गाबा10 मिनट पहले
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इंटरनेशनल क्रिकेट 147 सालों से खेला जा रहा है। अब तक 7334 खिलाड़ी अलग-अलग देशों की टीम के लिए खेल चुके हैं और इनमें से 5000 से ज्यादा खिलाड़ी रिटायर हुए। क्या हम उन सभी 5000 खिलाड़ियों को याद रखते हैं। नहीं? रिटायरमेंट के बाद वैसे सितारे याद रखे जाते हैं जो खेल पर अपनी छाप छोड़कर जाते हैं। जैसे डॉन ब्रैडमैन, सचिन तेंदुलकर, शेन वार्न, मुथैया मुरलीधरन… इस फेहरिश्त में एक और लिजेंड का नाम जुड़ गया है। रविचंद्रन अश्विन का।
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन टेस्ट के आखिरी दिन इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने का चौंकाने वाला फैसला किया। स्टोरी में अश्विन की उन चार लिगेसी के बारे में जानेंगे, जो उन्हें हमेशा के लिए हमारे जेहन में आबाद रखने वाले हैं।
रविचंद्रन अश्विन भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले ऑफ स्पिनर रहे।
1. लिजेंडरी स्पिनर
टेस्ट क्रिकेट में अब तक 3198 खिलाड़ियों ने बॉलिंग की है। इनमें सिर्फ 9 ने करियर में 500 विकेट लिए। इन 9 में से 4 तेज गेंदबाज हैं। सिर्फ 5 स्पिनर्स ही ऐसे हुए जिन्होंने 500 या इससे ज्यादा विकेट लिए। अपने अश्विन अन्ना इन पांच में से एक हैं। भारत के लिए अनिल कुंबले के बाद सिर्फ दूसरे स्पिनर।
स्पिनर्स की अलग-अलग प्रजातियों में से सिर्फ ऑफ स्पिनर्स की बात करें तो रिटायरमेंट की घोषणा तक सिर्फ श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन ही ऐसे हैं जो अश्विन से आगे हैं। तीनों फॉर्मेट मिलाकर अश्विन ने 765 विकेट लिए हैं। स्पिनर्स में उनसे ज्यादा विकेट सिर्फ मुथैया मुरलीधरन, शेन वार्न और अनिल कुंबले ने ही लिए हैं।
2. फाइटिंग ऑलराउंडर
अश्विन ने फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत एक ओपनर के तौर पर की थी। बाद में वे स्पिनर बन गए। स्पिनर के तौर पर ही टीम इंडिया में आए, लेकिन वे अपनी बैटिंग स्किल भूले नहीं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए 6 शतकों की मदद से 3503 रन भी बनाए। इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के बाद वे दुनिया के सिर्फ दूसरे ऐसे ऑलराउंडर हैं, जिन्होंने टेस्ट में 500 से ज्यादा विकेट लेने के साथ-साथ 3500 से ज्यादा रन भी बनाए हैं। 500 विकेट लेने वाले गेंदबाजों में अश्विन इकलौते ऐसे हैं, जिन्होंने 1 से ज्यादा शतक बनाया है।
अश्विन के नाम टेस्ट क्रिकेट में 6 शतक रहे।
तीनों फॉर्मेट मिलाकर अश्विन ने 765 विकेट लेने के साथ-साथ 6 शतकों की मदद से 4394 रन भी बनाए हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में 700 से ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में सिर्फ वसीम अकरम ही ऐसे हैं, जिन्होंने अश्विन से ज्यादा रन (6615 रन) बनाए हैं।
3. स्ट्रीट स्मार्ट क्रिकेटर
अश्विन क्रिकेटर बनने से पहले एक इंजीनियर रहे हैं। एक इंजीनियर वाली स्मार्टनेस उनके खेल में भी दिखलाई देती है। इसे दो मशहूर उदाहरण को यादकर समझते हैं।
- जोश बटलर को मांकड करना अश्विन ने 2019 में IPL मैच के दौरान जोश बटलर को मांकड कर आउट किया था। जब कोई बॉलर गेंद डिलिवर करने से पहले क्रीज से बाहर खड़े नॉन स्ट्राइकर को रन आउट कर देता है तो इसे मांकड करना कहते हैं। यह किसी बल्लेबाज को आउट करने का कॉन्ट्रोवर्सियल तरीका माना जाता है, लेकिन अश्विन हमेशा कहते हैं कि खिलाड़ियों को नियम के दायरे में रहना चाहिए। बटलर क्रीज से बाहर खड़े थे और नियम के तहत उन्हें आउट करना सही था इसलिए उन्होंने ऐसा किया। ICC ने बाद में इस रनआउट का नाम ही नॉन-स्ट्राइकर रनआउट कर दिया। अश्विन के बटलर को मांकड करने के बाद 2019 में पंजाब ने राजस्थान को मैच हरा दिया था।
- 1 बॉल पर 2 रन की जरूरत थी और अश्विन ने गेंद छोड़ दी यह वाकया हुआ था 2022 टी-20 वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान। भारत को आखिरी गेंद पर जीत के लिए 2 रन की जरूरत थी। पाकिस्तानी गेंदबाज ने बॉल फेंकी और अश्विन ने उस पर कोई शॉट नहीं खेला। अश्विन ने पहले ही भांप लिया था कि गेंद लेग स्टंप के बाहर जाएगी और वाइड होगी। ऐसा ही हुआ। फिर भारत को 1 गेंद पर 1 रन की जरूरत रह गई और अश्विन ने अगली गेंद पर यह 1 रन बना लिया और भारत को जीत दिला दी। टी-20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ रवि अश्विन ने लेग साइड जाती गेंद को छोड़ दिया, इसके बाद भारत ने मैच जीत लिया था।
अश्विन अपनी इस स्मार्टनेस के बूते हमेशा टीम मैनेजमेंट के कोर में शामिल रहे। भले ही कई बार वे प्लेइंग-11 का हिस्सा नहीं होते थे, फिर भी उनकी सलाह लेकर ही कप्तान-कोच रणनीति तैयार करते थे।
अश्विन ने भारतीय टीम के साथ 2 ICC ट्रॉफी जीती। 2011 का वनडे वर्ल्ड कप और 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी।
4. अनडिसप्यूटेड सीरीज विनर
अश्विन 106 टेस्ट मैचों में 10 बार प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए। भारत की ओर से उनसे ज्यादा बार यह अवॉर्ड सिर्फ सचिन तेंदुलकर (14 बार) और राहुल द्रविड़ (11 बार) को ही मिल सका। रवींद्र जडेजा, विराट कोहली और अनिल कुंबले उनकी बराबरी पर हैं।
अश्विन मैच विनर से ज्यादा सीरीज विनर थे, क्योंकि उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड तो 10 बार मिला, लेकिन प्लेयर ऑफ द सीरीज अवॉर्ड 11 बार मिल गया। यानी किसी भी सीरीज में उनका ओवरऑल प्रदर्शन बाकी प्लेयर्स से बेहतर रहता था। मुथैया मुरलीधरन भी इतनी ही बार प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे। दुनिया के बाकी सारे क्रिकेटर अश्विन से पीछे हैं।
कार्टून: मंसूर नकवी