rbi-mpc-meeting-date-change-repo-rate-cut-august-2025-news | RBI ने अगली MPC मीटिंग की तारीख बदली: 5-7 अगस्त के बजाय 4 से 6 अगस्त को होगी; बैठक से महंगाई को नियंत्रित करती है बैंक

नई दिल्ली28 मिनट पहले

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RBI ने 6 जून को दूसरी मीटिंग में  रेपो रेट में 0.50% की कटौती की है। - Dainik Bhaskar

RBI ने 6 जून को दूसरी मीटिंग में रेपो रेट में 0.50% की कटौती की है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी अगली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक की तारीख बदल दी है। अब यह मीटिंग 5-7 अगस्त 2025 की बजाय 4 से 6 अगस्त को होगी। RBI ने 6 जून को प्रेस रिलीज जारी कर प्रशासनिक कारणों का हवाला देते हुए यह बदलाव किया है।

रिजर्व बैंक ने मार्च में वित्त वर्ष 2025-26 की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की 6 बैठकों का शेड्यूल जारी किया था। इस वित्त वर्ष की दो बैठकें हो चुकीं हैं। इनमें से पहली बैठक 7-9 अप्रैल और दूसरी बैठक 4 से 6 जून के बीच हुई है।

इस साल 3 बार घटा रेपो रेट, 1% की कटौती हुई

RBI ने फरवरी में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया था। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की ओर से ये कटौती करीब 5 साल बाद की गई थी।

दूसरी बार अप्रैल में हुई मीटिंग में भी ब्याज दर 0.25% घटाई गई। जून में तीसरी बार दरों में कटौती हुई है। यानी, मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने तीन बार में ब्याज दरें 1% घटाई हैं।

जून मीटिंग में ब्याज दर 0.50% घटाई

RBI ने आज यानी 6 जून को दूसरी मीटिंग में बैंकों को दिए जाने वाले कर्ज की दर यानी रेपो रेट में 0.50% की कटौती की है। अब रेपो रेट 5.50% रह गया है। इससे बैंकों को RBI से कम ब्याज पर कर्ज मिलेगा।

ब्याज में इस कटौती को बैंक अपने ग्राहकों को ट्रांसफर करते हैं, तो आने वाले दिनों में लोन सस्ते हो सकते हैं। लोन सस्ते होने पर लोगों की मौजूदा EMI भी घट जाएगी।

ब्याज दरों में कटौती का फैसला मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी की 4 से 6 जून तक चली मीटिंग में लिया गया। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने आज 6 जून की सुबह इसकी जानकारी दी।

ब्याज में कटौती का असर उदाहरण से समझें

RBI जिस रेट पर बैंकों को लोन देता है उसे रेपो रेट कहते हैं। महंगाई कंट्रोल करने के लिए इसे बढ़ाया-घटाया जाता है।

ताजा कटौती के बाद 20 साल के लिए लिए गए ₹20 लाख के लोन पर करीब ₹1.48 लाख का फायदा मिलेगा। इसी तरह ₹30 लाख के लोन पर ₹2.22 लाख का फायदा होगा। नए और मौजूदा ग्राहकों दोनों को इसका फायदा मिलेगा।

मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी क्या है?

मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी में 6 सदस्य होते हैं। जिनमें से 3 RBI के होते हैं, जबकि बाकी केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। समिति को प्राइस स्टेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए मॉनिटरी पॉलिसी बनाने के अलावा प्रमुख ब्याज दरें निर्धारित करने का काम सौंपा गया है।

रेपो रेट, जो बैंकों के ऋण और जमा दरों को निर्धारित करता है, MPC की बैठक के दौरान तय की जाती है। ये बैठक आमतौर पर हर दो महीने में होती है। घरेलू और आर्थिक स्थितियों पर चर्चा के बाद द्विमासिक मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा की जाती है। MPC के निर्णय सरकार को मुद्रा को स्थिर स्थिति में रखने और महंगाई को नियंत्रित करने में मदद करने में महत्व रखते हैं।

वर्तमान MPC के मेंबर

  • RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​
  • RBI के कार्यकारी निदेशक डॉ राजीव रंजन
  • RBI के डिप्टी गवर्नर M राजेश्वर राव
  • डॉ नागेश कुमार, डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव, औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान, नई दिल्ली
  • सौगता भट्टाचार्य, अर्थशास्त्री
  • प्रोफेसर राम सिंह, डायरेक्टर, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय

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