Sam Pitroda dismisses bjp leader allegations land controversy | सैम पित्रोदा बोले- भारत में मेरी जमीन, घर नहीं: राजीव या मनमोहन किसी सरकार में सैलरी नहीं ली; BJP ने अवैध जमीन का आरोप लगाया था

51 मिनट पहले

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सैम पित्रोदा ने कहा- मैंने भारत सरकार में काम करते हुए कभी सैलरी नहीं ली। - Dainik Bhaskar

सैम पित्रोदा ने कहा- मैंने भारत सरकार में काम करते हुए कभी सैलरी नहीं ली।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष और राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने BJP के अवैध जमीन के आरोपों का खंडन करते हुए बुधवार को कहा- भारत में मेरे पास कोई जमीन, घर या शेयर नहीं है।

BJP नेता एन आर रमेश ने आरोप लगाया है कि सैम पित्रोदा ने पांच सीनियर गवर्मेंट ऑफिसर की मदद से कर्नाटक के बेंगलुरु के येलहंका में 12.35 एकड़ की सरकारी जमीन अवैध रूप से हासिल की। साथ ही लीज की अवधि खत्म होने के बाद भी सरकारी जमीन वापस नहीं की। उस जमीन की अभी के समय 150 करोड़ रुपए कीमत है।

रमेश ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और कर्नाटक लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कर अनुरोध किया कि इस कथित जमीन कब्जे मामले में शामिल अधिकारी समेत सभी लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए।

सैम पित्रोदा की एक्स पोस्ट।

सैम पित्रोदा की एक्स पोस्ट।

सैम पित्रोदा ने एक्स में लिखा-

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भारतीय मीडिया टीवी और प्रिंट दोनों में आई हालिया रिपोर्ट्स के संदर्भ में मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं: मेरे पास भारत में कोई जमीन, घर या शेयर नहीं हैं। इसके अलावा भारत सरकार के साथ काम करने के दौरान चाहे वह 1980 के दशक के मध्य में प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ हो या 2004 से 2014 तक डॉ. मनमोहन सिंह के साथ मैंने कभी कोई वेतन नहीं लिया। इसके अलावा, मैं स्पष्ट रूप से यह बताना चाहता हूं कि मैंने अपने पूरे 83 वर्षों के जीवन में कभी भी भारत या किसी अन्य देश में रिश्वत नहीं दी है या स्वीकार नहीं की है। यह पूर्ण एवं अखंडनीय सत्य है।

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BJP ने सैम पित्रोदा पर लगाए ये आरोप

बीजेपी नेता रमेश ने अपनी शिकायत में कहा कि पित्रोदा ने 23 अक्टूबर 1993 को मुंबई महाराष्ट्र के को-ऑपरेटिव सोसाइटी के रजिस्ट्रार ऑफिस में फाउंडेशन फॉर रिवाइटलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशन (FRLHT) नाम से एक ऑर्गेनाइजेशन रजिस्टर किया था। पित्रोदा ने कर्नाटक राज्य वन विभाग से औषधीय जड़ी-बूटियों के संरक्षण और रिसर्च के लिए एक रिजर्व वन क्षेत्र को लीज पर देने का अनुरोध किया।

पित्रोदा के अनुरोध पर विभाग ने 1996 में बेंगलुरु के येलहंका के पास जरकबांडे कवल में बी ब्लॉक में 12.35 एकड़ आरक्षित वन भूमि को पांच साल की लीज पर दे दिया। FRLHT को दी गई शुरुआती पांच साल की लीज 2001 में खत्म हो गई थी, जिसके बाद कर्नाटक वन विभाग ने इसे अगले 10 सालों के लिए बढ़ा दिया।

पित्रोदा के मुंबई में FRLHT को दी गई लीज 2 दिसंबर 2011 को समाप्त हो गई थी और इसे आगे नहीं बढ़ाया गया। जब लीज समाप्त हो गई, तो राज्य वन विभाग को इस 12.35 एकड़ की बहुमूल्य सरकारी जमीन को वापस लेना था, जिसकी अब कीमत 150 करोड़ रुपए से अधिक है। उन्होंने आरोप लगाया कि वन विभाग के अधिकारियों ने पिछले 14 सालों में इस जमीन को वापस लेने का कोई प्रयास नहीं किया।

10 दिन पहले पित्रोदा ने कहा था- चीन भारत का दुश्मन नहीं 17 फरवरी को सैम पित्रोदा ने कहा था, भारत को चीन को अपना दुश्मन मानना बंद कर देना चाहिए। चीन से खतरे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। चीन को दुश्मन मानने के बजाय उसे सम्मान देना चाहिए। मुझे समझ ही नहीं आता कि भारत को चीन से क्या खतरा है। हम सभी को साथ आकर काम करना चाहिए। भारत को चीन के प्रति अपने नजरिए को बदलने की जरूरत की है। पूरी खबर पढ़ें…

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‘आज बहुत गुस्से में हूं। कोई गाली दे, मुझे गुस्सा नहीं आता। सहन कर लेता हूं, लेकिन आज शहजादे के फिलॉसफर ने इतनी बड़ी गाली दी है, जिसने मुझमें गुस्सा भर दिया है। कोई मुझे ये बताए कि क्या मेरे देश में चमड़ी के आधार पर योग्यता तय होगी।’

तेलंगाना के वारंगल की एक रैली में पीएम मोदी ने ये बातें कहीं। वो इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के एक बयान पर नाराजगी जता रहे थे। दरअसल, सैम ने द स्टेट्समैन को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, ‘हम भारत जैसे विविधता वाले देश को एक साथ रख सकते हैं। जहां ईस्ट के लोग चाइनीज जैसे, वेस्ट के लोग अरेबियन जैसे, नॉर्थ के लोग गोरों जैसे और साउथ के लोग अफ्रीकन जैसे दिखते हैं।’ पूरी खबर पढ़ें…

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