14 घंटे पहले
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अभी सावन महीना चल रहा है और ये महीना 9 अगस्त को रक्षाबंधन के साथ खत्म होगा। इस महीने में शिव भक्ति करने की परंपरा है। लोग भगवान के 12 ज्योतिर्लिंगों में और अन्य बड़े-बड़े मंदिरों में दर्शन-पूजन करने पहुंचते हैं। जिन लोगों के पास घर के बाहर मंदिरों में पूजा-पाठ करने का समय नहीं है, वे घर पर ही अलग-अलग तरीकों से शिव भक्ति कर सकते हैं। यहां जानिए 5 ऐसे तरीके, जिनसे घर पर ही शिव भक्ति की जाती है…
पहला तरीका- विधि-विधान से करें शिवलिंग का अभिषेक
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, शिवलिंग शिव का निराकार स्वरूप है। शिवलिंग का रोज अभिषेक करना चाहिए। अभिषेक में शिवलिंग को जल, दूध, शहद, पंचामृत आदि शुभ चीजों से स्नान कराया जाता है। शिव जी को कौन सी चीज चढ़ाने से क्या फल मिलता है…
जल शुद्धता और शांति का प्रतीक है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने से अहंकार और नकारात्मकता खत्म होती है। दूध चढ़ाने से हमारे स्वभाव में करुणा आती है। शहद जीवन में मिठास लाता है। बिल्वपत्र शिव जी के लिए सर्वोत्तम भेंट है, बिल्व पत्र चढ़ाने से शिव जी की विशेष कृपा मिलती है और भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
आंकड़े के फूल, धतूरा और भांग चढ़ाने से विचारों की नकारात्मकता दूर होती है। पूजा करते समय ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जप किया जाता है। अगर हमारे पास पूजा के लिए साधन सीमित हैं तो शिवलिंग पर केवल जल अर्पण करके शिव पूजा की जा सकती है।
दूसरा तरीका- महामृत्युंजय जप करें
महामृत्युंजय मंत्र:
ऊँ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
इस मंत्र की रचना ऋषि मार्कंडेय ने की थी। मान्यता है कि इस मंत्र के जप से शिव जी प्रसन्न हो गए थे और ऋषि मार्कंडेय को चिरंजीवी होने का वरदान दिया था। महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से भक्त की सभी बाधाएं दूर होती हैं। रोजाना 108 बार रुद्राक्ष माला की मदद से इस मंत्र का जप करना चाहिए।
तीसरा तरीका- शिव जी के करें व्रत-उपवास
सावन माह में कई भक्त भगवान शिव के लिए रोज व्रत-उपवास करते हैं। जो लोग रोज व्रत नहीं कर पाते हैं, वे महीने के सभी सोमवार को व्रत करते हैं। अब सावन के बचे हुए दिनों में शिव जी की कृपा पाने के लिए व्रत किया जा सकता है। व्रत में अनाज त्यागना होता है, सिर्फ फल, दूध या जल ग्रहण किया जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि श्रद्धा से किया गया व्रत मोक्ष प्रदान करता है और भक्त को शिव जी की कृपा दिलाता है।
चौथा तरीका- ध्यान करें
भगवान शिव आदि योगी हैं – ध्यान के आदि स्रोत। वे हर समय ध्यान की मुद्रा में ही दिखाई देते हैं। शिव जी की भक्ति करते समय ध्यान करना चाहिए। शिवलिंग के पास दीपक जलाएं और भगवान का स्मरण करते हुए ध्यान करें। आप चाहें तो ध्यान करते समय मंत्रों का जप भी कर सकते हैं।
पांचवां तरीका- शास्त्रों का अध्ययन और सत्संग करें
शिव की आराधना केवल पूजा तक सीमित नहीं है। शिव पुराण, शिव सहस्रनाम जैसे ग्रंथों का पाठ करने से भी शिव जी की कृपा मिलती है। आप चाहें तो शिव जी की कथाएं सुन सकते हैं। किसी संत के सत्संग में शामिल हो सकते हैं। शास्त्रों का अध्ययन शिव तत्व की गहराई को समझने में मदद करता है। शास्त्रों में लिखा है कि जो भक्त एक क्षण भी शिव जी का स्मरण कर लेता है, वह मोक्ष को प्राप्त करता है।