Russia Iranian Drones Delivery; US Iran Trade Vs Indian Companies Ban | ​​​​​​​ईरान के साथ ट्रेड करने वाली 3 भारतीय कंपनियां बैन: अमेरिका बोला- ईरान इनके जरिए रूस को ड्रोन्स दे रहा; अवैध व्यापार में भी शामिल


4 घंटे पहले

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तस्वीर 2016 की है, जब PM मोदी ईरान के दौरे पर गए थे। - Dainik Bhaskar

तस्वीर 2016 की है, जब PM मोदी ईरान के दौरे पर गए थे।

अमेरिका ने ईरान के साथ व्यापार करने पर भारत की तीन कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन कंपनियों पर आरोप है कि ये ईरानी सेना के साथ अवैध व्यापार और उनके लिए ड्रोन्स ट्रांसफर करने का काम करती थीं।

अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने बताया कि यह बैन भारत के अलावा कई दूसरे देशों की कंपनियों, लोगों और जहाजों पर लगाया गया है। ये सभी गुप्त तरह से रूस तक ईरानी ड्रोन्स की डिलीवरी में अहम भूमिका निभाते हैं।

इन ड्रोन्स का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ जंग में किया जाता है। जिन भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनमें जेन शिपिंग, पोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटिड और सी आर्ट शिप मैनेजमेंट कंपनी शामिल है।

रूस के अलावा चीन और वेनेजुएला भी जा रहे ईरानी शिपमेंट
रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान की कंपनी सहारा थंडर दूसरे देशों में उसकी कमर्शियल एक्टिविटीज का मुख्य जरिया है। यह ईरान की सेना के तहत काम करती है। सहारा थंडर ईरानी रक्षा मंत्रालय के लिए ईरानी सामानों की सेल और शिपमेंट का काम करती है। यह शिपमेंट रूस के अलावा चीन, और वेनेजुएला तक भी पहुंचाया जाता है।

अमेरिकी विभाग ने बताया कि ईरान की सहारा थंडर कंपनी ने CHEM जहाज के लिए भारत की 2 कंपनियों (जेन शिपिंग और पोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटिड) के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किया। इस जहाज को UAE की एक कंपनी ऑपरेट करती है। सहारा थंडर ने साल 2022 से CHEM जहाज को कई देशों में शिपमेंट डिलीवर करवाने के लिए इस्तेमाल किया है।

ईरान को शिप मैनेजमेंट सेवाएं दे रही भारतीय कंपनी
इसके अलावा भारत की तीसरी कंपनी सी आर्ट शिप मैनेजमेंट UAE की कंपनी के साथ मिलकर सहारा थंडर को शिप मैनेजमेंट सेवाएं देती हैं। अमेरिका के टेररिज्म एंड फाइनेंस इंटेलिजेंस के अधिकारी ब्रायन नेल्सन ने कहा कि ईरान लगातार क्षेत्र में अस्थिरता फैलना का काम कर रहा है।

वह यूक्रेन के खिलाफ रूस की जंग में उसका साथ दे रहा है और इजराइल पर हमले कर रहा है। इसके अलावा वो आतंकी संगठनों तक अपने ड्रोन्स भी पहुंचा रहा है। अमेरिका लगातार ब्रिटेन और कनाडा के साथ मिलकर उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते रहेंगे, जो ईरान के मंसूबों को पूरा करने में उनकी मदद कर रहे हैं।

ईरान के राष्ट्रपति 22 अप्रैल को पहली बार पाकिस्तान के दौरे पर गए थे।

ईरान के राष्ट्रपति 22 अप्रैल को पहली बार पाकिस्तान के दौरे पर गए थे।

अमेरिका ने पाकिस्तान को भी दी थी बैन की धमकी
इससे पहले अमेरिका ने पाकिस्तान को भी ईरान के साथ बिजनेस डील करने पर चेतावनी दी थी। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि इसके बदले वो पाकिस्तान पर कई प्रतिबंध लगा सकता है।

दरअसल, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी 22 अप्रैल को 3 दिन के दौरे पर पाकिस्तान पहुंचे थे। पाक PM शहबाज शरीफ के साथ बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच ट्रेड को 10 अरब डॉलर पहुंचाने पर सहमति बनी थी। इसी से नाराज होकर अमेरिका ने कहा था कि जो भी ईारन के साथ व्यापार करेगा उस पर बैन का खतरा है।

अमेरिका से तनाव के बावजूद ईरान से तेल खरीदता रहा था भारत
इससे पहले साल 2011 में भी ईरान के परमाणु प्रोग्राम के चलते अमेरिका ने उस पर कई आर्थिक पाबंदियां लगाई थीं। इसके बाद साल 2012 में अमेरिका ने दुनिया के सभी देशों के बैंकों को आदेश दिया था कि वो ईरान की तेल के बदले होने वाली पेमेंट्स को रोक दें।

हालांकि, इस दौरान 7 देशों को छूट दी गई थी, जिनमें भारत भी शामिल था। छूट के बावजूद इन सातों देशों पर दबाव डाला गया था कि ये ईरान से तेल खरीदना कम कर दें। लेकिन भारत ने ऐसा नहीं किया था। उस वक्त जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक ईरान से तेल खरीदने के मामले में भारत ने चीन को पछाड़ दिया था।

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