दूधेश्वरनाथ मंदिर में सुबह सावन के पहले दिन भक्तों की लंबी लाइन लगी हुई।
आज से सावन महीना शुरू हो गया है। आज पवित्र सावन का पहला दिन है, मंदिरों में विशेष तैयारियां की गई हैं। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है, और इस दौरान भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं।कवाड़िये गंगा जल लाकर मंदिरों में भगवान भोलेनाथ के श
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दूर दराज से पहुंचते हैं शिव भक्त
गाजियानाद दूधेश्वर नाथ मंदिर दूर दूर तक के लोगों का आस्था का केंद्र है। यहां लाखों की संख्या में कावड़िए गंगाजल चढ़ाते है। आज सावन के पहले दिन मंदिरों में तैयारियां ,सफाई और सजावट की जा रही हैं और उन्हें फूलों और अन्य सजावटी वस्तुओं से सजाया जाता है।

दूधेश्वरनाथ मंदिर में लाइन में लगे शिवभक्त।
भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। और उन्हें जल, दूध, और अन्य प्रसाद चढ़ाया जाता है। भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है, जिसमें उन्हें जल, दूध, शहद और अन्य तरल पदार्थों से स्नान कराया जाता है। मंदिरों में आरती और भजन का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्त भगवान शिव की स्तुति करते हैं।
सभी मंदिरों में विशेष व्यवस्था
सावन के पहले दिन शिवालियों में भक्तों की लंबी-लंबी लाइन लगी हैं। गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में सुबह से ही भक्तों की लंबी-लंबी का कतारें लगी है। मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है, मान्यता यह है कि यहां स्वयंभू शिवलिंग निकले थे, जिसके चलते न सिर्फ गाजियाबाद बल्कि आसपास के इलाकों से भी श्रद्धालु यहां अपने इष्टदेव बाबा भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं।

मंदिर में शिवलिंग पर जल अर्पित करते हुए शिवभक्त।
प्राचीन दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी पड़ी है और बाबा भोलेनाथ के जयकारों से शिवालय गूंज रहे हैं। हर हर महादेव और भोलेनाथ की जय… सावन के पहले दिन महिलाएं, बच्चे और पुरुष जलाभिषेक करने मंदिर में आ रहे हैं।