कीव3 घंटे पहले
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यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने वीडियो जारी कर दोनों चीनी नागरिकों की जानकारी दी।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने दावा किया है कि उनकी खुफिया एजेंसी ने 155 चीनी नागरिकों की पहचान की है जो रूस की तरफ से जंग लड़ रहे हैं। यह संख्या ज्यादा भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि पहचान में आए सभी लोगों के नाम और पासपोर्ट की जानकारी उनके पास है।
जेलेंस्की ने कहा कि रूस सोशल मीडिया के जरिए चीनी नागरिकों की भर्ती कर रहा है। चीन को भी इस बात की जानकारी है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन यह जानने की कोशिश कर रहा है कि भर्ती करने वालों को बीजिंग की तरफ से निर्देश मिल रहे हैं या नहीं।
इससे पहले जेलेंस्की ने मंगलवार को दावा किया था कि यूक्रेनी सेना ने रूस की तरफ से जंग लड़ रहे 2 चीनी नागरिकों को पकड़ा है। उन्होंने इससे जुड़ा वीडियो भी जड़ा किया जिसमें पकड़े गए लोगों के हाथ जिप-टाई से बंधे थे। यह पहली बार था जब यूक्रेन ने चीनी लड़ाकों को लेकर ऐसा दावा किया।
जेलेंस्की बोले- चीन को जंग में खींच रहा रूस
जेलेंस्की ने कहा कि रूस, चीन को इस जंग में खींच रहा है। यह पुतिन के प्लान का हिस्सा है। पुतिन चाहते हैं कि यूरोप में जंग फैले।
रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेनी सेना डोनेट्स्क में 6 चीनी नागरिकों से लड़ाई लड़ रही थी। इस दौरान 2 लोगों को जिंदा पकड़ लिया गया। बाकी के चार चीनी नागरिक मारे गए या भाग गए, अभी साफ नहीं है।
जेलेंस्की ने दावा किया कि पकड़े गए चीनी नागरिकों के पास से उनके पहचान पत्र, बैंक कार्ड और व्यक्तिगत डेटा मिला है। उन्होंने ये भी बताया कि चीनी नागरिक अब यूक्रेन की सुरक्षा सेवा की हिरासत में हैं। जेलेंस्की ने पकड़े गए चीनी नागरिकों का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था।
चीन बोला- यूक्रेन के दावे में सच्चाई नहीं
जेलेंस्की ने अगले दिन बुधवार को दावा किया था कि वे रूस में बंदी बनाए गए यूक्रेनी सैनिकों के बदले दो युद्धबंदियों को देने को तैयार हैं। जेलेंस्की के दावे को चीन ने खारिज कर दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बुधवार को कहा कि इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है।
चीनी सरकार ने हमेशा अपने नागरिकों को जंग वाले इलाके से दूर रहने और किसी भी तरह से ऐसी लड़ाई में शामिल होने से बचने को कहा है। लिन जियान ने कहा कि चीन, यूक्रेन के साथ बातचीत करके इस मामले से जुड़ी पूरी जानकारी हासिल कर रहा है।
चीन खुद को युद्ध में तटस्थ बताता है और कहता है कि वह न तो हथियार देता है और न ही सैनिक भेजता है। रूस ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, अमेरिका ने कहा कि यह जानकारी चौंका देने वाली है।
US स्टेट डिपार्मेंट की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि चीन, रूस का मददगार देश है जो जंग को बढ़ावा दे रहा है। रूस पहले भी चीन को ड्रोन पार्ट्स और माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स देता रहा है, लेकिन सैनिकों की मौजूदगी हैरान करने वाली है।
रूस-यूक्रेन जंग में विदेशी सैनिकों की मौजूदगी के दावे पहले भी किए जाते रहे हैं। इससे पहले दक्षिण कोरिया ने दावा किया था कि उत्तर कोरिया के 10 हजार सैनिक रूस की तरफ से यूक्रेन में जंग लड़ रहे हैं।
पैसे और रूसी नागरिकता के लिए जंग लड़ रहे
इस बीच यूक्रेन के अखबार प्राव्दा ने यूक्रेनी सेना का हवाला देते हुए बताया है कि चीनी नागरिकों को जंग लड़ने के लिए रूस पैसे दे रहा है। जो शख्स पकड़ा गया है उसे चीन में एक रूसी ब्रोकर ने 3,480 डॉलर, यानी 3 लाख रुपए दिए थे। इसके साथ ही उसे रूसी नागरिकता देने का भी वादा किया गया था।
पकड़े गए एक शख्स ने यूक्रेनी अधिकारियों को बताया कि उसे कई सारे चीनी नागरिकों के साथ लुगांस्क इलाके में ट्रेनिंग दी गई थी। इनमें से कई लोगों पर चीन में केस चल रहे थे और ये अपना देश छोड़ना चाहते थे।
कुछ महीने पहले रुस के रैहडिट (RHDIT) नाम के हैकर ग्रुप ने यूक्रेन के लिए लड़ने वाले विदेशी सैनिकों की जानकारी सार्वजनिक की थी। इसके मुताबिक रूस-यूक्रेन जंग की शुरुआत से लेकर अब तक यूरोप के 36 देशों से किराए के सैनिक लड़ने के लिए पहुंचे हैं। इसके अलावा भारत सहित एशिया के 22 देशों के नागरिक यूक्रेन की तरफ से लड़ रहे हैं।
इस दावे के मुताबिक पड़ोसी देश पोलैंड के अब तक 2960 नागरिक यूक्रेन पहुंचे हैं। इनमें से 1497 की जंग के मैदान में मौत हो चुकी है। अमेरिका के भी 1100 से ज्यादा सैनिक रूस के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। इसमें 491 की मौत हो चुकी है।