10 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
सीक्रेट सर्विस में महिलाओं की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसा आरोप हैं कि वे अच्छी गार्ड्स नहीं होती हैं।
अमेरिका में बीते शनिवार को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर जानलेवा हमला हुआ था। वे पेंसिल्वेनिया के बटलर शहर में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। तभी 400 फीट की दूरी से असॉल्ट राइफल से चलाई गोली उनके कान को छूते हुए गुजर गई। ट्रम्प की सुरक्षा में तैनात स्नाइपर्स ने 20 साल के हमलावर को तुरंत ढेर कर दिया।
इस घटना से जुड़े वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि जैसे ही गोलीबारी शुरू हुई सीक्रेट सर्विस एजेंट्स ने ट्रम्प को चारों तरफ से कवर कर लिया था। इस दौरान काला सूट और काला चश्मा पहने कुछ महिला एजेंट्स भी डोनाल्ड ट्रम्प की सुरक्षा में मुस्तैद दिखीं।
इन महिलाओं ने ट्रम्प को मंच से उतारकर सुरक्षित गाड़ी तक पहुंचाया। इस दौरान ये महिला एजेंट्स अपनी जान की परवाह किए बिना ट्रंप के आगे ढाल की तरह खड़ी रहीं। लेकिन अब यहीं महिला एजेंट्स निशाने पर हैं। NYT की रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि ट्रम्प पर हुए हमले की घटना की असल जिम्मेदार सीक्रेट सर्विस में शामिल महिला एजेंट्स हैं।
13 जुलाई को पेन्सिल्वेनिया में एक रैली में ट्रंप पर हमला हुआ था।
‘महिला एजेंट्स ने ठीक से काम नहीं किया’
रिपोर्ट के मुताबिक कुछ कंजरवेटिव्स का मानना है कि महिला एजेंट्स ने अपना काम ठीक से नहीं किया। उन्होंने कहा कि महिलाएं ऐसे कामों के लिए ठीक नहीं हैं। वे छोटी और कमजोर होती हैं और पुरुषों की तुलना में उनका वजन भी ज्यादा होता है। ये ट्रम्प जैसे किसी लंबे शख्स की हिफाजत नहीं कर सकतीं।
फ्लोरिडा के रिपब्लिकन प्रतिनिधि कोरी मिल्स ने फॉक्स न्यूज पर आरोप लगाया कि बाइडेन सरकार में सीक्रेट सर्विस में महिलाओं की खूब भर्तियां हुई हैं। उन्होंने कहा कि सीक्रेट सर्विस एजेंट्स जैसी अहम भर्तियां भी विविधता और समानता के आधार पर हो रही हैं।
किम्बर्ली चीटल सीक्रेट सर्विस की 27वीं डायरेक्टर हैं।
संसद में हाजिर होंगी सीक्रेट सर्विस डायरेक्टर
वर्तमान में किम्बर्ली चीटल सीक्रेट सर्विस की डायरेक्टर हैं। वह सितंबर 2022 से सीक्रेट सर्विस को लीड कर रही हैं और इस एजेंसी के इतिहास की दूसरी महिला डायरेक्टर हैं। लोग अब उनसे इस्तीफा मांग रहे हैं। चीटल को ट्रम्प से जुड़ी घटना को लेकर 22 जुलाई को संसद में गवाही देने के लिए पेश होने को कहा गया है।
फॉर्चून की रिपोर्ट के मुताबिक चीटल लंबे समय से सीक्रेट सर्विस में विविधता लाने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने 2030 तक सीक्रेट सर्विस में 30% महिला एजेंट्स भरने का टार्गेट रखा है। फिलहाल सीक्रेट सर्विस में 24% महिला एजेंट्स हैं।
सोशल मीडिया पर महिला विरोधी टिप्पणियों की बाढ़
रिपब्लिकन पार्टी के समर्थक और एक्टिविस्ट मैट वॉल्श ने एक्स पर एक पोस्ट में महिला विरोधी टिप्पणी की है। उन्होंने ट्रम्प से जुड़ा हमले का वीडियो पोस्ट किया है जिसमें 3 महिलाएं पूर्व राष्ट्रपति को SUV में ले जाते हुए दिख रही हैं। इसके साथ उन्होंने लिखा है- इनसे सबसे बेहतरीन होने की उम्मीद की जाती है मगर सच ये है कि ये महिलाएं इस लायक नहीं हैं। मेरे विचार से सीक्रेट सर्विस में कोई महिला नहीं होनी चाहिए।
सोशल मीडिया पर ये तस्वीर काफी वायरल हो रही है। इसमें हमले के वक्त एक महिला सीक्रेट एजेंट्स डरी नजर आ रही है।
एलन मस्क ने भी किया समर्थन
एक्स के मालिक एलन मस्क ने इससे सहमति जताई है। मस्क ने सोशल मीडिया पर लिखा- मेरा मानना है कि इस घटना में शामिल महिलाएं ट्रम्प को कवर करने के लिए बहुत ‘छोटी’ थीं और उन्हें योग्यता के आधार पर नहीं चुना गया था। इनसे आप सुरक्षा की उम्मीद नहीं कर सकते। मस्क ने अगले पोस्ट में लिखा है कि सीक्रेट सर्विस में महिलाएं भी हो सकती हैं मगर उनका ‘लंबा’ और मजबूत होना जरूरी है।
‘महिला एजेंट्स के होने से राष्ट्रपति पर खतरा ज्यादा’
एक अन्य राइटविंगर बेनी जॉनसन ने सोशल मीडिया पर लिखा- सीक्रेट सर्विस में महिला एजेंट्स का होना इस एजेंसी का अपमान है। इनकी मौजूदगी में राष्ट्रपति कम सुरक्षित रहते हैं। एक अन्य महिला ब्लॉगर मेगन मैकेन ने लिखा- पुरुष और महिलाएं एक समान हैं, यह बकवास है। ये सिंपल बात है गार्ड्स की लंबाई अधिक होनी चाहिए, तभी वे किसी की रक्षा कर पाएंगे। ट्रम्प की सुरक्षा के लिए इन छोटी महिलाओं को क्यों रखा गया है (जो अपनी बंदूक भी नहीं संभाल सकती)? यह शर्मनाक और खतरनाक है।’
महिला विरोधी टिप्पणियों से नाराज हुईं पूर्व एजेंट
नेशनल एसोसिएशन ऑफ वूमेन लॉ एनफोर्समेंट एक्जीक्यूटिव्स की कार्यकारी निदेशक किम क्रेवेन ने महिला विरोधी टिप्पणियों की निंदा की है। उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा कि सीक्रेट सर्विस में महिला एजेंट्स होने चाहिए या नहीं जैसी बातें सिर्फ सुरक्षा मुद्दों से ध्यान भटकाने की एक कोशिश है।
पुरूष सदियों से ऐसे काम कर रहे हैं। कई बार उनसे चूक हुई है। कई बार उनकी नाकामी सामने आई है मगर आज तक कभी ऐसा सवाल नहीं उठा कि पुरूषों को हिफाजत करना नहीं आता। लिंग के आधार पर कभी उनपर सवाल नहीं दागे गए।
उन्होंने आगे कहा कि घटना की समीक्षा की जाएगी। क्या गलतियां हुईं और क्या बदलाव किए जाने की जरूरत है इस पर चर्चा करने की जरुरत है लेकिन, कोई महिला है और इसलिए उसे किसी एजेंसी का नेतृत्व नहीं करना चाहिए ऐसी बातचीत बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए।
क्रेवेन ने कहा कि एजेंसियों में काम करने वाली महिलाओं की एंट्री यूं ही नहीं होती। उन्हें भी वहीं मानक पूरे करने होते हैं जो किसी दूसरे पुरुष के लिए जरूरी हैं।
हमले के बाद ट्रम्प पहली बार किसी सार्वजनिक मंच पर पहुंचे। वह बिना किसी महिला एजेंट्स के साथ नजर आए।
ट्रम्प बिना किसी महिला सर्विस एजेंट के पहुंचे
डोनाल्ड ट्रम्प सोमवार की रात मिल्वॉकी में रिब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में पहुंचे थे। बीते हफ्ते रैली में हुई गोलीबारी के बाद वे पहली बार किसी पब्लिक इवेंट में शामिल हुए थे। इस दौरान उनके साथ सीक्रेट सर्विस एजेंट्स का एक दल था लेकिन इसमें कोई भी महिला नहीं थीं।