इंदौर के रिटायर्ड आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के यहां पड़े लोकायुक्त छापे में काली कमाई की राशि 20 करोड़ रुपए से ज्यादा की हो गई है। वहीं लोकायुक्त पुलिस अब दिवाली बाद भदौरिया के लॉकर खोलेगी। अभी लोकायुक्त में भदौरिया के सभी लॉकर और बैंक खा
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धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के यहां लोकायुक्त की कार्रवाई अभी जारी है। गुरुवार को लोकायुक्त ने उसके व परिजनों के बैंक खातों की जांच की थी। सूत्रों की माने तो लोकायुक्त आज भी एक से दो लॉकर खोल सकती है।
पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त राजेश सहाय ने बताया की गुरुवार को बैंक खातों की जानकारी ली गई थी। उसके और परिवार के खातों में कुल 1 करोड़ 26 लाख 31 हजार रुपए जमा हैं। वहीं बीमा और अन्य पॉलिसी भी कुल 21 के लगभग पाई हैं जिनमें 13 लाख 90 हजार 648 रुपए किस्त भरी जाना पाई गई है। पत्नी के नाम बैंक ऑफ बड़ौदा में लॉकर पाया है।
कुल 4 लाकर विभिन्न बैंकों मैं अभी पाए हैं। वहीं एक लॉकर इटावा में भी होने की जानकारी सामने आई है। लोकायुक्त ने खातों को और लॉकर को फ्रीज कराया है जो लॉकर आरोपी की उपस्थिति में खोले जाएंगे। वहीं सूर्यांश भदौरिया द्वारा विशाल पंवार के शिवा चाइनीज वॉक में भी पार्टनरशिप मिली है।
अन्नपूर्णा और विजयनगर की शॉप में 40% हिस्सेदारी मिली है। इसके एवज में विशाल को 25,00,000/- रुपए सूर्यांश ने दिए हैं। इस प्रकार अभी तक कुल 20 करोड़ 24 लाख 55 हजार 169 रुपए की चल अचल संपत्ति धर्मेंद्र भदौरिया द्वारा अर्जित की गई है। वहीं आगे की कार्यवाही अभी जारी है।

महंगी गाड़ियों का शौकीन हैं भदौरिया

धर्मेंद्र सिंह भदौरिया महंगी गाड़ियों का भी शौक रखता है। उसके यहां से अधिकारियों को एक वॉल्वो, एक फॉच्यूर्नर, दो इनोवा सहित चार लग्जरी बाइक मिल चुकी हैं। बताया जा रहा है की अधिकारियों को उसके फ्लैट से दो महंगी सुपर बाइक मिली है जिनके मॉडिफाइड कराया गया है। वहीं भदौरिया ने अपनी अधिकांश गाड़ियों का नंबर 0045 लिया हुआ है।

भदौरिया के घर से मिली बाइक।
भदौरिया की एक नहीं, दर्जन भर शिकायतें हो चुकीं
पूर्व आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया की कार्यशैली नौकरी में आने के बाद से ही विवादित रही है। वह एक बार सस्पेंड और एक बार निलंबित हो चुका है। वह इंदौर, ग्वालियर, खंडवा, धार और आलीराजपुर जैसी जगहों पर पदस्थ रहा है।
अभी लंबे समय से वह आलीराजपुर में ही पदस्थ था। मप्र में अलीराजपुर, झाबुआ और धार जिले गुजरात की अवैध शराब लाइन संचालन के सबसे अहम इलाके हैं। यहीं से होकर पूरी लाइन गुजरती है। इस लाइन में भदौरिया की सालों से पकड़ रही है। उनकी एक नहीं दर्जन भर शिकायतें हो चुकी हैं।
नौकरी में रहते बन गया था पेटी कांट्रेक्टर
आबकारी सूत्रों ने बताया की धर्मेंद्र सिंह भदौरिया ने आलीराजपुर का ठेका लेने वाले रिंकू भाटिया से भी पेटी कांट्रेक्ट के जरिए हिस्सेदारी की थी। साथ ही, जिले का पूरा शराब का धंधा ही पर्दे के पीछे से कब्जे में ले लिया था। भदौरिया ऐसा अधिकारी है, जो सरकारी नौकरी के साथ ही उसके पेरेलल अवैध गुजरात की शराब लाइन को भी चलाने वाले ब्लैकर के साथ लिंक होकर काम करता रहा है। इसी के चलते उसने अकूत दौलत कमाई है।
आठ ठिकानों पर की कार्रवाई

भदौरिया के यहां जांच करती टीम।
लोकायुक्त ने भदौरिया के इंदौर-ग्वालियर के आठ ठिकानों पर बुधवार सुबह कार्रवाई की थी। शुरुआती जांच में धर्मेंद्र के पास से 18 करोड़ 59 लाख की संपत्ति मिली है। भदौरिया के एक आवास से 4 किलो 21 ग्राम सोना मिला। इसका अनुमानित मूल्य 5 करोड़ 48 लाख रुपए है। लोकायुक्त ने उनकी कमाई से 829 फीसदी अधिक संपत्ति पाई है। बताया जा रहा है की लोकायुक्त आज उसके बैंक लॉकर और खातों की जांच करेगा।
बेटे और बेटी ने दिया 2.55 करोड़ का लोन
पुत्र सूर्याश व पुत्री अपूर्वा द्वारा किसी जितेन्द्र चौधरी को लगभग 2 करोड़ 85 लाख रुपए उधार देने का एग्रीमेंट मिला है। बैंक दस्तावेजों से भी इसकी पुष्टि हो रही है। इस प्रकार आवास क्रमांक 201 से कुल 12 करोड़ 51 लाख 1 हजार 558 रुपए खर्च करने के प्रमाण मिले हैं। बताया जा रहा है कि भदौरिया की बेटी के कंपनी की भी जांच की जा रही है।
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मध्य प्रदेश लोकायुक्त की टीम ने रिटायर्ड आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र भदौरिया के 8 ठिकानों पर छापे मारे हैं। इंदौर में कैलाश कुंज, बिजनेस स्काई पार्क सहित सात और ग्वालियर में इंद्रमणि नगर स्थित घर पर सर्चिंग की। सर्चिंग में अब तक एक करोड़ 5 लाख का कैश मिला है। इसमें 5 लाख की विदेशी मुद्रा भी शामिल है।
10 करोड़ का बंगला बनवा रहा रिटायर्ड आबकारी अधिकारी

लोकायुक्त ने बुधवार को रिटायर्ड आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के घर-दफ्तर पर छापा मारा। इंदौर में कैलाश कुंज, बिजनेस स्काई पार्क सहित सात और ग्वालियर में इंद्रमणि नगर स्थित घर पर सर्चिंग की गई। इस दौरान 829% अनुपातहीन संपत्ति मिली। इसमें एक करोड़ 13 लाख कैश शामिल है।पूरी खबर पढ़ें