Reliance Industries Halts Russian Oil Imports at Jamnagar SEZ to Comply with EU Sanctions | रिलायंस रूसी क्रूड से बने प्रोडक्ट एक्सपोर्ट नहीं करेगी: यूरोपीय यूनियन के सैंक्शन का पालन करेगी कंपनी; घरेलू उपयोग के लिए तेल खरीदना जारी रखेगी

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नई दिल्ली13 घंटे पहले

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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने जामनगर की एक्सपोर्ट ओनली (SEZ) रिफाइनरी में रूसी क्रूड का इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर दिया है। कंपनी ने कहा कि 20 नवंबर से रूसी क्रूड का इंपोर्ट SEZ यूनिट में रोका गया है। 1 दिसंबर से यहां से होने वाला सारा फ्यूल एक्सपोर्ट नॉन-रशियन क्रूड से बनेगा।

हालांकि रिलायंस घरेलू उपयोग के लिए रूस के क्रूड ऑयल का इस्तेमाल करती रहेगी। कंपनी ने यह फैसला यूरोपीय यूनियन के सैंक्शन का पालन करने के लिए लिया है। जनवरी 2026 से रशियन क्रूड से बने कोई भी प्रोडक्ट्स यूरोपीय यूनियन में नहीं बेचे जा सकेंगे

एक्सपोर्ट करने वाली रिफाइनरी में रूसी तेल बंद होगा

रिलायंस की जामनगर कॉम्प्लेक्स में दो रिफाइनरी हैं। एक SEZ यूनिट जो सिर्फ एक्सपोर्ट करती है और दूसरी पुरानी यूनिट जो घरेलू मार्केट सप्लाई करती है। कंपनी ने कहा कि SEZ यूनिट में अभी पुराना रशियन क्रूड इन्वेंट्री प्रोसेस हो रहा है। जैसे ही वह खत्म होगा, नया प्रोडक्शन सिर्फ नॉन-रशियन क्रूड से होगा।

घरेलू इस्तेमाल के लिए रशियन ऑयल यूज होगा रिलायंस के स्पोक्सपर्सन ने कहा, “20 नवंबर से SEZ रिफाइनरी में रशियन क्रूड का इंपोर्ट बंद कर दिया है। 1 दिसंबर से यहां से होने वाला सारा प्रोडक्ट एक्सपोर्ट नॉन-रशियन क्रूड से बनेगा। उन्होंने बताया कि 22 अक्टूबर तक के कमिटेड रशियन क्रूड कार्गो को ऑनर किया जा रहा है।

आखिरी कार्गो 12 नवंबर को लोड हुआ था। 20 नवंबर या उसके बाद आने वाले रशियन कार्गो को घरेलू टैरिफ एरिया (DTA) रिफाइनरी में प्रोसेस किया जाएगा।

यहां 3 सवाल-जवाब में समझिए पूरा मामला

सवाल 1: यूरोपीय यूनियन के रूस पर सैंक्शन क्या हैं?

जवाब: यूरोपीय यूनियन (EU) ने रूस की यूक्रेन पर हमले के बाद रूस की कमाई रोकने के लिए कई सैंक्शन लगाए हैं। इनमें से सबसे ताजा और बड़ा सैंक्शन रशियन क्रूड ऑयल और उससे बने प्रोडक्ट्स (पेट्रोल, डीजल, ATF आदि) पर है। जनवरी 2026 से EU में रशियन ऑयल से बनी कोई भी चीज नहीं बेची जा सकेगी।

सवाल 2: रिलायंस को इन सैंक्शन का पालन क्यों करना पड़ रहा है?

जवाब: रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी का एक हिस्सा (SEZ यूनिट) सिर्फ एक्सपोर्ट के लिए है और उसका बड़ा कस्टमर EU है। रिलायंस रशियन क्रूड सस्ते में खरीदकर उसे रिफाइन करके पेट्रोल-डीजल बनाती है और यूरोप को बेचती है।

सवाल 3: सैंक्शन का पालन नहीं करने पर क्या नुकसान हो सकता है?

जवाब: EU में पहले ही रशियन क्रूड का डायरेक्ट इंपोर्ट EU में बैन है। अगर कोई कंपनी रशियन क्रूड से फ्यूल बनाकर EU को बेचती है, तो वह भी बैन हो जाएगा। रिलायंस अब अगर रशियन क्रूड यूज करती रहेगी, तो जनवरी 2026 से उसका बना फ्यूल EU में नहीं बिकेगा। ​​​​जिससे हर महीने अरबों रुपए का नुकसान होगा।

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