sanjay Dutt munna bhai mbbs co-star arshad arshad warsi he improvised his jokes in film | अरशद वारसी ने ‘मुन्ना भाई MBBS’ में डायलॉग्स खुद बनाए: बोले- स्क्रिप्ट को पत्थर की लकीर नहीं समझता, सीन के हिसाब से बोलता हूं

10 मिनट पहले

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संजय दत्त और अरशद वारसी की फिल्म ‘मुन्ना भाई MBBS’ लोगों को खूब पसंद आई थी। इस फिल्म में सर्किट बने अरशद वारसी के मजेदार डायलॉग्स ने लोगों को हंसने पर मजबूर कर दिया था। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अरशद ने बताया कि फिल्म में ज्यादातर डायलॉग्स उन्होंने ऑन-द-स्पॉट खुद ही बनाए थे।

मशाबे इंडिया से बातचीत में अरशद वारसी ने कहा, ‘मैं अपने काम को ज्यादा नहीं देखता। लेकिन जब कभी देखता हूं, तो महसूस होता है कि मैंने अच्छा किया है। मुन्ना भाई में जो भी बातें मैंने की हैं, वे सभी इम्प्रोवाइज्ड हैं और वो भी बिना तैयारी के।’

अरशद वारसी ने कहा, ‘एसी वाले कमरे में स्क्रिप्ट लिखना और सेट पर जाकर लोगों से मिलकर फिर स्क्रिप्ट लिखना, दोनों में काफी अंतर होता है। जब कोई आपको कहानी बताता है, तो यह एक अलग स्थिति होती है। लेकिन जब आप किसी सीन को शूट कर रहे होते हो, तब सब कुछ बदल जाता है। इसलिए कभी भी स्क्रिप्ट को पत्थर की लकीर नहीं मानना चाहिए। यही मैंने राजकुमार हिरानी की फिल्म में किया।’

अरशद वारसी ने आगे कहा, ‘जब मुझे कोई डायलॉग दिया जाता है, तो पहले मैं सीन को समझने की कोशिश करता हूं। अगर कोई कॉमेडी डायलॉग होता है, तो मैं जल्दी समझ जाता हूं कि इसे कैसे करना है। हालांकि, मेरे साथ जो काम करते हैं, वो यह सोचते हैं कि इसमें क्या मजेदार है। लेकिन जब आप उसी सीन को बाद में देखते हैं, तो वह काफी मजेदार लगता है। इसलिए मैं जब भी कुछ सुधार के लिए डायरेक्टर से बोलता हूं, तो वह एकदम कहते हैं कि हां, यह अच्छा लगेगा।

हाल ही में अरशद वारसी की फिल्म बंदा सिंह चौधरी रिलीज हुई है। इस फिल्म में 1971 के भारत-पाक युद्ध की सांप्रदायिक हिंसा को दिखाया गया है। फिल्म में अरशद के साथ मेहर विज अहम भूमिका में नजर आ रही हैं। इसके अलावा अरशद फालतू, इश्किया, जॉली एलएलबी, डेढ़ इश्किया, मुन्ना भाई एमबीबीएस, लगे रहो मुन्ना भाई जैसी फिल्मों में नजर आ चुक हैं।

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