‘Ruined Dharamshala’ in JKK raises many questions | जेकेके में ‘उद्धवस्त धर्मशाला’ ने उठाए कई सवाल: ​​​​​​​एनएसडी ग्रेजुएट विशाल विजय ने किया निर्देशन, आपातकाल के समय की कहानी को किया बयां – Jaipur News

जयपुर के कृष्णायन में फोर्थ वॉल की ओर से प्रस्तुत गोविंद पुरुषोत्तम देशपांडे के नाटक ‘उद्धवस्त धर्मशाला’ का सफल मंचन हुआ।

जयपुर के कृष्णायन में फोर्थ वॉल की ओर से प्रस्तुत गोविंद पुरुषोत्तम देशपांडे के नाटक ‘उद्धवस्त धर्मशाला’ का सफल मंचन हुआ। यह नाटक आपातकाल के दौरान बॉम्बे विश्वविद्यालय की आंतरिक राजनीति पर आधारित है, जिसमें प्रोफेसर श्रीधर कुलकर्णी पर विश्वविद्यालय क

.

युवा कलाकारों के अभिनय को दर्शकों ने तालियों से खूब सराहा।

युवा कलाकारों के अभिनय को दर्शकों ने तालियों से खूब सराहा।

फोर्थ वॉल संस्था की ओर से 2014 में पहली बार मंचित किया गया था। यह नाटक आज 10 वर्षों बाद नई ऊर्जा और युवा प्रतिभाओं के साथ पुनः प्रदर्शित हुआ। निर्देशक विशाल विजय (NSD) ने कहा कि नाटक में संवादों और रिश्तों के द्वंद्व को प्राथमिकता दी गई है और मंच पर संवाद, ध्वनि, प्रकाश और दृश्य विन्यास की सटीकता से नाटक का परिवेश जीवंत किया गया है।

फोर्थ वॉल के इस नाटक का निर्देशन विशाल विजय (NSD) ने किया है

फोर्थ वॉल के इस नाटक का निर्देशन विशाल विजय (NSD) ने किया है

इस मंचन में मुख्य भूमिका निभाने वाले कलाकारों में ह्रितिक शर्मा (श्रीधर कुलकर्णी), वैभव दीक्षित (वी.सी. जांभेकर), गौरव गौतम (एम.एल.सी. पी.वाई), अंकित शर्मा (रजिस्ट्रार वैलेंकर), जय मुकुंद (प्रो. क्षीरसागर), योगेंद्र सिंह (काका), प्रेरणा पूनिया (सरस्वती), और शैफाली वीर (माधवी) शामिल थे।

योगेन्द्र सिंह परमार ने भी नाटक में अहम भूमिका निभाई।

योगेन्द्र सिंह परमार ने भी नाटक में अहम भूमिका निभाई।

फोर्थ वॉल के इस नाटक का निर्देशन विशाल विजय (NSD) ने किया है और सह निर्देशन एवं प्रस्तुति संयोजन का कार्य योगेन्द्र सिंह ने किया। इस नाटक के बैकस्टेज टीम में विनय सैनी और साक्षी का योगदान रहा, जबकि ध्वनि के लिए विक्रम बॉन्ड, प्रकाश के लिए विमल मीणा, रूप सज्जा के लिए असलम पठान और मंच सामग्री के लिए ईशाना पारीक शामिल थे।

नाटक को देखने के लिए शहर के अलग-अलग हिस्सों से लोग जेकेके में पहुंचे।

नाटक को देखने के लिए शहर के अलग-अलग हिस्सों से लोग जेकेके में पहुंचे।

इस नाटक के सफल मंचन में फोटोग्राफी और पोस्टर की जिम्मेदारी मनन वर्मा ने निभाई, जबकि वीडियो रिकॉर्डिंग और संपादन का काम विक्रम, अंकित और मयूर माहेश्वरी ने किया। टिकट व्यवस्था की जिम्मेदारी राज चौधरी ने संभाली।

निर्देशक विशाल विजय ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि यह नाटक केवल एक काव्यात्मक कृति नहीं, बल्कि एक विचारों की लड़ाई है, जो दर्शकों को गहरे चिंतन की ओर ले जाती है।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *