने इस अंडर कवर एजेंट से पन्नू को मारने के तरीके और कीमत पर चर्चा की।
  • 9 जून: गुप्ता ने पन्नू को मारने के लिए हायर किए गए हिटमैन को एक शख्स के जरिए 15 हजार डॉलर (12 लाख 49 हजार रुपए) का कैश भिजवाया। ये हत्या के लिए एडवांस पेमेंट थी।
  • 11 जून: भारत के अधिकारी ने गुप्ता को कहा कि पन्नू को अभी नहीं मरवा सकते हैं। दरअसल, जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर गए थे। गुप्ता ने भी फोन पर कहा था कि 10 दिनों तक कुछ नहीं किया जा सकता है, नहीं तो प्रदर्शन शुरू हुए जाएंगे।
  • 12 जून से 14 जून: गुप्ता ने फोन पर अपने साथी को कनाडा में किसी बड़े टारगेट के बारे में बताया। उसने कहा कि वो बाद में उसकी डीटेल्स शेयर करेगा।
  • 18 जून: कुछ लोग कनाडा में आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर देते हैं। कुछ ही महीनों बाद कनाडा इस हत्या का आरोप भारत पर लगाता है।
  • 19 जून: गुप्ता निज्जर की हत्या का वीडियो अमेरिका में पन्नू की हत्या के लिए हायर किए हिटमैन को भेजता है। वो लिखता है- ये अच्छी खबर है, अब इंतजार करने की जरूरत नहीं है।
  • 24 जून से 29 जून: गुप्ता ने पन्नू का मारने का प्लान आगे बढ़वाया। पन्नू की निगरानी शुरू हुई।
  • 30 जून: गुप्ता को चेक रिपब्लिक में अमेरिका के कहने पर उसे हिरासत में ले लिया गया।

कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?

  • गुरपतवंत सिंह पन्नू मूलरूप से पंजाब के खानकोट का रहने वाला है। वो फिलहाल अमेरिका में रहता है और सिख फॉर जस्टिस नाम का संगठन चलाता है। उसके पास अमेरिका और कनाडा दोनों देशों की नागरिकता है।
  • भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत पन्नू के संगठन SFJ पर बैन लगाया। सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में SFJ पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा था।
  • पन्नू पर साल 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साजिश का यही मुख्य टारगेट था। हालांकि, अमेरिकी चार्जशीट में इसका जिक्र नहीं है।
पन्नू अमेरिकन और कनाडा का नागरिक है। वह कनाडा से खालिस्तान के समर्थन में प्रदर्शन करवाता है और भारत में खालिस्तान के हिमायती को फाइनेंशियली सपोर्ट करता है। फोटो में कनाडा में भारत विरोधी प्रदर्शन करते कनाडा में रहने वाले सिख।

पन्नू अमेरिकन और कनाडा का नागरिक है। वह कनाडा से खालिस्तान के समर्थन में प्रदर्शन करवाता है और भारत में खालिस्तान के हिमायती को फाइनेंशियली सपोर्ट करता है। फोटो में कनाडा में भारत विरोधी प्रदर्शन करते कनाडा में रहने वाले सिख।

ये मामला सरकारों के बीच कैसे आया?
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार मामला एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश का था। हत्या की साजिश का आरोप भारत में बैठे अधिकारी पर था। इस कारण अमेरिकी अफसरों ने ये बात अपने आला अफसरों को बताई। भारत के सामने पहली बार ये मामला 5-6 अगस्त को सऊदी अरब के जेद्दा में उठा था। जब रूस-यूक्रेन मामले बैठक हो रही थी।

उस समय अमेरिकी NSA जैक सुलिवन ने भारत के NSA अजित डोभाल से अलग से इस हत्या की साजिश पर बात की थी। डोभाल ने सुलिवन से दो टूक कहा था कि ऐसे बात नहीं बनेगी। भारत इस पर तभी जांच कर सकता है, जब कोई सबूत और डिटेल हो। अगर ये सब नहीं है तो ये सब बकवास है।

जेद्दा में अमेरिकी NSA जैक सुलिवन ने भारत के NSA अजित डोभाल इस मामले की जानकारी दी थी, लेकिन डोभाल ने कहा था कि इस पर और सबूत चाहिए।

जेद्दा में अमेरिकी NSA जैक सुलिवन ने भारत के NSA अजित डोभाल इस मामले की जानकारी दी थी, लेकिन डोभाल ने कहा था कि इस पर और सबूत चाहिए।

इसके एक सप्ताह बाद जब भारत आजादी की सालगिरह मना रहा था। CIA निदेशक विलियन जे बर्न्स भारत आए। बर्न्स ने NSA डोभाल, रॉ प्रमुख रवि सिन्हा सहित कई आला अफसरों से बात की और उनके पास जो सबूत थे वो शेयर किए। भारत की ओर से फिर यही जवाब दिया गया कि ये बहुत सेंसटिव मामला है ऑफिशियल एक्शन से पहले इस पर और ठोस सबूत होना चाहिए।

इस बीच खालिस्तान अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में लगातार कनाडा के ऑफिशियल भारत के संपर्क में थे, लेकिन भारत उन्हें एंटरटेन नहीं कर रहा था। इसके बाद इसी साल अक्टूबर में अमेरिकी इंटेलिजेंस के चीफ एवरिल हेन्स ठोस सबूतों के साथ भारत आए और भारतीय अफसरों को बताया कि वो अभियोग तैयार कर रहे हैं।

इसके बाद अमेरिका ने इस मामले को सार्वजनिक कर दिया। जब भारत को वो दस्तावेज मिले तो भारत ने इस पर गंभीरता से जांच करने का फैसला किया। 18 नवंबर को भारत ने हाई लेवल इन्वेस्टिगेशन पैनल बनाया।

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