Representatives from more than 20 countries came to Lake City | 20 से अधिक देशों के प्रतिनिधि आए लेकसिटी में: इंटरनेशनल जिंक एसोसिएशन की बैठक में नवीकरणीय ऊर्जा और बैटरी तकनीक में उछाल – Udaipur News


इंटरनेशनल जिंक एसोसिएशन की बैठक में हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा और इंटरनेशनल जिंक एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक एंड्रयू ग्रीन

इंटरनेशनल जिंक एसोसिएशन (IZA) की बैठक आज उदयपुर में शुरू हुई। इसमें 20 से अधिक देशों के करीब 100 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। चर्चा में सामने आया कि 2030 तक भारत में जिंक की मांग में वृद्धि होगी।

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हिंदुस्तान जिंक की मेजबानी में आयोजित इस जिंक कॉलेज में हिस्सा लेने वाले प्रतिनिधियों ने माना कि नवीकरणीय ऊर्जा और बैट्री तकनीक जैसे उभरते क्षेत्रों के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टील विस्तार और ऑटोमोटिव जैसे मौजूदा उद्योगों में बढ़ती मांग से प्रेरित होगी। वैश्विक स्तर पर, सौर ऊर्जा अनुप्रयोगों में जिंक की मांग में 43 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है, जबकि पवन ऊर्जा क्षेत्र 2030 तक दोगुना हो जाएगा।

आईजेड के अध्यक्ष एवं हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में हम ऐसे मोड़ पर हैं, जहां जिंक कार्बन उत्सर्जन को कम करने, नवीकरणीय ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर का समर्थन करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्थिरता सुनिश्चित करने में निर्णायक भूमिका निभाएगा।

उन्होंने कहा कि जिंक हमारे चारों ओर की सभी चीजों के लिए आवश्यक है। जैसे भवनों से लेकर बेट्रियों, सोलर पैनल, और वाहनों तक भारत में जिंक की मांग तेजी से बढ़ने वाली है।

इंटरनेशनल जिंक एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक एंड्रयू ग्रीन ने कहा कि जिंक कॉलेज 2024 जिंक उद्योग के लिए एक मील का पत्थर है। यहां के सहयोग और चर्चाएं जिंक की वैश्विक अर्थव्यवस्था में भूमिका को आकार देंगी। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से ऊर्जा संक्रमण और स्थिरता लक्ष्यों को प्राप्त करने में जिंक की महत्वपूर्ण भूमिका पवन, सौर, ऑटोमोटिव और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे उद्योगों को डीकाबोर्नाइज करने में पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है।

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