15 मिनट पहलेलेखक: किरण जैन/अरुणिमा शुक्ला
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‘मेरा नाम रणवीर शौरी है। मुझे आपने खोसला का घोसला (2007), लक्ष्य (2004) और जिस्म (2003) जैसी फिल्मों में देखा है। हाल ही में मैं रियलिटी शो बिग बॉस OTT 3 में दिखा हूं। मैं लगभग 25 साल से एक्टिंग फील्ड से जुड़ा हुआ हूं। हालांकि मुझे हर कदम पर स्ट्रगल करना पड़ा।
करियर के इस सफर में मेरे साथ बहुत बड़ा पब्लिक स्कैंडल हुआ। एक बड़ा फिल्मी परिवार मेरे पीछे ही पड़ गया। बिना गलती के नाम को उछाला गया। इसकी वजह से डिप्रेशन जैसे हालात हो गए। आखिरकार मुझे सब कुछ छोड़कर अमेरिका जाना पड़ा।’
यह बताते हुए रणवीर शौरी का गला भर आया। वे कहते हैं, ‘पता नहीं कब तक मैं यह हार-जीत का खेल खेलता रहूंगा। थक भी जाता हूं, लेकिन मजबूरी के आगे झुकना पड़ता है।’
रणवीर एक फिल्मी बैकग्राउंड से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन उनकी किस्मत रणवीर कपूर या ऋतिक रोशन जैसे स्टार किड जैसी नहीं रही। वे कहते हैं, ‘पिताजी के. डी. शौरी फिल्म प्रोड्यूसर थे, लेकिन मैंने कभी उनकी मदद नहीं ली। दरअसल पिताजी से मेरे रिश्ते अच्छे नहीं थे।
फिल्मों में आने पर मुझे पिता के नाम का फायदा नहीं बल्कि नुकसान ही हुआ। लोग बैकग्राउंड जानकर काम देने से कतराते थे। ऐसे में खुद के दम पर पहचान बनाना बहुत मुश्किल रहा। हालांकि मैंने फैसला कर लिया था कि अपना फ्यूचर खुद के दम पर बनाऊंगा।’
तस्वीर में पिता के साथ रणवीर शौरी।
यह सुनते ही मैं उनसे पूछ बैठी तो क्या आप मुंबई में जन्मे हैं?
रणवीर कहते हैं, ‘मैं जालंधर में पैदा हुआ, लेकिन एक साल की उम्र में मुंबई आ गया था। पिता के प्रोफेशन का ही असर रहा कि मैं हमेशा से क्रिएटिव फील्ड में जाना चाहता था।
मैं शुरुआत में म्यूजिक वीडियो बनाना चाहता था। मन में दूर-दूर तक एक्टर बनने का ख्याल नहीं था, लेकिन किस्मत ने ऐसी करवट ली कि पहले वीजे (वीडियो जॉकी) के तौर पर काम किया, फिर एक्टिंग से जुड़ा। मैंने फिल्मों से पहले थिएटर में भी काम किया है।’
फिल्मों में आने का फैसला क्यों किया?
‘पिताजी की अंतिम कुछ फिल्में बुरी तरह से पिट गई थीं। वे पाई-पाई के मोहताज हो गए थे। गुजारे के लिए घर बेचने तक की नौबत आ गई। उस वक्त मां का भी निधन हो गया, जिसने मुझे अंदर तक झकझोर दिया। कुल मिलाकर जिंदगी में कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा था।
मैं घर के खर्चे तक मैनेज नहीं कर पा रहा था। यही देखकर मुझे दोस्तों और परिवार वालों ने सुझाव दिया कि तुम्हें फिल्मों में आना चाहिए। शुरुआती समय बहुत मुश्किल रहा। 2002-2005 तक न तो मेरे पास ढंग का काम था और न ही गुजारे के लिए पैसे। अकाउंट में एक फूटी कौड़ी तक नहीं बची थी।’
तस्वीर में मां की गोद में रणवीर शौरी।
काम नहीं मिलने पर क्या कभी इंडस्ट्री छोड़ने का ख्याल नहीं आया?
‘मन तो करता था, लेकिन हालात के आगे क्या कर सकता था। घर की माली हालत इतनी खराब थी कि मुझे काम करना ही था। प्लान B भी नहीं था।
मैंने कुछ समय के लिए रेस्टोरेंट बिजनेस और एक-दो दूसरे काम में हाथ आजमाया, लेकिन कहीं बात नहीं बनी। आखिरकार सिर्फ एक्टिंग ही एक ऑप्शन बचा।’
फिर आगे किस फिल्म ने आपकी तकदीर बदली?
‘2006 में रिलीज हुई दो फिल्में खोसला का घोसला और प्यार के साइड इफेक्ट्स ने मेरी किस्मत बदल दी। इन दोनों फिल्मों ने रातों-रात मुझे नई पहचान दे दी। इंडस्ट्री में लोग मुझे पहचानने लगे, जिससे सफर कुछ समय के लिए आसान हो गया।
सच कहूं तो इसके बाद मुझे काम मांगने के लिए भटकना नहीं पड़ा। काम की कमी जरूर रही, लेकिन ऐसा भी नहीं कि काम मांगने के लिए मुझे फिल्ममेकर्स के आगे हाथ जोड़ने पड़े हों।’
आपको इंडस्ट्री से काम चाहिए था, इसलिए बिग बॉस में आए?
‘यह बात पूरी तरह से सही नहीं है। यह इंडस्ट्री का रूल है कि पहले आप स्ट्रगल करेंगे, फिर आपको सफलता मिलेगी, फिर थोड़ा और संघर्ष करेंगे, फिर सफलता मिलेगी। इस तरह से यह साइकिल चलती रहती है।
एक वक्त सक्सेस देखने के बाद मेरे पास काम की थोड़ी बहुत कमी आ गई थी। बाकी जो दूसरे प्रोजेक्ट्स थे, वह रिलीज नहीं हो पा रहे थे। आखिरकार मुझे बिग बॉस के घर में जाना पड़ा।
बिग बॉस के घर में छोटी सी चीज का बड़ा मुद्दा बना दिया जाता है। मेरे भी इस सच को बहुत उछाला गया है। वहीं जिस बयान में मैंने कहा कि मुझे ट्रॉफी नहीं बस प्राइज मनी से मतलब है, उसे भी जनता के सामने तोड़-मरोड़ के पेश किया गया। सच्चाई यह है कि मैंने वह बातें मजाकिया ढंग से कही थीं। खैर मुझे उड़ता तीर लेने की आदत भी है।’
अगले सवाल पर जाने से पहले रणवीर और पूजा भट्ट विवाद को जान लेते हैं…
महेश भट्ट के साथ रिश्ते बिगड़ने पर क्या इंडस्ट्री से आपको सपोर्ट मिला?
‘उस बुरे वक्त में जिन्होंने मेरा साथ दिया, वे मेरे आज भी दोस्त हैं। कुछ दोस्त ऐसे भी होते हैं, जो एक लड़ाई के बाद आपसे बहुत दूर चले जाते हैं। ऐसा मेरे साथ भी हुआ। कुछ फ्रेंड्स उस दौरान छूट गए।
सच्चाई यही है कि जिसके पास रिसोर्स ज्यादा होते हैं, PR तगड़ा होता है, टॉप पर वही होता है। खैर इस चीज पर और क्या ही बात करनी है। इस घटना को बीते 20-25 साल हो गए हैं। मैं इस मैटर में और नहीं फंसना चाहता हूं।’
लाइफ का सबसे बुरा दौर किसे मानते हैं?
‘जब मां की मौत हुई तो वह पहला धक्का था जो मुझे मिला। दूसरा जब मेरा कोंकणा सेन से तलाक हुआ। यही वजह है कि मैं अब शादी करने में विश्वास नहीं रखता।
कोंकणा के साथ बॉन्डिंग पर बोलूं तो पहले वे मेरी पत्नी थीं और अब सिर्फ मेरे बच्चे की मां हैं।’
आपके अपकमिंग प्रोजेक्ट्स क्या हैं?
‘आने वाले दिनों में हसल, हरी ओम हरी जैसी फिल्मों में दिखूंगा। वहीं जस्सी वेड जस्सी, बिदिया जैसी वेब सीरीज हैं, जो जल्द ही स्ट्रीम की जाएंगी। ऐसे कई और भी प्रोजेक्ट्स हैं, जिनका मैं नाम नहीं बता सकता।’