नई दिल्ली25 मिनट पहले
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वित्त वर्ष 2025-26 का बजट आ चुका। अब नजर रिजर्व बैंक पर है। 5-7 फरवरी के बीच इसकी मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक होगी। चूंकि बजट का फोकस देश में खपत बढ़ाने पर रहा, लिहाजा उम्मीद जताई जा रही है कि रिजर्व बैंक भी ब्याज दरें घटाकर इस मामले में सरकार की मदद करेगा। देश में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने के लिए खपत बढ़ाना जरूरी माना जा रहा है।
बजट में इनकम टैक्स में बड़ी राहत दी गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सालाना 12 लाख रुपए तक की आय को टैक्स-फ्री कर दिया है। नई रिजीम में अब तक छूट की ये सीमा 7 लाख रुपए थी। आनंद राठी ग्रुप के सह-संस्थापक और वाइस-चेयरमैन प्रदीप गुप्ता ने कहा कि इनकम टैक्स में छूट से खपत बढ़ने की उम्मीद है। खास तौर पर मध्यम और उच्च-मध्यम आय वर्ग के बीच विवेकाधीन खर्च बढ़ सकता है।
केंद्र को रिजर्व बैंक व बैंकों से 2.5 लाख करोड़ रुपए डिविडेंड मिलने की उम्मीद आर्थिक जानकारों ने बजट दस्तावेजों का विश्लेषण करते हुए यह अनुमान लगाया है कि सरकार को RBI और सरकारी बैंकों से कुल मिलाकर 2.56 लाख करोड़ तक का डिविडेंड मिल सकता है। बीते वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार को कुल 2.30 लाख करोड़ रुपए का डिविडेंड मिला था।
इस साल अनुमानित राशि इससे भी ज्यादा हो सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक रुपए की गिरावट और फॉरेन करेंसी एसेट्स से होने वाली कमाई इस बढ़ोतरी की मुख्य वजह हो सकती है।
राहत 4% रह सकती है महंगाई, इससे भी ब्याज दरें घटने की बढ़ रही गुंजाइश बाजोरिया का मानना है कि इस साल खुदरा कीमतों के हिसाब से महंगाई दर घटकर 4% के आसपास आ सकती है। ऐसे में रिजर्व बैंक को नीतिगत दरें घटाने में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। सोसाइटी जनरल में भारत के अर्थशास्त्री कुणाल कुंडू ने कहा कि रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा का रुख पिछले गवर्नर शक्तिकांत दास के उलट है। उनकी नीतियां महंगाई को लेकर आशंकित रहने के बजाय अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने की तरफ है। जरूरत पड़ने पर वह रेपो रेट घटाने से नहीं कतराएंगे।
विशेषज्ञों को उम्मीद, इस वर्ष कई चरणों में 1% तक कटौती हो सकती है यदि रिजर्व बैंक ब्याज दरें कुछ कम करता है तो आम लोगों पर EMI का बोझ कम होगा। इससे अतिरिक्त बचत होगी। बैंक ऑफ अमेरिका सिक्युरिटीज यानी बोफाएस इंडिया के अर्थशास्त्री (भारत और एशिया) राहुल बाजोरिया और एलारा सिक्युरिटीज की इकोनॉमिस्ट गरिमा कपूर को उम्मीद है कि RBI फरवरी में रेपो रेट 0.25% घटकर 6.25% कर देगा।
बाद में चरणबद्ध तरीके से 0.75% और कटौती करके 2025 के आखिर तक रेपो रेट 5.50% के स्तर पर लाया जा सकता है। साथ ही कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) 0.50% घटाकर या खुले बाजार से बॉन्ड खरीदकर भी RBI बैंकिंग सिस्टम में कैश बढ़ा सकता है।