Salwan Momika, who burned the Quran in Sweden, was killed | स्वीडन में कुरान जलाने वाले सलवान मोमिका की हत्या: हमलावरों ने गोली मारी, हत्या के वक्त टिकटॉक पर लाइव था


स्टॉकहोम2 घंटे पहले

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सलवान पर इस्लाम के खिलाफ नफरत फैलाने के आरोप में केस दर्ज थे। - Dainik Bhaskar

सलवान पर इस्लाम के खिलाफ नफरत फैलाने के आरोप में केस दर्ज थे।

स्वीडन में मस्जिद के सामने कुरान जलाने वाले प्रदर्शनकारी सलवान मोमिका की बुधवार शाम अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी। BBC के मुताबिक 38 साल के सलवान को स्टॉकहोम के सोडरटेलजे में एक अपार्टमेंट में गोली मार दी गई। हत्या के समय सलवान टिकटॉक पर लाइव था।

सलवान ने 28 जून 2023 को ईद के दिन स्टॉकहोम की सबसे बड़ी मस्जिद के सामने कुरान जलाया था। इस वजह से दुनियाभर में स्वीडन के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। सलवान ने बाद में भी कई बार कुरान जलाया। उस पर कुरान के पन्नों पर सुअर का मांस लपेटने, कुरान को पैरों से कुचलने जैसे आरोप भी थे।

सलवान के हत्यारों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और हत्यारों की जांच में जुट गई है।

मोमिका शरण की तलाश में 2018 में इराक से बाहर चले गये थे।

मोमिका शरण की तलाश में 2018 में इराक से बाहर चले गये थे।

आज कोर्ट में पेशी होनी थी सलवान मोमिका और उसके दोस्त सलवान नजीम पर स्वीडन में इस्लाम के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगा था। उनके खिलाफ 16 जनवरी को स्वीडन की अदालत में मुकदमा शुरू हुआ था।

31 जनवरी को इसे लेकर फैसला सुनाया जाना था। आज स्टॉकहोम की जिला कोर्ट में दोनों को पेश होना था। कोर्ट में जज गोरान लुंडाहल ने उसकी मौत की पुष्टि की।

कोर्ट ने सलवान की हत्या के बाद अब फैसला 3 फरवरी तक के लिए टाल दिया है। अदालत ने कहा कि सलवान मोमिका की मौत हो गई है, इसलिए फैसला सुनाने के लिए अब ज्यादा समय की जरूरत है।

इराकी मिलिशिया में रह चुका था सलवान सलवान इराक में असीरियन-अरामी(ईसाई) समुदाय से था। यह ग्रुप इराक में राजनीतिक तौर पर काफी सक्रिय है और अपनी मांग मनवाने के लिए अक्सर हिंसा का सहारा लेता है। फ्रांस24 के मुताबिक सलवान मोमिका ने 2017 में इराकी शहर मोसुल के बाहरी इलाके में अपना सशस्त्र समूह बनाया था।

हालांकि एक अन्य ईसाई मिलिशिया संगठन बेबीलोन के प्रमुख रेयान अल-कलदानी के साथ सत्ता संघर्ष के बाद उसे 2018 में इराक छोड़ना पड़ा था। स्वीडन ने 2021 में सलवान को शरणार्थी का दर्जा दिया था।

कुरान क्यों जलाता था सलवान? सलवान मोमिका ने अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर स्वीडिश सरकार से कुरान जलाने की इजाजत देने की मांग की थी। इसके बाद स्वीडन पुलिस ने एक दिन के लिए उन्हें इस्लाम के खिलाफ प्रदर्शन करने की मंजूरी दी थी। इसके बाद सलवान ने कम के कम 3 बार कुरान जलाया। इसके बाद सलवान के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया।

2023 में कुरान जलाने की मंजूरी मिलने के बाद मोमिका ने कहा था कि वह हम मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है लेकिन वह उनके विचारों और मान्यताओं के खिलाफ हैं। सलवान का मानना था कि मुस्लिम धर्म का दुनिया पर बहुत नकारात्मक असर पड़ा है और इसे दुनियाभर में बैन किया जाना चाहिए।

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