नई दिल्ली54 मिनट पहले
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भारतीय रिफाइनर्स रूसी तेल के आयात को कम कर सकते हैं। रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि रिफाइनिंग कंपनी रिलायंस सरकार की गाइडलाइंस के हिसाब से अपनी रूसी तेल की खरीदारी एडजस्ट करेगी। सरकारी कंपनियां भी शिपमेंट चेक कर रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत पर रूस से तेल खरीद बंद करने का दबाव डाल रहे हैं। ट्रम्प ने 19 अक्टूबर को दावा किया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से बात की है। प्रधानमंत्री ने उनसे कहा है कि वे रूस से कच्चे तेल की खरीद बंद कर देंगे।
ट्रम्प ने 22 अक्टूबर को रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट और लुकोइल पर सैंक्शंस भी लगाए हैं। यूरोपीय संघ के रूसी LNG के आयात पर भी पूरी तरह बैन लगाने के बाद ट्रम्प ने यह कदम उठाया है। वहीं ब्रिटेन ने भी दोनों कंपनियों पर सैंक्शन लगाया था।

सरकारी कंपनियां भी शिपमेंट चेक कर रही
सरकारी कंपनियां जैसे इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम भी अपने व्यापार दस्तावेजों की जांच कर रही हैं। वे नवंबर 21 के बाद आने वाले शिपमेंट्स के बिल चेक कर रही हैं, ताकि रोसनेफ्ट या लुकोइल से सीधी सप्लाई न हो।
नई दिल्ली और स्थानीय रिफाइनर्स के बीच बातचीत से वाकिफ एक शख्स ने बताया कि भारत सरकार ने निजी तौर पर कंपनियों से रूसी तेल के आयात को कम करना शुरू करने को कहा है।
रूसी कंपनियों पर सैंक्शंस 21 नवंबर से लागू
अमेरिकी ट्रेजरी ने 21 नवंबर 2025 तक का समय दिया है। इस अवधि में कंपनियों को रोसनेफ्ट और लुकोइल के साथ लेन-देन समाप्त करने होंगे। अगर पालन न किया गया, तो जुर्माना, ब्लैकलिस्टिंग या व्यापार प्रतिबंध लग सकते हैं।
महंगे कच्चे तेल से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ सकते हैं
रूसी तेल सस्ता था, अब मध्य पूर्व या अमेरिका जैसे वैकल्पिक स्रोतों से तेल लेना पड़ेगा, जो महंगे हैं। भारत की कुल आयात में रूसी तेल का बड़ा हिस्सा था, इसलिए रिफाइनिंग लागत बढ़ेगी और पेट्रोल-डीजल के दामों पर भी इसका असर दिख सकता है।

रूस-यूक्रेन जंग के बाद से भारत रूसी तेल खरीद रहा
2022 में रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद रूसी तेल सस्ता हो गया। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है, और रूसी तेल ने इसकी जरूरतों को सस्ते में पूरा किया। लेकिन अब सैंक्शंस के कारण उसे रूसी तेल खरीद कम करनी पड़ सकती है।
भारतीय सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 से देश ने लगभग 140 अरब डॉलर मूल्य का डिस्काउंटेड रूसी तेल खरीदा है। इसे रिलायंस और दूसरी कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल में प्रोसेस किया और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेचा।
ट्रम्प बोले- भारत रूसी तेल खरीदना बंद करेगा
व्हाइट हाउस में बुधवार, 22 अक्टूबर को पत्रकारों से बात करते हुए ट्रम्प ने 5वीं बार कहा, “तेल खरीदना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे तुरंत रोकना संभव नहीं है, लेकिन साल के अंत तक वे इसे जीरो कर देंगे। मेरी प्रधानमंत्री मोदी से इस बारे में बातचीत हुई है।
ट्रम्प ने भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया था
इससे पहले अगस्त में ट्रम्प ने रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगा दिया था। 27 अगस्त से भारत पर कुल 50 टैरिफ लग रहा है। इसमें 25% रेसीप्रोकल यानी जैसे को तैसा टैरिफ और रूस से तेल खरीदने पर 25% पैनल्टी है।
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