36 मिनट पहले
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बुधवार, 24 जुलाई को सावन महीने की पहली चतुर्थी है। इसे गणेश चतुर्थी व्रत कहते हैं। सावन, बुधवार और चतुर्थी के योग में गणेश जी, शिव जी और बुध ग्रह की पूजा का शुभ योग बना है। जानिए इस तिथि पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, शिव जी सावन महीने के स्वामी माने गए हैं और चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश जी है। ज्योतिष में बुधवार का कारक ग्रह बुध को माना जाता है। इस वजह से आज इन तीनों देवताओं की पूजा का शुभ योग बन रहा है।
ऐसे कर सकते हैं गणेश चतुर्थी व्रत
गणेश पूजा में भगवान को जल, दूध और पंचामृत से स्नान कराएं। जनेऊ, वस्त्र, हार-फूल से श्रृंगार करें। चंदन का तिलक लगाएं। कुमकुम, गुलाल, अबीर, दूर्वा, चावल, सुपारी, पान आदि पूजन सामग्री भेंट करें। कपूर जलाकर आरती करें। धूप-दीप जलाएं। ऊँ गं गणपतयै नम: मंत्र का जप करें।
पूजा में भगवान के सामने चतुर्थी व्रत करने का संकल्प लें। पूरे दिन निहारार रहें। भूखे रहना संभव न हो तो फलों का, दूध और फलों के रस का सेवन कर सकते हैं। शाम को चंद्र दर्शन के बाद फिर से गणेश पूजा और फिर भोजन करें। इस तरह चतुर्थी व्रत पूरा होता है।

बुध ग्रह के लिए कर सकते हैं ये शुभ काम
ज्योतिष के नौ ग्रहों में से एक बुध मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। कुंडली में बुध ग्रह स्थिति शुभ न हो तो हर बुधवार बुध की पूजा करनी चाहिए। बुध ग्रह के मंत्र ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः का जप कम से कम 108 बार करें। किसी मंदिर में हरे मूंग का दान करें।