स्पोर्ट्स डेस्क27 मिनट पहले
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चैंपियंस ट्रॉफी के लिए शनिवार को टीम इंडिया का ऐलान हुआ। कप्तान रोहित शर्मा और चीफ सिलेक्टर अजित अगरकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर टीम सिलेक्शन की जानकारी दी। मोहम्मद सिराज और संजू सैमसन को टीम से बाहर किया गया। वहीं घरेलू क्रिकेट में 752 की औसत रखने के बावजूद करुण नायर स्क्वॉड में जगह नहीं बना सके।
टीम में कुछ खिलाड़ियों का सिलेक्शन चौंकाने वाला भी रहा। दुबई में तेज गेंदबाजी को मददगार पिच होने के बावजूद वॉशिंगटन सुंदर समेत 2 स्पिन ऑलराउंडर्स को मौका मिला। महज 8 वनडे खेलने वाले अर्शदीप सिंह ICC वनडे बॉलर्स रैंकिंग के टॉप-10 में शामिल सिराज की जगह शामिल किए गए।
स्टोरी में BCCI की टीम सिलेक्शन का एनालिसिस और पॉसिबल प्लेइंग-11…
क्यों नहीं मिली इन प्लेयर्स को जगह?
1. मोहम्मद सिराज: 2022 से टीम के टॉप विकेट टेकर कप्तान रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘टीम में नई बॉल से गेंदबाजी करने के लिए बुमराह और शमी मौजूद हैं। सिराज पुरानी गेंद से इफेक्टिव नहीं हैं, इसलिए उन्हें बाहर किया गया।’ हालांकि, सिराज को बाहर करना बहुत चौंकाने वाला फैसला है, क्योंकि जनवरी 2022 के बाद से उन्होंने भारत के लिए सबसे ज्यादा 71 विकेट लिए हैं।
सिराज नई गेंद से ही भारत के लिए पारी की शुरुआत करते हैं। उन्होंने 2023 के वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में आखिरी बार नई गेंद से शुरुआत नहीं की थी। सिराज को बाहर कर टीम ने अर्शदीप सिंह को मौका दिया। वहीं टीम ने 4 स्पिनर्स भी रखे। जबकि दुबई की पिच तेज गेंदबाजों के लिए ज्यादा मददगार है। यहां पिछले 5 साल के वनडे में पेसर्स ने 60% और स्पिनर्स ने 40% विकेट लिए हैं। दुबई में ही भारत को सभी मैच खेलने हैं।
2. संजू सैमसन: आखिरी वनडे में शतक लगाया सैमसन का नाम बतौर बैकअप विकेटकीपर के रूप में आगे था, लेकिन उनकी जगह ऋषभ पंत को 15 सदस्यीय टीम में जगह मिली। पंत या सैमसन जिस भी प्लेयर को 15 में जगह मिलती, दोनों को ही फर्स्ट चॉइस प्लेइंग-11 से बाहर बैठना पड़ता। क्योंकि केएल राहुल विकेटकीपर पोजिशन पर अपनी जगह पक्की कर चुके हैं।
सैमसन ने भारत के लिए पिछले वनडे में साउथ अफ्रीका के खिलाफ साउथ अफ्रीका में ही शतक लगाया था। ओवरऑल उनके नाम 16 वनडे में 3 फिफ्टी और एक सेंचुरी की मदद से 510 रन हैं। उनकी औसत भी 56.66 की है। उन्हें बाहर करना मुश्किल था, लेकिन पंत का इंटरनेशनल अनुभव और उनकी हाई रिस्क बैटिंग ने सैमसन को बाहर कर दिया।
3. करुण नायर: घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन का फायदा नहीं ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज हारने के बाद BCCI ने सभी प्लेयर्स का घरेलू क्रिकेट खेलना जरूरी कर दिया। हालांकि, सिलेक्शन कमेटी घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को कुछ खास तवज्जो नहीं देती। क्योंकि अगर ऐसा होता तो मौजूदा विजय हजारे ट्रॉफी में 752 की औसत से रन बनाने वाले बैटर करुण नायर को जरूर जगह मिलती। नायर ने विदर्भ की कप्तानी करते हुए 50 ओवर के घरेलू टूर्नामेंट के 8 मैचों में 5 शतक और एक फिफ्टी लगाई। टीम सिलेक्शन से पहले तक वह महज एक ही बार आउट भी हुए थे।
करुण ने 779 रन बनाकर टूर्नामेंट फिनिश किया, वह विजय हजारे के टॉप रन स्कोरर रहे। इसके बावजूद उन्हें जगह नहीं मिली, वहीं वनडे में डेब्यू भी नहीं करने वाले यशस्वी जायसवाल को टीम में जगह दे दी गई। 33 साल के नायर का प्लेइंग-11 में शामिल होना मुश्किल था, शायद इसी वजह से उन्हें टीम से भी बाहर रखा गया।
4. नीतीश कुमार रेड्डी: ऑस्ट्रेलिया में चमके, वनडे टीम से बाहर दुबई की पिच तेज गेंदबाजों के लिए ज्यादा मददगार है। भारत ने 4 ऑलराउंडर चुनें, जिनमें 3 स्पिन बॉलिंग करते हैं। कप्तान रोहित ने कहा कि 4 ऑप्शन होने से उन्हें फैसले लेने में आसानी होगी। हालांकि, दुबई की पिच को ध्यान में रखकर अगर यह फैसला लिया जाता तो किसी स्पिन ऑलराउंडर की जगह नीतीश कुमार रेड्डी को मौका दिया मिलता। जो पेस बॉलिंग ऑलराउंडर हैं।
नीतीश ने भी यशस्वी की तरह अब तक वनडे डेब्यू नहीं किया, लेकिन उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में पिछली सीरीज के दौरान अपनी बैटिंग से बेहतरीन प्रदर्शन किया था। यशस्वी और राहुल के बाद वे ही टीम के टॉप रन स्कोरर थे। जरूरत पड़ने पर वे कुछ ओवर्स गेंदबाजी भी कर सकते हैं। फिर भी उन्हें बाहर करने की वजह उनकी अनुभवहीनता हो सकती है।
क्यों मिली इन प्लेयर्स को जगह?
1. यशस्वी जायसवाल: चौथे ओपनर के रूप में जगह बनाई यशस्वी का सिलेक्शन पूरी तरह से टेस्ट में उनके रीसेंट फॉर्म के आधार पर हुआ है। वह ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज के दौरान भारत के टॉप रन स्कोरर थे। उन्होंने घरेलू वनडे में 53.96 की औसत से 1511 रन जरूर बनाए हैं। जिनमें 5 सेंचुरी और 7 फिफ्टी शामिल हैं, लेकिन इस तरह की परफॉर्मेंस तो करुण नायर की भी थी।
यशस्वी को बैकअप ओपनर के रूप में शामिल किया गया। हालांकि, टीम में केएल राहुल के रूप में तीसरा ओपनर भी मौजूद है। जो शुभमन या रोहित के इंजर्ड होने की स्थिति में ओपनिंग कर सकते हैं। इसके बावजूद यशस्वी को सिलेक्ट करने का फैसला चौंकाने वाला है। हालांकि, यशस्वी महज 23 साल के हैं, इसलिए संभव है कि उन्हें ICC वनडे टूर्नामेंट का अनुभव देने के लिए टीम के साथ जोड़ा गया हो। क्योंकि रोहित के बाद वे ही शुभमन के साथ ओपनिंग पोजिशन संभालते नजर आ रहे हैं।
2. वॉशिंगटन सुंदर: टेस्ट में चमके तो वनडे में मौका मिला कप्तान रोहित ने कहा कि टीम में 4 ऑलराउंडर्स होने से ऑप्शन ज्यादा मिलते हैं। सुंदर ने पिछले 4 महीने में बैट और बॉल दोनों से प्रभावित किया। हालांकि, यह प्रदर्शन टेस्ट फॉर्मेट में आया। वनडे में उनके नाम 22 मैचों में 23 विकेट हैं, वहीं बैट से वे एक फिफ्टी लगाकर 315 रन ही बना सके। दुबई की पिच को देखते हुए उनकी जगह किसी पेसर या पेस बॉलिंग ऑलराउंडर को चुना जा सकता था।
3. अर्शदीप सिंह: वनडे में महज 12 विकेट ले सके अर्शदीप लेफ्ट आर्म पेसर हैं और नई गेंद को दोनों तरफ स्विंग करा लेते हैं। उन्हें सिराज की जगह मौका मिला, जिन्हें यह कहकर बाहर किया गया कि वह पुरानी गेंद से प्रभाव नहीं छोड़ पाते। हालांकि, उनके रिप्लेसमेंट अर्शदीप भी नई गेंद से ही ज्यादा कारगर हैं। उनका अनुभव भी महज 8 वनडे का है, जिनमें उन्होंने 12 विकेट लिए हैं। अर्शदीप के सिलेक्शन में सबसे बड़ा रोल उनके बॉलिंग आर्म का माना जा सकता है, क्योंकि टीम में उनके अलावा एक भी लेफ्ट आर्म पेसर नहीं है।
4. ऋषभ पंत: 2 साल में 1 ही वनडे खेला पंत ने पिछले 2 साल में एक ही वनडे खेला है। फिर भी उनके सिलेक्शन की वजह उनकी एक्स फैक्टर बैटिंग हो सकती है। क्योंकि उन्होंने टेस्ट फॉर्मेट में अपने हाई रिस्क क्रिकेट से टीम इंडिया को कई मुकाबले जिताए हैं। पंत ने अब तक 31 वनडे में 5 फिफ्टी और एक सेंचुरी लगाकर 871 रन बनाए हैं। उनकी औसत महज 33.50 की है। सैमसन की तुलना पंत के आंकड़े कमजोर हैं, लेकिन उनके हाई रिस्क क्रिकेट ने उन्हें वनडे स्क्वॉड में जगह दिला दी।
शुभमन ही क्यों बने उप कप्तान? टीम सिलेक्शन में एक और चौंकाने वाला फैसला यह रहा कि शुभमन गिल उपकप्तान बनाए गए। उनका फॉर्म भी इन दिनों कुछ खास नहीं जा रहा, इसके बावजूद उन्हें यह जिम्मेदारी दे गई। चीफ सिलेक्टर ने कहा, शुभमन श्रीलंका के खिलाफ पिछली सीरीज में भी उप कप्तान थे। टीम मैनेजमेंट भविष्य को ध्यान में रखकर भी फैसले लेता है। ड्रेसिंग रूम से भी शुभमन को लेकर कई बातें सामने आईं, इस कारण उन्हें यह जिम्मेदारी मिली।
अगरकर के इस बयान ने एक बात तो साफ कर दी है, रोहित शर्मा के वनडे फॉर्मेट छोड़ने के बाद शुभमन ही टीम के अगले कप्तान होंगे। शुभमन ने इस फॉर्मेट में रन भी खूब बनाए हैं। उनके नाम इस फॉर्मेट के 47 मैचों में 58.20 की औसत से 2328 रन हैं। यह औसत विराट कोहली से भी बेहतर हैं। इतना ही नहीं, शुभमन 6 सेंचुरी और 13 फिफ्टी भी लगा चुके हैं। जिसमें एक दोहरा शतक भी शामिल है।
चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारत की पॉसिबल प्लेइंग-11
रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल (उप कप्तान), विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी।
बेंच: यशस्वी जायसवाल, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), अर्शदीप सिंह, वॉशिंगटन सुंदर।
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