Rohith Vemula Suicide Case Update; Closure Report | Telangana High Court | तेलंगाना DGP बोले- रोहित वेमुला मामले की दोबारा जांच करेंगे: पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट में दावा- रोहित दलित नहीं था; मां-भाई सीएम से मिले

  • Hindi News
  • National
  • Rohith Vemula Suicide Case Update; Closure Report | Telangana High Court

हैदराबाद2 दिन पहले

  • कॉपी लिंक
शनिवार को रोहित वेमुला की मां और भाई ने सीएम रेवंत रेड्डी से मुलाकात की। जनवरी 2016 में रोहित वेमुला ने सुसाइड किया था। इसके चलते देशव्यापी प्रदर्शन हुए थे। - Dainik Bhaskar

शनिवार को रोहित वेमुला की मां और भाई ने सीएम रेवंत रेड्डी से मुलाकात की। जनवरी 2016 में रोहित वेमुला ने सुसाइड किया था। इसके चलते देशव्यापी प्रदर्शन हुए थे।

तेलंगाना पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर शनिवार 4 मई को रोहित वेमुला की मां और उनके भाई राजा वेमुला ने सवाल उठाया। राजा वेमुला ने कहा कि SC स्टेटस पर जिला कलेक्टर फैसला करेंगे। मां और बेटे के सवालों के बाद तेलंगाना DGP ने कहा कि हम इस मामले की दोबारा जांच करेंगे।

तेलंगाना पुलिस ने रोहित की मौत के 8 साल बाद अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि वो दलित नहीं था। इस बीच, रोहित वेमुला की मौत मामले में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट सामने आने के बाद रोहित के परिवार ने तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी से शनिवार को मुलाकात की। परिवार ने सीएम को पत्र सौंपा और न्याय की मांग की।

पुलिस ने तेलंगाना हाईकोर्ट में दावा किया कि रोहित इस बात को जानता था कि वह दलित नहीं था। जाति की पहचान उजागर होने के डर से उसने आत्‍महत्‍या कर ली थी।

रोहित की मां और भाई और अन्य लोगों ने तेलंगाना सीएम से मुलाकात की है।

रोहित की मां और भाई और अन्य लोगों ने तेलंगाना सीएम से मुलाकात की है।

रिपोर्ट में हरियाणा गवर्नर, पूर्व वीसी निर्दोष साबित
​​​​​​​
रिपोर्ट में भाजपा के पूर्व सिकंदराबाद सांसद और हरियाणा के मौजूदा गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय, विधान परिषद के सदस्य एन रामचंद्र राव, पूर्व कुलपति अप्पा राव, ABVP नेताओं सहित कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों को निर्दोष बताया गया है।

21 मार्च 2024 को दाखिल की फाइनल रिपोर्ट
मधापुर के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर रोहित वेमुला केस के इन्वेस्टिगेशन अफसर थे। उन्होंने पिछले साल नवंबर 2023 में फाइनल क्लोजर रिपोर्ट तैयार की। यह रिपोर्ट 21 मार्च 2024 को फाइल की गई है। इसमें कहा गया, “रोहित वेमुला खुद को अनुसूचित जाति वर्ग (ST) से बताया था। वो ST वर्ग से नहीं था। रोहित को पता था कि उनकी मां ने उन्हें अनुसूचित जाति (SC) का सर्टिफिकेट दिलवाया था।

रोहित ने इसी सर्टिफिकेट के जरिए अपनी एकेडमिक उपलब्धियां हासिल की थीं। रोहित वेमुला को डर था कि अगर उनकी जाति की सच्चाई बाहर आ गई तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।”

हमें पूरी उम्मीद- सरकार फिर से जांच कराएगी
रोहित वेमुला के भाई राजा वेमुला ने कहा है कि क्लोजर रिपोर्ट दाखिल होने के बाद तेलंगाना DGP ने मामले की फिर से जांच करने और हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही थी। सीएम रेवंत रेड्डी ने भी हमें रोहित के मामले की निष्पक्ष जांच और न्याय दिलाने का वादा किया है। हमें उम्मीद है कि कांग्रेस सरकार मामले की फिर से जांच करवाएगी।

रोहित समेत 5 स्टूडेंट्स को हॉस्टल से निकाला गया था

  • रोहित समेत पांचों छात्रों पर साल 2015 में आरोप लगा था कि उन्होंने ABVP के सदस्य पर हमला किया था।
  • हैदराबाद यूनिवर्सिटी के रोहित सहित पांच छात्रों को हॉस्टल से निकाल दिया गया था।
  • यूनिवर्सिटी ने अपनी प्रारंभिक जांच में पांचों छात्रों को क्लीनचिट दे दी थी, लेकिन बाद में अपने फैसले को पलट दिया था।
  • 17 जनवरी 2016 को रोहित वेमुला ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी में अपने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली थी।
  • घटना के बाद देशभर की यूनिवर्सिटी में दलितों के खिलाफ भेदभाव को लेकर देशव्यापी प्रदर्शन हुए थे।
  • रोहित अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन का सदस्य भी था।

तेलंगाना में इस समय कांग्रेस सरकार है। घटना साल 2016 में हुई थी, उस वक्त राज्य में के चंद्रशेखर राव की सरकार थी। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर हुए प्रदर्शनों का समर्थन किया था। राहुल गांधी ने इस मामले को संसद में भी उठाया था।

रोहित वेमुला मामले में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर हैदराबाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने 3 मई को प्रदर्शन किया।

रोहित वेमुला मामले में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर हैदराबाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने 3 मई को प्रदर्शन किया।

ये खबर भी पढ़ें…

SC केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार करने को तैयार:चुनाव के चलते 7 मई को फैसला; कहा- गिरफ्तारी पर सुनवाई में समय लग सकता है

दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार 3 मई को दो घंटे बहस हुई। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार किया जा सकता है, ताकि वे कैंपेन में हिस्सा ले सकें। पूरी खबर पढ़ें…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *