मुंबई1 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में 18,643 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा (स्टैंड अलोन नेट प्रॉफिट) हुआ है।
सालाना आधार पर इसमें 10% की कमी आई है। एक साल पहले यानी वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में बैंक को 20,698 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।
SBI की टोटल इनकम 12.04% बढ़ी
जनवरी-मार्च तिमाही में बैंक की टोटल इनकम सालाना आधार पर 12.04% बढ़कर 1,43,876 करोड़ रुपए रही। पिछले साल की समान तिमाही में यह 1,28,412 करोड़ रुपए रही थी। वहीं, पिछली तिमाही के मुकाबले यह 11.99% ज्यादा रही।
नेट इंटरेस्ट इनकम 8% बढ़ी
जनवरी-मार्च तिमाही में SBI की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) यानी शुद्ध ब्याज आय सालाना (YoY) आधार पर 8% बढ़कर 1,19,666 करोड़ रुपए रही। पिछले साल की समान तिमाही में ये 1,11,043 करोड़ रुपए रही थी। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में यह 1,17,427 करोड़ रुपए रही थी। तिमाही आधार पर यह 2% बढ़ी है।


15.90 रुपए प्रति शेयर डेविडेंड देगा बैंक
चौथी तिमाही के नतीजों के साथ स्टेट बैंक ने अपने शेयरधारकों को प्रति शेयर 15.90 रुपए का डिविडेंड यानी लाभांश देने का ऐलान किया है। कंपनियां अपने मुनाफे से कुछ हिस्सा अपने शेयरहोल्डर्स को देती हैं, इसे लाभांश या डिविडेंड कहते हैं।
क्या होता है स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड?
कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक सेगमेंट या यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, कंसॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है।
वापस नहीं मिली राशि NPA हो जाती है
बैंक जो लोन या एडवांस देता है, अगर वह समय पर वापस नहीं मिलाता है तो उस राशि को बैंक NPA यानी नॉन-परफॉर्मिंग एसेट घोषित कर देता है। सामान्य तौर पर 90 दिनों तक रिटर्न नहीं मिलने की स्थिति में लोन या एडवांस अमाउंट को बैंक NPA की लिस्ट में डाल देता है। इसका मतलब यह की इस राशि से बैंक को फिलहाल कोई फायदा नहीं मिल रहा है।
देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है SBI
SBI भारतीय स्टेट बैंक देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है। SBI में सरकार की 57.59% हिस्सेदारी है। 1 जुलाई 1955 को इसकी स्थापना हुई थी। बैंक का मुख्यालय मुंबई में है। वहीं बैंक की 22,500 से ज्यादा ब्रांच और 50 करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं। बैंक दुनिया के 29 देशों में काम करता है। भारत के बाहर इसकी 241 ब्रांच हैं।
