रूस-यूक्रेन युद्ध में शामिल बताए गए हिसार जिले के मदनहेड़ी के युवक सोनू की मौत से परिजनों ने इनकार किया है। शुक्रवार शाम को सोनू व अमन के परिजन नारनौंद के एसडीएम विकास यादव से मिलने पहुंचे। उन्होंने एसडीएम से सोनू व अमन का पता लगाने की गुहार लगाई है।
.
एसडीएम विकास यादव ने आश्वासन दिया कि वह अपने स्तर पर पूरा प्रयास करेंगे। वहीं दोनों युवकों के परिजन विधायक जस्सी पेटवाड़ के साथ बीती रात दिल्ली में सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और जयप्रकाश से भी मिले।
गांव मदनहेड़ी निवासी अनिल का कहना है कि रूस से जो शव की फोटो भेजी गई है, वह सोनू की नहीं है। अनिल ने बताया कि रूस से एक पत्र मिला था, जिसमें सोनू की मौत की बात कही गई थी।
लेकिन फोटो देखने के बाद परिवार ने उसे पहचानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि सोनू जिंदा है। जब तक सरकार या दूतावास से आधिकारिक पुष्टि नहीं होती, हम उसे जीवित मानते हैं।

एसडीएम नारनौंद से मिलने पहुंचे रूसी सेना में गए सोनू के परिजन।
परिजन तीसरी बार विधायक को लेकर दिल्ली गए
सोनू के साथ ही गांव का ही युवक अमन भी रूस में लापता बताया जा रहा है। दोनों के परिजन गुरुवार को तीसरी बार विधायक जस्सी पेटवाड़ के साथ दिल्ली पहुंचे, ताकि विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिल सकें। हालांकि मुलाकात संभव नहीं हो सकी।
परिवार ने केंद्र सरकार से मामले की सच्चाई सामने लाने और युवकों का पता लगाने की मांग की है। परिजनों का आरोप है कि दोनों युवकों को विदेशी भाषा का कोर्स कराने के बहाने रूस ले जाया गया, जहां धोखे से रूसी सेना में भर्ती कर यूक्रेन युद्ध में भेज दिया गया।
3 सितंबर को हुई थी आखिरी बार बात
सोनू ने 3 सितंबर को आखिरी बार फोन कर बताया था कि उसे जबरन भर्ती किया जा रहा है और जल्द युद्ध में भेजा जाएगा। इसके बाद 19 सितंबर को रूस से एक पत्र मिला, जिसमें बताया गया कि वह 6 सितंबर से लापता है और अब उसका शव मिल गया है। लेकिन परिवार का कहना है कि रूसी सेना ने जो शव बताया, वह किसी और का है।