Roofs on rent for kite flying in Ahmedabad | अहमदाबाद में पतंगबाजी के लिए छतें किराए पर: प्रति व्यक्ति किराया 4000 होने के बावजूद वेटिंग, पूरी छत का किराया 15 हजार तक पहुंचा – Gujarat News

मेहमानों को 20 पतंगे और डोर के अलावा नाश्ता, भोजन सबकुछ दिया जाता है। बच्चों के लिए कमरा भी उपलब्ध होता है।

गुजरात में मकर संक्रांति की धूम शुरू हो गई है। वहीं, अहमदाबाद के रिवरफ्रंट पर इंटरनेशनल पतंग महोत्सव भी शुरू हो गया है, जिसमें भाग लेने 44 देशों के पतंगबाज पहुंचे हैं। इसके अलावा अहमदाबाद के कोट इलाके में भी पतंगबाजी का लुत्फ उठाने भारी संख्या में वि

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कोट इलाके के इलावा शहर के रायपुर और खड़िया इलाके में भी यही हाल रहता है। क्योंकि रायपुर इलाके में शहर का सबसे बड़ा पतंग मार्केट है। इसके चलते यहां पतंगबाजों की जबर्दस्त भीड़ रहती है। पिछले कुछ सालों से इन इलाकों में भी मकान मालिक पतंगबाजी के लिए अपनी छतें किराए पर देते आ रहे हैं।

मेहमानों को 20 पतंगे और डोर के अलावा नाश्ता, भोजन सबकुछ दिया जाता है।

मेहमानों को 20 पतंगे और डोर के अलावा नाश्ता, भोजन सबकुछ दिया जाता है।

छतों के साथ दी जाती हैं सारी सुविधाएं इस मौके पर हमने अजय मोदी टूर्स एंड ट्रैवल्स के मालिक अजय मोदी से बात की। उन्होंने बताया कि पोल इलाके में तो उत्तरायण को पतंग युद्ध के नाम से भी पुकारा जाता है। इस इलाकें चारों ओर की छतें एक-दूसरे के करीब हैं, इसलिए पतंग उड़ाने, काटने और लूटने में बहुत मजा आता है। शाम के समय यहां का माहौल दिवाली से भी ज्यादा अद्भुत होता है।

यहां उत्तरायण मनाने आने वाले लोगों के बारे में उन्होंने बताया कि फिलहाल यहां प्रति व्यक्ति किराया 3 से 4 हजार के बीच चल रहा है। मेहमानों को 20 पतंगे और डोर के अलावा नाश्ता, भोजन सबकुछ दिया जाता है। बच्चों के लिए कमरा भी उपलब्ध होता है। इसके अलावा छतों पर भी कुर्सियाँ, छाते, पानी और गद्दे और मनोरंजन के पर्याप्त साधन उपलब्ध कराते हैं।

अगर छत ऊंची है तो 10 हजार तक किराया है।

अगर छत ऊंची है तो 10 हजार तक किराया है।

जितनी ऊंची छत, उतना ही ज्यादा किराया अजय मोदी ने आगे कहा कि अगर ज्यादा ऊंची छत नहीं है तो 5 हजार प्रतिदिन के किराए में मिल जाती है। अगर छत ऊंची है तो 10 हजार तक किराया है। इसके अलावा हम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि मेहमानों का अच्छा मनोरंजन हो और वे अच्छी यादें लेकर जाएं। हमारी कोशिश होती है कि वे अगले साल फिर से हमारे पास ही आएं और हमसे अपनी यादों को जोड़े रखें।

25 से ज्यादा छते किराए पर दे चुके हैं अजय मोदी ने अपने 3 मकान भी किराए पर दे रखे हैं और उनके जरिए अब तक 25 से ज्यादा छतें किराए पर दी जा चुकी हैं। छत किराए पर लेने के लिए हर दिन 20 और लोग कॉल कर रहे हैं।

दिल्ली, मुंबई, दक्षिण या विदेश से आने वाले एनआरआई लोग ऐसा ही माहौल देखना चाहते हैं।

दिल्ली, मुंबई, दक्षिण या विदेश से आने वाले एनआरआई लोग ऐसा ही माहौल देखना चाहते हैं।

अजय मोदी आगे कहते हैं कि यहां छत किराए पर लेने का कारण यह है कि दिल्ली, मुंबई, सूरत, दक्षिण या विदेश से आने वाले एनआरआई लोग ऐसा ही माहौल देखना चाहते हैं। यहां दिन भर पतंगबाजी का ही लुत्फ नहीं उठाते, बल्कि घर के बने पकवान का भी आनंद लेने का मौका मिल जाता है। उत्तरायण के दिन अहमदाबाद कोट क्षेत्र के अलावा अहमदाबाद के अन्य क्षेत्रों के लोग और कॉर्पोरेट जगत के लोग भी रंग-बिरंगे कपड़ों में नजर आते हैं।

10 लोगों के लिए दो दिन का 40 हजार किराया: रायपुर के चकलेश्वर महादेव के पास नगरवुडी के आधे हिस्से में रहने वाली चेतनाबेन सोनी ने कहा, हम पिछले तीन साल से अपने घर की छत किराए पर दे रहे हैं। इस बार हमने अपनी छत मुंबई की एक पार्टी को किराए पर दी है। हम प्रति व्यक्ति 2 हजार और पूर्ण पैकेज के लिए 3 हजार रुपए लेते हैं। इसमें हम सुबह के नाश्ते से लेकर रात के खाने तक की सुविधा मुहैया कराते हैं।

सुबह के नाश्ते में जलेबी-फाफड़ा, चाय-कॉफी होती है। दोपहर के भोजन में हम ओंधी, पूरी, जलेबी, हरी कचौरी सहित अन्य सामग्री उपलब्ध कराते हैं। इसके बाद शाम के नाश्ते में खिच्चू और चाइनीज समोसा परोसते हैं। रात के खाने में भाजीपनौ और चनापुरी सहित अन्य चीजें परोसते हैं।

इस बार पतंगों की कीमत में 20 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है।

इस बार पतंगों की कीमत में 20 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है।

पतंग की कीमतों में 20% की बढ़ोतरी के बावजूद बिक्री बढ़ी’ रायपुर दरवाजा के पास पतंग की दुकान के मालिक राजेंद्रभाई ने कहा- हम पिछले 20 वर्षों से पतंग बेच रहे हैं। इससे पहले हमारे पिता ने यहां 20 साल तक पतंग का कारोबार किया है। इस बार पतंगों की कीमत में 20 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, फिर भी अच्छी बिक्री हो रही है। जैसे-जैसे उत्तरायण नजदीक आ रहा है, पतंग की दुकान खाली होती जा रही हैं। यहां यहां 300 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक की पतंगें हैं।

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