मंदसौर जिले के दलौदा कस्बे में 15 अगस्त की रात व्यापारी अमित सोनी के साथ हुई मारपीट और लूट की वारदात का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। मंदसौर पुलिस ने इस मामले में राजस्थान के कुख्यात बावरी गिरोह से जुड़े चार आरोपियों को गिरफ्तार कर करीब 13 लाख रुपए का
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10 टीमें बनीं, 200 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगाले
इस गंभीर वारदात की जांच के लिए एसपी अभिषेक आनंद ने 10 विशेष टीमों का गठन किया था। पुलिस ने आसपास के क्षेत्रों के 200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की पहचान की।
जांच के दौरान यह सामने आया कि वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी राजस्थान के पाली और नागौर जिलों से ताल्लुक रखते हैं और कुख्यात बावरी गिरोह के सदस्य हैं।

15 अगस्त की रात व्यापारी अमित सोनी के साथ मारपीट और लूट की वारदात हुई थी।
बोलेरो से पकड़े गए आरोपी, सोना-चांदी बरामद
पुलिस को सूचना मिली कि गिरोह के तीन सदस्य बोलेरो वाहन से रतलाम की ओर जा रहे हैं। इस पर नयाखेड़ा बायपास पर घेराबंदी कर सावरराम बावरी, सुराराम बावरी और विरमराम बावरी को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि रामेश्वरलाल सोनी नामक व्यक्ति कमीशन पर जेवरात बिकवाने में उनकी मदद कर रहा था, इसलिए वे रतलाम जा रहे थे।पुलिस ने रामेश्वरलाल को भी गिरफ्तार किया और आरोपियों के पास से 100 ग्राम सोना और 3 किलो चांदी जब्त की, जिसकी कुल कीमत लगभग 13 लाख रुपए बताई गई है।
दो दिन रेकी के बाद की वारदात
गिरोह ने 13 अगस्त को चोरी की दो बाइक और बोलेरो वाहन के साथ मंदसौर पहुंचकर व्यापारी की गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू की। दो दिन तक रेकी करने के बाद 15 अगस्त की रात उन्होंने व्यापारी अमित सोनी पर हमला कर लूट को अंजाम दिया।

तीन आरोपी अभी भी फरार
इस मामले में मुकेश बावरी, अशोक बावरी और कलाराम बावरी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि इन आरोपियों के पास से भी लूट का अन्य मश्रुका बरामद किया जाना बाकी है।
गिरोह पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज
पकड़ा गया आरोपी सावरराम बावरी अकेला ही 15 से अधिक मामलों में नामजद है, जबकि गिरोह के अन्य सदस्यों पर हत्या, लूट, डकैती और चोरी जैसे एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह गिरोह राजस्थान के नागौर, पाली और ब्यावर जिलों में लंबे समय से सक्रिय है।
एसपी अभिषेक आनंद ने मामले का खुलासा करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पुलिस टीम ने तकनीकी दक्षता और त्वरित कार्रवाई से यह सफलता हासिल की है। उन्होंने पुलिस टीम को ₹10,000 का इनाम देने की घोषणा भी की है।