कुशीनगर में 7 दिन पहले स्वर्ण व्यवसायी के साथ हुई 18 लाख की लूट का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने अंतरजनपदीय लुटेरों के एक बड़े गिरोह के 10 सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। गिरोह के पास से लूटे गए सोने-चांदी के आभूषण बरामद किए
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पहले करते थे रेकी, फिर वारदात
पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्रा ने बताया कि यह गिरोह काफी समय से जिले में सक्रिय था और अपनी शातिर योजनाओं के तहत पहले घटना स्थल की रेकी करता था। उसके बाद मौका देखकर लूट की वारदात को अंजाम देता था। गैंग के पास से 124.40 ग्राम सोने के सिक्के, 3.30 किग्रा चांदी, दो लैपटॉप, दो बायोमैट्रिक फिंगर स्कैनर, 45,700 रुपए नकद, चार अवैध तमंचे और सात जिंदा कारतूस सहित छह मोटरसाइकिल और सात मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
बस्ती के सोनार का भी नाम
गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने खुलासा किया कि वे लूटे गए आभूषणों को बस्ती जनपद के एक सोनार के पास ले जाकर गलवाते थे और उन्हें बेच देते थे। इस गिरोह के पकड़े जाने से जिले में हो रही लगातार लूट की घटनाओं पर विराम लगने की उम्मीद है।
कैसे पकड़ा गया गिरोह?
बीते रविवार को रामकोला थाना क्षेत्र में स्वर्ण व्यवसायी से लूट की घटना के बाद से ही पुलिस और स्वाट टीम सक्रिय हो गई थी। एक सप्ताह तक डिजिटल सबूतों और साक्ष्यों के आधार पर की गई जांच के बाद पुलिस ने गिरोह के सदस्यों को धर दबोचा। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मो. आसिफ, आरिफ, आदित्य कुशवाहा, अनुज मिश्रा, जाहिद, मोहन यादव, जय साहनी, कृष्णा वर्मा, विपिन कुशवाहा और बस्ती जनपद का सोनार राजेश वर्मा शामिल हैं। सभी को जेल भेज दिया गया है।