लखनऊ52 मिनट पहले
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लखनऊ में शनिवार को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा सरकारी जमीन पर रखने को लेकर बवाल हो गया। इसे हटाने के विरोध में लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सैकड़ों महिलाएं-पुरुष इकट्ठे होकर नारेबाजी करने लगे।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की, तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर दिया। इसमें महिला इंस्पेक्टर मेनका सिंह समेत 6 लोगों के सिर फूट गए। इसके बाद पुलिस ने पांच राउंड आंसू गैस के गोले छोड़े। हालात काबू करने की कोशिश की जा रही है। घटना लखनऊ कलेक्ट्रेट से करीब 36 किलोमीटर दूर बख्शी का तालाब थाना क्षेत्र के मवई खातरी गांव की है। यह गांव बीकेटी मेन रोड से 1 किलोमीटर अंदर है।
मामला गांव के ही दो पक्षों के बीच का है। एक पक्ष ने 3 दिन पहले प्राथमिक स्कूल के सामने अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित कर दी। जहां प्रतिमा लगाई गई है, वह ग्राम समाज की जमीन है। इसको लेकर गांव के ही दूसरे पक्षों ने विरोध शुरू कर दिया। दोनों पक्षों के बीच झगड़ा बढ़ा, तो किसी ने पुलिस को सूचना दे दी।
सूचना मिलते ही शनिवार दोपहर करीब 2 बजे बीकेटी, इटौंजा, महिंगवा, मड़ियांव, महिला थाने की पुलिस के साथ पीएसी भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने हालात संभालने के लिए गांव वालों को समझाने की कोशिश की। इस पर गांव वालों ने पथराव कर दिया।
पहले 8 तस्वीरें…

बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पास धरने पर बैठे ग्रामीण।

बवाल रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागते पुलिसकर्मी।

ग्रामीणों ने इतना ज्यादा पथराव किया कि पुलिस वालों को भी छिपना पड़ा।

गांव में बवाल के बाद जमा भीड़। पुलिस वाले लोगों को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं।

बख्शी का तालाब थाना क्षेत्र के मवई खातरी गांव में बवाल के बाद तैनात पुलिसकर्मी।

बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और पीएसी हालात पर काबू करने की कोशिश कर रही है।

बवाल के बीच पुलिस और पीएसी ने फ्लैग मार्च किया।

बख्शी का तालाब थाना क्षेत्र के मवई खातरी गांव में पथराव में घायल पुलिसकर्मी और अधिकारी।
बिना परमिशन मूर्ति लगाने पर भड़के गांव वाले गांव वालों का कहना है कि तीन दिन पहले ग्राम प्रधान के प्रस्ताव पर रात में चुपचाप प्रतिमा रखी गई थी। न तो प्रशासन से इसकी इजाजत ली गई और न ही ग्रामीणों से राय ली गई। प्रतिमा जिस जगह रखी गई, वह ग्राम समाज की जमीन है। यहां पहले हाट-बाजार और वैवाहिक आयोजन होते थे।
सड़क पर उतरे सैकड़ों ग्रामीण, धरना-प्रदर्शन करने लगे चुपचाप प्रतिमा रखने से नाराज सैकड़ों बुजुर्ग, महिलाएं और युवा खातरी गांव से निकलकर पहाड़पुर चौराहा पहुंचे और सड़क पर बैठकर धरना और प्रदर्शन शुरू कर दिया। नारेबाजी करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि प्रतिमा हटाई जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो।

घायल हुए पुलिसकर्मियों को इलाज के लए अस्पताल ले जाया गया।
प्रशासन की कोशिशें नाकाम, भीड़ ने किया पथराव हालात बिगड़ते देख मौके पर BKT SDM सतीश चंद्र त्रिपाठी, कई थानों की पुलिस और PAC बल को तैनात किया गया। प्रशासन की अपील का कोई असर नहीं हुआ। गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पुलिस ने इस मामले में गांव के प्रधान प्रतिनिधि को हिरासत में ले लिया, लेकिन इससे ग्रामीण और ज्यादा भड़क गए। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्रशासन एकपक्षीय कार्रवाई कर रहा है। इलाके में तनाव है। सुरक्षा के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है।
ये पुलिसकर्मी घायल हुए पथराव में महिला इंस्पेक्टर मेनका सिंह के अलावा महिगंवा थाने के दरोगा रामेंद्र सिंह, हेड कॉन्स्टेबल जय प्रकाश, लाल मोहम्मद, नगुवामऊ चौकी प्रभारी शेष मणि और एलआईयू के क्षेत्रीय प्रभारी सिद्धेश वर्मा घायल हुए हैं।
ग्रामीण बोले – एसडीएम, प्रधान और गांववालों की मौजूदगी में हुई थी स्थापना सामाजिक कार्यकर्ता देवराज कुमार बौद्ध ने बताया कि डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा 9 अप्रैल को ग्राम प्रधान की सहमति और ग्रामीणों की मौजूदगी में स्थापित की गई थी। उन्होंने दावा किया कि एसडीएम को भी इस संबंध में पूर्व सूचना दी गई थी। प्रतिमा लगाए जाने के समय किसी भी व्यक्ति या संस्था ने कोई विरोध नहीं किया।

देवराज कुमार बौद्ध मामले की जानकारी देते हुए।
12 अप्रैल को पहुंचा प्रशासन, प्रतिमा हटाने की चेतावनी दी देवराज कुमार के अनुसार, 12 अप्रैल की दोपहर प्रशासन के दो कर्मचारी गांव में पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा बिना अनुमति के लगाई गई है, इसलिए इसे हटाया जाएगा। स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया तो प्रशासन की टीम ने गांव के प्रधान समेत तीन अन्य ग्रामीणों को हिरासत में ले लिया। अब तक यह पता नहीं चला है कि उन लोगों को कहां ले जाया गया है?
सोशल वर्कर का ऐलान – हमारे जीते जी प्रतिमा नहीं हटेगी देवराज कुमार ने प्रशासन से सवाल किया कि जब सभी को सूचित करके ग्राम सभा की सहमति से प्रतिमा स्थापित की गई थी, तो अब इसे हटाने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है? उन्होंने दो टूक कहा कि हमारे जीते जी ये प्रतिमा नहीं हटेगी, चाहे जो भी हो जाए। वहीं, प्रशासन और पुलिस का कहना है कि यह प्रतिमा ग्राम समाज की भूमि पर बिना वैधानिक अनुमति के लगाई गई है। नियमों का उल्लंघन होने के कारण प्रतिमा को हटाने की कार्रवाई की जा रही है। अधिकारी मानते हैं कि कुछ स्थानीय कार्यकर्ता और ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई है।
मुन्नी देवी बोलीं – पुलिस ने पीटा, कपड़े भी फाड़े
ग्रामीण मुन्नी देवी ने कहा कि पुलिस ने ग्रामीणों को जमकर पीटा है। उन्हें ईंट लगी है। पुलिस ने कपड़े भी फाड़े हैं। ग्राम प्रधान को किडनैप करके ले गए हैं। उन्होंने ढूंढ़ने गए तीन-चार लोगों को भी किडनैप कर लिया है। वहीं, रमावती ने कहा कि लोगों ने पैसे एकत्र करके सहमति पर बाबा साहब की प्रतिमा स्थापित की थी। पता नहीं है कि विरोधी कौन है और लाठी चार्ज क्यों किया गया?

मुन्नी देवी ने घटना की जानकारी दी।
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