Rohtak cyber fraud Call center Cyber Crime SHO Kuldeep Singh Haryana | रोहतक में ठगी के 2 आरोपी काबू: दिल्ली के 3 कॉल सेंटरों से पकड़ा, क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ने का देते थे झांसा – Rohtak News

रोहतक में साइबर ठगी मामले में पकड़े गए 2 आरोपी।

रोहतक में क्रेडिट कार्ड के प्वाइंट और लिमिट बढ़ाने के नाम पर साइबर ठगी करने के दो आरोपियों को साइबर क्राइम पुलिस ने दिल्ली से काबू किया। आरोपियों के कब्जे से कैश, मोबाइल और फ्रॉड करने में प्रयोग होने वाले 13 डिवाइस बरामद किए। पुलिस मामले में आरोपियों

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साइबर क्राइम थाने के इंचार्ज एसएचओ कुलदीप सिंह ने बताया कि क्रेडिट कार्ड के प्वाइंट बढ़ाने के नाम पर ठगी करने के 2 मामलों में शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसमें 1 लाख 40 हजार और 2 लाख 40 हजार रुपए की ठगी शामिल है। दोनों मामलों में जांच एएसआई सतीश के नेतृत्व में की गई। जांच के दौरान आरोपियों को पकड़ा गया है।

पत्रकारों से बात करते हुए साइबर क्राइम थाना एसएचओ कुलदीप सिंह।

पत्रकारों से बात करते हुए साइबर क्राइम थाना एसएचओ कुलदीप सिंह।

दिल्ली में 3 कॉल सेंटरों से चल रहा था ठगी का खेल एसएचओ कुलदीप सिंह ने बताया कि साइबर क्राइम टीम ने डिजिटल रिकॉर्ड प्राप्त कर दिल्ली के 3 कॉल सेंटरों पर छापा मारा। जहां से गिरोह के मुख्य सरगना और उसके एक साथी को पकड़ा गया है। ये कॉल सेंटर दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में चल रहे थे। जहां से काफी मात्रा में सामान बरामद किया गया है।

साइबर ठगी मामले में पकड़े गए आरोपी।

साइबर ठगी मामले में पकड़े गए आरोपी।

कैश, एप्पल के मोबाइल व राउटर जब्त एसएचओ कुलदीप ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से करीब सवा दो लाख रुपए कैश, एप्पल के नए मोबाइल, राउटर और 13 डिवाइस मिले है, जिनसे आरोपी कॉल करते थे। आरोपियों के मोबाइल में ई शॉपिंग का डेटा मिला है, जिससे ठगी की अन्य वारदातों का खुलासा भी किया जाएगा।

साइबर ठगी मामले में सामान के साथ पुलिस गिरफ्त में आरोपी।

साइबर ठगी मामले में सामान के साथ पुलिस गिरफ्त में आरोपी।

एपीके एप के माध्यम से ठगी को देते थे अंजाम एसएचओ कुलदीप ने बताया कि आरोपियों ने एपीके एप को डिजाइन करवा रखा था, जिसके माध्यम से क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने या प्वाइंट कंवर्ट करने का झांसा दिया जाता था। यह गिरोह दीवाली के बाद से एक्टिव था। इनके निशाने पर केवल क्रेडिट कार्ड वाले लोग ही थे। आरोपियों के पास लोगों का डेटा कहां से आता था, यह नहीं बता पाएंगे, क्योंकि यह जांच का पार्ट है। अन्य लोगों को काबू करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

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