बारिश शुरू होते ही वन विभाग, वन विकास निगम के अधिकारी-कर्मचारी, पौधरोपण की तैयारी में जुट जाते हैं। पौधरोपण के लिए चिन्हित किए क्षेत्रों में निरीक्षण कर तैयारियों का निर्देश दे रहे हैं। लेकिन पौधरोपण के लिए पौधों और रूड सूट को रखने और रोपित करने को ल
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मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम के उमरिया परियोजना मंडल की चंदिया रोपणी से इस बार तेरह लाख से अधिक रूड सूट और पॉलीपॉथ को परियोजना मंडल उमरिया के साथ तीन वनमंडलों में भेजे जा रहे हैं।
रुड सूट और पॉलीपॉथ की मांग
रोपणी से रूड सूट (सागौन की जड़) के रोपण के लिए क्रो बार का उपयोग किया जाता है। इसमें जड़ को रखकर जमीन में रोपित कर दिया जाता है। पॉलीपॉथ के लिए गढ्ढे कराए जाते हैं। गड्ढों में पॉलीपॉथ से पौधे को अलग कर रोपित किया जाता है।
दो वन मंडलों में सागौन रूड सूट और पॉलीपॉथ की डिमांड
बारिश शुरू होने से पहले और बाद में रूड सूट, पॉलीपॉथ की मांग आने लगती है। समाजिक वानिकी वृत रीवा,रीवा सीधी मंडल के साथ सतना वन मंडल में रूड सूट, पॉलीपॉथ भेजे जा रहे हैं। परियोजना मंडल उमरिया में भी चंदिया रोपणी से रूड सूट, पॉलीपॉथ लेकर क्षेत्र में रोपित किए जाते हैं। बारिश शुरू होते ही रूड सूट निकलवाने के लिए अधिकारी कर्मचारी जुटे हुए हैं। क्षेत्र में बारिश शुरू हो चुकी है। पौधारोपण भी शुरू हो जाएगा।
इनका कहना
मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम के चंदिया रोपणी के प्रभारी राजेश्वर मिश्रा ने बताया कि रोपणी के उत्पादन के बाद ही पौधारोपण के लिए रूड सूट, पॉलीपॉथ मांग पर वनमंडल, परियोजना मंडलों में भेजे जाते हैं। इस बार पिछले वर्ष से लगभग एक लाख से ज्यादा तेरह लाख रूड सूट से अधिक का उत्पादन है। मांग पर दूसरे वन क्षेत्रों में रूड सूट, पॉलीपॉथ भेजे गए हैं।
13 लाख रुड सूट का लक्ष्य
संभागीय प्रबंधक अमित पटौदी ने बताया कि चंदिया रोपणी में इस वर्ष 13 लाख से अधिक रूड सूट के उत्पादन का लक्ष्य है। लगातार निगरानी की जा रही है। सामाजिक वानिकी सहित वन मंडलों में मांग पर रूड सूट भेजे गए हैं। बारिश में पौधरोपण का कार्य शुरू हो जाता है।