शहर में रेलवे स्टेशन रोड से बंशीपान तक बनने वाला 2.7 किमी लंबा एलिवेटेड रोड पिछले पूरे साल चर्चा में रही और आखिरी तीन दिन यानी 28 दिसंबर को सॉइल टेस्टिंग (मिट्टी की जांच) का काम शुरू हुआ। हालांकि, उद्घाटन 14 दिसंबर को ही हो गया था। अभी उदियापोल चौरा
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निर्माण कंपनी ट्रांसरेल लाइटिंग इन्हें जांच के लिए दिल्ली भेजेगी। वहां से रिपोर्ट मिलने के बाद पिलरों की जगह तय होगी। काम पूरा करने की अवधि दो साल यानी 2026 तक रखी गई है। भास्कर ने शहर में हाल ही निर्मित दो फ्लाईओवरों के काम की पड़ताल की तो सामने आया कि इस अवधि में एलिवेटेड रोड बनने की संभावना न के बराबर है।
चौड़ाई 12 मीटर होगी, 17-17 फीट के 112 पिलर लगेंगे
उदियापोल, सूरजपोल, टाउनहॉल रोड, देहलीगेट, कलेक्ट्री मार्ग, कोर्ट सर्किल पर ट्रैफिक का दबाव ज्यादा रहता है। आए दिन जाम लगता है। इसी में सुधार के लिए एलिवेटेड रोड बनाया जा रहा है। सिटी रेलवे स्टेशन गेट से करीब 100 मीटर आगे से यह बनना शुरू होगा और बंशीपान भंडार तक बनेगा। चौड़ाई 12 मीटर होगी और एक हिस्सा एमबी हॉस्पिटल रोड पर भी उतारा जाएगा। पूरे मार्ग में 17-17 फीट के 112 पिलर लगेंगे। रोड निर्माण पर 136.89 करोड़ रुपए खर्च होंगे। निगम 47.91 करोड़, यूडीए 61.60 करोड़ व 27.38 करोड़ रुपए राज्य सरकार देगी।
कई बाजार, व्यवसायी पहले से विरोध में एलिवेटेड रोड के मार्ग में उदियापोल के आसपास होटल-रेंस्टोरेंट हैं। टाउनहॉल रोड पर शोरूम और बैंक हैं। देहलीगेट चौराहे पर अश्विनी बाजार और बापू बाजार हैं। ये सभी प्रभावित होंगे। व्यवसायियों में अंदरूनी विरोध पहले से है। पूर्व उपमहापौर पारस सिंघवी भी उनके साथ विरोध कर चुके हैं।
निर्माता कंपनी को तय अवधि में ही काम जल्द से जल्द पूरा करना होगा। नगर निगम-पुलिस-प्रशासन को व्यापारियों के साथ सामंजस्य बनाना होगा, ताकि वे विरोध में न उतरें। इसके लिए पार्किंग की व्यवस्था के साथ ही उनके प्रतिष्ठानों तक ग्राहकों के आने-जाने के मार्ग को सुचारू रखना होगा।
500 मीटर का काम 2 साल में हुआ, 2.7 किमी का काम दो साल में कैसे होगा? कुम्हारों का भट्टा पर 0.61 किमी और 0.41 किमी से भी कम का फ्लाईओवर सेवाश्रम पर बनाया गया। इसमें दो-दो साल लग गए, जबकि इन्हें बनाने के लिए एक-एक साल का समय तय था। अब बनने वाला एलिवेटेड रोड इनसे करीब 2 किमी बड़ा है। ये दोनों फ्लाईओवर छोटे होने के बावजूद समय पर नहीं बन पाए। अब चूंकि एलिवेटेड इनसे और भी बड़ा बनना है। ऐसे में ज्यादा मशीनरी-श्रमिक और टीमें लगानी होंगी। मॉनीटरिंग भी प्रॉपर तरीके से करनी होगी। हालांकि, मौसम व भौगोलिक स्थितियों के कारण काम में देरी फिर भी संभव है।
रोड के बीच 90 डिग्री के तीन घुमाव दोनों फ्लाईओवर के डिजाइन में कोई जटिलता नहीं थी। ये एकदम सीधे हैं, जबकि एलिवेटेड में तीन जगह 90 डिग्री का कर्व (मुड़ाव) है। यह शहर के मुख्य मार्गों और बाजारों से होकर निकलेगा।90 डिग्री के ये तीन कर्व सूरजपोल मार्ग, टाउन हॉल रोड पर कल्याण ज्वेलर्स और देहलीगेट चौराहे पर हैं। इन कर्व पर दो-दो पिलर लगाए जाएंगे। हालांकि, इस बीच, निगम किसी बिल्डिंग के अधिग्रहण का फैसला कर कर्व खत्म कर सकता है, लेकिन ऐसा किया जाना कम ही मुमकिन है।
निर्माण सबसे बिजी रूट पर, रोज 69 हजार वाहनों को कैसे मैनेज करेंगे? जिस जगह पर यह रोड बनाया जाना है, वहां शहर का सबसे ज्यादा ट्रैफिक रहता है। उदियापोल से कलेक्टर आवास मार्ग पर अभी करीब 69 हजार 268 वाहनों का रोज दबाव रहता है। उदियापोल, सूरजपोल, देहलीगेट और कोर्ट चौराहे जैसे व्यवस्तत सर्किल भी हैं। दूसरी ओर, दोनों ही फ्लाईओवरों से रोज 5 से 6 वाहन ही गुजरते हैं।
नगर निगम के अधीक्षण अभियंता मुकेश पुजारी ने बताया कि पिलर डिवाइडर पर बनेंगे। रोड के बीच के 10 फीट के हिस्से पर दोनों ओर टीन की चादर लगाकर पार्टिशन बनेगा। इसके बीच मशीन व श्रमिक काम करेंगे। टीन के दोनों तरफ से वाहन निकल सकेंगे। एएसपी उमेश ओझा ने बताया कि निर्माण कार्य के बीच दोनों लेन चलती रहेंगी।
बसों-भारी वाहनों को पारस से सबसिटी सेंटर होते हुए निकालेंगे। इसके बाद भी ट्रैफिक का दबाव बढ़ा तो कारों को भी इस रास्ते से उदियापोल निकाला जाएगा। इसी तरह उदियापोल, सूरजपोल, टाउन हॉल रोड, देहलीगेट, कोर्ट सर्किल से बंशीपान रोड पर काम शुरू होने पर भी ट्रैफिक को दूसरी मार्गों पर डायवर्ट किया जाएगा।