Rewari Gunpoint Robbery Molestation Case; Victim Vs Police | Haryana News | हरियाणा में महिलाओं के कपड़े उतरवा लूट की सच्चाई क्या: पीड़ित बोले- CIA में हमें ही टॉर्चर किया; पुलिस बोली- बयान में फर्क, फिंगर प्रिंट नहीं मिले – Rewari News

हरियाणा के रेवाड़ी में महिलाओं के कपड़े उतरवाने के मामले में पीड़ित और पुलिस के बीच विवाद हो गया है। पीड़ितों का कहना है कि लुटेरों ने 3 अप्रैल की रात गन पॉइंट पर हिसार से आए परिवार की ननद-भाभी के कपड़े उतरवाए। छाती दबाने और प्राइवेट पार्ट से छेड़छाड़ की अश

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पुलिस इस मामले में आरोपियों को पकड़ने की जगह उनके ही परिवार के युवक को टॉर्चर कर रही है। उसे थाने में पानी और बिजली की तारें दिखाकर डराया जा रहा है।

वहीं पुलिस का कहना है कि मौके पर किसी बाहरी के फिंगर प्रिंट नहीं मिले। युवक बार-बार बयान बदल रहा है। कपड़े उतरवा न्यूड वीडियो बनाने की बात भी संदिग्ध लग रही है।

दैनिक भास्कर ने इस मामले में पीड़ित परिवार और पुलिस से बात की तो दोनों ने अपने-अपने दावे किए…

पीड़ित परिवार ने 5 अहम बातें कहीं

पीड़ित महिला, जिसने SP ऑफिस आकर शिकायत दी थी कि लुटेरों ने उनके कपड़े उतरवाए और छेड़छाड़ कर अश्लील वीडियो बनाई।

पीड़ित महिला, जिसने SP ऑफिस आकर शिकायत दी थी कि लुटेरों ने उनके कपड़े उतरवाए और छेड़छाड़ कर अश्लील वीडियो बनाई।

  • 1. पुलिस ने बयान बदलने का दबाव डाला: पीड़ित परिवार के युवक ने कहा- हमारी शिकायत के बाद पुलिस लुटेरों को पकड़ने के बजाय हमें ही प्रताड़ित कर रही है। हमें अलग-अलग तरीके से डराया जा रहा है। पुलिस ने ही हम पर बयान बदलने का दबाव बनाया। बयान नहीं बदले तो पुलिस परिवार पर ही कीचड़ उछाल रही है।
  • 2. पुलिस ने टॉर्चर किया, पानी-बिजली का डर दिखाया: पीड़ित युवक ने कहा- हमारी शिकायत के बाद पुलिस ने मुझे ही चोर समझते हुए टॉर्चर किया। लूट की वारदात के अगले ही दिन पुलिस की गाड़ी में डालकर CIA ऑफिस ले जाया गया। जहां मुझे कभी पानी तो कभी बिजली की तारें दिखाकर डराया गया। मेरी टांगे चीरने तक की धमकी दी गई।
  • 3. पुलिस में रहे पिता पर झूठे आरोप लगा रहे: मेरे पिता पहले पुलिस में थे, जिनका केस अभी भी चल रहा है। जिस दिन लूट हुई, वे उसी केस के सिलसिले में चंडीगढ़ गए थे। पुलिस इसे इस तरह से पेश कर रही है कि मेरे पिता का कैरेक्टर सही नहीं है। साल 2024 में उनके पिता को पुलिस ने एक झूठे केस में फंसा दिया था। पुलिस ने उसे चोरी का मामला बताया, लेकिन धारा चोरी का माल खरीदने-बेचने की लगाई।
  • 4. जिस पर शक, वह पुलिस का मुखबिर: पीड़ित परिवार ने कहा- हमने एक युवक पर शक जताया, लेकिन पुलिस उसे ही साथ लेकर घूम रही है। वह पुलिस का ही मुखबिर है। वह युवक कुछ दिन पहले भी रात को हमारे घर के गेट तक आया था। हमारे घर के पास से एक मोबाइल और चप्पल बरामद हुई थी। मगर, पुलिस उसके बारे में कुछ नहीं बता रही है।
  • 5. बदमाशों ने सर्जिकल ग्लव्स पहने थे: ​​​​​​पीड़ित परिवार ने कहा कि सभी लुटेरे नकाबपोश थे। उन्होंने मुंह के अलावा अपने सिर भी ढके हुए थे। लूटपाट करने आए सभी बदमाशों ने सर्जिकल ग्लव्स पहने हुए थे, ताकि कहीं भी उनके फिंगर प्रिंट न आएं और वह पुलिस की जांच में पकड़े न जाएं।
पीड़ित परिवार ने कहा था कि सोना ढूंढने के लिए लुटेरों ने उनके घर का फर्श भी खोद दिया।

पीड़ित परिवार ने कहा था कि सोना ढूंढने के लिए लुटेरों ने उनके घर का फर्श भी खोद दिया।

पुलिस को लूट का मामला संदिग्ध क्यों लग रहा, 3 पॉइंट्स में जानिए

  • 1. घटना के दिन हर सदस्य के बयान में फर्क था: पुलिस का कहना है कि घटना का पता लगते ही एसपी मौके पर गए थे। करीब 3 घंटे तक परिवार के साथ रहे। हर चीज का मुआयना किया। उसी समय परिवार के सभी सदस्यों के बयान दर्ज किए गए। तब घटना के पीड़ित बताने वाले हर सदस्य के बयान में बदलाव था।
  • 2. मोबाइल से अश्लील वीडियो नहीं निकले: पुलिस के मुताबिक पीड़ित परिवार ने बताया था कि बदमाशों ने अश्लील वीडियो के लिए उनका ही मोबाइल इस्तेमाल किया। इसके बाद वह वीडियो अपने मोबाइल में ट्रांसफर किए। फिर उनके मोबाइल से डिलीट कर दिए। मगर, जब पुलिस ने उनके मोबाइल की जांच कराई, उसमें ऐसी कोई वीडियो रिट्रीव नहीं हुई। इसका मतलब, उसमें ऐसी कोई वीडियो रिकॉर्ड ही नहीं हुई।
  • 3. युवक ने बयान बदले, मौके पर सिर्फ परिवार के फिंगर प्रिंट मिले: पुलिस का कहना है कि घटना के समय मौजूद युवक ने हर बार बयान में बदलाव किया है। परिवार के एक सदस्य पर जेवरात चोरी से संबंधित मुकदमा दर्ज है, जिसके चलते भी मामला संदिग्ध लग रहा है। मौके से पुलिस को परिवार के अलावा किसी भी दूसरे शख्स के फिंगर प्रिंट नहीं मिले हैं।
पीड़ित परिवार का कहना था कि लूटपाट के दौरान लुटेरों ने उनके घर का सारा सामान भी बिखेर दिया।

पीड़ित परिवार का कहना था कि लूटपाट के दौरान लुटेरों ने उनके घर का सारा सामान भी बिखेर दिया।

रेवाड़ी के SP ने कहा- 2 आईफोन नहीं ले गए लुटेरे, टॉर्चर नहीं किया इस पूरे विवाद पर रेवाड़ी के SP मयंक गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा- जांच के दौरान कुछ तथ्य सामने आए हैं, जिनकी वजह से मामला थोड़ा संदिग्ध लग रहा है। परिवार के पास 2 आईफोन हैं, जो लुटेरे लेकर नहीं गए। महिलाओं की वीडियो भी उनके मोबाइल से नहीं बनाई गई। हमने किसी को कोई टॉर्चर नहीं किया। हां, मामले की सच्चाई तक पहुंचने के लिए परिवार से पूछताछ जरूर की गई।

रेवाड़ी के SP मयंक गुप्ता ने कहा- पुलिस हर पहलू से मामले की जांच कर रही है। जल्द ही पूरे मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।

रेवाड़ी के SP मयंक गुप्ता ने कहा- पुलिस हर पहलू से मामले की जांच कर रही है। जल्द ही पूरे मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।

महिलाओं के कपड़े उतरवाने का पूरा मामला क्या है.. गुरुग्राम-रेवाड़ी बॉर्डर के नजदीक एक गांव की महिला ने कहा था कि वह नारनौंद से रेवाड़ी में आए हैं। 3-4 अप्रैल की रात वह घर में सो रहे थे। रात 1 बजे करीब 7-8 आदमी कमरे में घुस आए और हमें जगाया। इसके बाद कनपटी पर बंदूक लगाकर कहा- तुम्हारे घर में जो भी नकदी-जेवरात और कीमती सामान है, वह सब हमारे हवाले कर दो। अपने मोबाइल भी हमें दे दो।

महिला ने कहा- लुटेरों ने हथियारों के बल पर जबरदस्ती मेरे और मेरी ननद के कपड़े उतरवा दिए। जिसके बाद उन्होंने हमारी नग्न हालत में वीडियो बनाई। छाती दबाई और प्राइवेट पार्ट से भी छेड़छाड़ की। इसकी वीडियो बनाई। पति को पीटकर बंधक बनाया और एक कमरे में बंद कर दिया।

इसके बाद उन्होंने बक्से और अलमारी का ताला तोड़ दिया और फर्श भी खोदा। ढाई घंटे में वह घर में लूटपाट कर 18 तोले गहने लेकर भाग गए। जाने से पहले धमकी दी कि अगर पुलिस को शिकायत की तो अश्लील वीडियो वायरल कर देंगे (पूरी खबर पढ़ें)

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