Rent recovery-eviction amendment bill passed by the assembly in bihar vidhan sabha Six months jail, fine or both if you encroach on government land | विधानसभा से पास हुआ किराया वसूली-बेदखली संशोधन बिल: सरकारी जमीन पर कब्जा किया तो छह माह की जेल, जुर्माना या दोनों, अब तक 1956 का कानून लागू था – Patna News

बिहार में अब सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने वालों की अब खैर नहीं। सरकारी जमीन, मकान या दूसरी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने वालों को रोकने के लिए नीतीश सरकार ने नया और कड़ा कानून बना दिया है। सरकार का ये नया कानून बुधवार को बिहार विधानसभा से पास ह

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नये कानून के तहत सरकारी परिसर में अवैध कब्जे पर 6 माह की सजा या 10 हजार जुर्माना या दोनों दंड साथ-साथ दिए जाएंगे। पीड़ित एक सप्ताह के अंदर भवन निर्माण विभाग के सचिव के पास अपील कर सकेगा। बिहार सरकारी परिसर (आवंटन, किराया वसूली एवं बेदखली) (संशोधन) विधेयक 2024 मंगलवार को विधानसभा में पारित कर दिया गया। कानून में संशोधन के बाद अब अवैध रूप से सरकारी परिसर पर कब्जा बनाए रखने और निर्देश के अनुसार उसे खाली नहीं करने यानी सरकारी निर्देशों का उल्लंघन करने की स्थिति में जुर्माना/सजा मिलेगी। भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने कहा कि सरकारी परिसरों में रहने वाले व्यक्तियों से किराए के संग्रह और ऐसे परिसरों से व्यक्तियों को बेदखल करने के लिए कानून में संशोधन किया गया है। सरकारी परिसर को अवैध कब्जा की संभावना को कम करने और नियत अवधि के लिए सरकारी परिसर को सरकारी/अर्द्धसरकारी/वैधानिक संस्थाओं को आवश्यकतानुसार राज्य सरकार द्वारा आवंटित करने के लिए इस कानून की जरूरत पड़ी है।

सरकारी जमीन, मकान या दूसरी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने वालों को रोकने के लिए नीतीश सरकार ने नया और कड़ा कानून बना दिया है। सरकार का ये नया कानून बुधवार को बिहार विधानसभा से पास हो गया।

सरकारी जमीन, मकान या दूसरी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने वालों को रोकने के लिए नीतीश सरकार ने नया और कड़ा कानून बना दिया है। सरकार का ये नया कानून बुधवार को बिहार विधानसभा से पास हो गया।

संशोधन क्यों करना पड़ा ?

वर्तमान कानून (बिहार सरकारी परिसर (आवंटन, किराया वसूली एवं बेदखली) अधिनियम, 1956 में लीज पर आवंटित सरकारी भूमि को खाली कराने, लीज किराया का पुनर्निधारण तथा बकाया लीज किराया वसूली आदी से संबंधित नियम स्पष्ट नहीं है। इसको देखते हुए सरकारी परिसर आवंटन किराया वसूली एवं बेदखली कानून में संशोधन करना पड़ा है। समय के साथ कई नए मुद्दे उत्पन्न हुए हैं, जो वर्तमान कानून में शामिल नहीं हैं।

नया प्रावधान क्या जुड़ा?

लीज या पट्टा पर लिए व्यक्ति की मृत्यु के बाद बकाया किराया उनके वारिस से वसूला जाएगा। संशोधन में वारिस से वसूलने का प्रावधान जोड़ा गया है। वारिसों और विधिक प्रतिनिधियों के दायित्व को स्पष्ट किया गया है।

अब क्या होगा?

संशोधन के बाद सरकारी परिसर में कब्जे की संभावना को कम किया जा सकेगा। साथ ही आवश्यकतानुसार राज्य सरकार नियत अवधि के लिए सरकारी परिसर को सरकारी, अर्द्धसरकारी और अन्य वैधानिक संस्थाओं को आवंटित कर सकेगी।

क्या कार्रवाई की जाएगी?

यदि कोई भी व्यक्ति आवंटन आदेश, पट्टा, निपटान और लाइसेंस रद्द होने के बाद भी किसी सरकारी परिसर पर अनधिकृत दखल में हैं तो, सक्षम प्राधिकार नोटिस देकर परिसर खाली करने का आदेश देगा। 1 सप्ताह में परिसर खाली नहीं करने पर कार्रवाई होगी।

विधानसभा में भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने सरकारी जमीन, मकान और संपत्ति से संबंधित संशोधन विधेयक पेश किया। मंत्री जयंत राज ने सदन में कहा कि अब तक सरकारी परिसरों का उपयोग करने वाले व्यक्तियों से किराया वसूल करने, आवंटन निरस्त करने या फिर उस सरकारी संपत्ति से संबंधित व्यक्ति को बेदखल करने के लिए 1956 का कानून लागू था।

विधानसभा में भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने सरकारी जमीन, मकान और संपत्ति से संबंधित संशोधन विधेयक पेश किया। मंत्री जयंत राज ने सदन में कहा कि अब तक सरकारी परिसरों का उपयोग करने वाले व्यक्तियों से किराया वसूल करने, आवंटन निरस्त करने या फिर उस सरकारी संपत्ति से संबंधित व्यक्ति को बेदखल करने के लिए 1956 का कानून लागू था।

बिहार में अब तक 1956 का कानून लागू था

अब तक बिहार में सरकारी संपत्ति का आवंटन कराने वालों या लीजधारी से आवंटन वापस लेने, किराया वसूली या बेदखली का कोई कड़ा कानून नहीं था। सरकार कह रही है कि इससे कारण बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन और संपत्ति पर अवैध कब्जा हो गया है। इसे कब्जा से मुक्त कराने के लिए नए कानून की जरूरत थी। लिहाजा, बिहार सरकारी परिसर (आवंटन, किराया, वसूली, बेदखली) संशोधन विधेयक पारित कराया गया है। विधानसभा में भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने सरकारी जमीन, मकान और संपत्ति से संबंधित संशोधन विधेयक पेश किया। मंत्री जयंत राज ने सदन में कहा कि अब तक सरकारी परिसरों का उपयोग करने वाले व्यक्तियों से किराया वसूल करने, आवंटन निरस्त करने या फिर उस सरकारी संपत्ति से संबंधित व्यक्ति को बेदखल करने के लिए 1956 का कानून लागू था।

68 साल पुराने कानून में मौजूदा समय के मुताबिक प्रावधान नहीं था। ऐसे में लीज पर दी गई सरकारी जमीन को खाली कराने, लीज किराये का फिर से निर्धारण करने और लीज की बकाया राशि वसूली में कठिनाई हो रही थी। नए कानून के लागू होने के बाद सरकारी संपत्ति पर कब्जे की आशंका कम हो जाएगी। पुराने अधिनियम में लीज पर आवंटित सरकारी भूमि को खाली कराने, लीज किराया का पुनर्निधारण तथा बकाया लीज किराया वसूली से संबंधित नियम स्पष्ट नहीं होने के कारण पटना उच्च न्यायालय के महाधिवक्ता ने 1956 वाले अधिनियम में आवश्यक संशोधन करने का परामर्श दिया। फिर पहली मार्च 2024 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें महाधिवक्ता की राय और संबंधित विभागों से प्राप्त मंतव्य/सुझाव के अनुसार ये संशोधन किए गए हैं।

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